Рет қаралды 34,035
श्रीकृष्ण के अष्टसखाओं (अष्टछाप के आठ कवियों) ने प्रभु की लीलाओं का साक्षात्कार कर उनका भावपूर्ण वर्णन अपने असंख्य कीर्तनों (पदों) में किया है। ये अष्टसखा निम्न हैं।
सूरदास, नन्ददास,परमानंददास, कुम्भनदास, छीतस्वामी, गोविन्दस्वामी, कृष्णदास, चतुर्भुजदास
इन अष्टसखाओं के आठ द्वार श्री गिरिराज जी की तलहटी में स्थित हैं।
श्री गोविन्दस्वामी (गोविन्ददास जी) श्रीनाथजी के अनन्य सखा व गुसाईं श्री विट्ठलनाथ जी के अनन्य सेवक थे।।
गिरिराज जी की तलहटी जतीपुरा में श्री गोविन्दस्वामी जी की कदम्बखण्डी में गोविन्दस्वामी जी का द्वार व बैठक का दुर्लभ दर्शन कीजिएगा यह स्थल श्रीगिरिराज जी गोवर्धन (मथुरा) की तलहटी में जतीपुरा के पास स्थित है
डॉ भगवान दास कीर्तनकार, कामवन
(अष्टसखा श्रीगोविंददासजी के वंशज)
9828737151
#braj
#brij
#giriraj
#girraj
#goverdhan
#govardhan
#brajdarshan
#brijdarshan
#darshan
#ashtasakha
#ashtachhap
#govindswami
#govinddas
#vlog
#vlogs
#mahaprabhuji
#baithak
#mahaprabhubaithak
#braj84kos
#brij84kos
#brajchaurasikos
#brijchaurasikos
#84kos
#brajparikrama
#pushtimarg
#brajbhumi
#brijbhumi
#vallabh