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आओ मर्दो, नामर्द बनो" स्वर्गीय भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की बेहतरीन कविता है।
अल्फाज़ श्री अटल जी का ऋणी है और सदैव ऋणी रहेगा। आपका रचना पढ़ने का सौभाग्य मिला यह मेरे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है।।
आओ मर्दो, नामर्द बनो। श्री अटल बिहारी वाजपेई जी की कविता।। poetry @alffaz। Best of atal ji
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