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भवन निर्माण के पहले हमें अपने बाउंड्री वॉल पर मुख्य प्रवेश द्वार बनाने के लिए शुभ स्थान को चुनना चाहिए जैसे कि पूर्व दिशा में नो देव निवास करते हैं इनमें से जयंत इंद्र और सूर्य के स्थान पर मुख्य प्रवेश द्वार बनाना चाहिए | दक्षिण दिशा की तरफ गंधर्व यम और ग्रह नक्षत्र के स्थान पर मुख्य प्रवेश द्वार बनाना चाहिए| पश्चिम दिशा की स्थिति में वरुण पुष्पदंत और सुग्रीव के स्थान पर तथा उत्तर की दिशा में सोम और भल्ला के स्थान पर मुख्य प्रवेश द्वार बनाना चाहिए | यह मुख्य प्रवेश द्वार दो पल्लू का होना चाहिए यह दरवाजा अपने बाउंड्री वाल से ऊंचा नहीं होना चाहिए बाउंड्री वॉल से छोटा रहना चाहिए अगर बड़ा बनाने की जरूरत पड़े तो बाउंड्री वॉल को भी बड़ा ऊंचा उठा देना चाहिए | मुख्य प्रवेश द्वार महत्वपूर्ण है इसलिए जो 11 स्थान मुख्य प्रवेश द्वार बनाने के लिए बताए गए हैं उन्हीं पर बनाने से ऊर्जा और स्वास्थ्य धन सुख इत्यादि की प्राप्ति होती है