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5 करोड़ क्रांतियाँ!
समाज में बदलाव का छोटा-सा दीपक आचार्य जी ने जलाया था, वो अब मशाल बन रहा है!
20 साल से आचार्य जी पढ़ा रहे हैं। पहले 7-8 साल तो रिकार्डिंग ही या तो हुई नहीं, या अच्छी तरह नहीं हुई। फिर 2011 से आपकी संस्था ने यूट्यूब पर वीडियो डालना शुरू किया था, और 2014 में वर्तमान हिन्दी चैनल बना था।
2019 तक चैनल पर वीडियोस अधिक (3000), और साथ जुड़े साथियों की संख्या कम थी (2000 सब्सक्राइबर)। पर आचार्य जी बोले, चरैवेति, चरैवेति!
इस दौरान अगर करोड़ों नहीं, तो लाखों ज़िंदगियाँ तो ज़रूर बदली हैं। अंधेरों में कहीं दीप जले हैं, तो कहीं बग़ावत की मशालें रोशन हुई हैं।
ये सिर्फ़ शुरुआत है। हमें और आपको अभी बहुत आगे जाना है। बात यूट्यूब पर आँकड़े गिनने की नहीं है। इंसान बदलना है, दुनिया बदलनी है।
आचार्य जी ने कुछ दिनों पहले एक बात कही थी जो शायद आज ज़्यादा प्रासंगिक है:
"जो जानने लगे हो
उसे जी कर दिखाओ -
- मुझे श्रोता नहीं योद्धा चाहिए"
एक बार फिर आप सभी को बधाई ✨