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वास्तु शास्त्र के सिद्धांत से जाने की ब्रह्म स्थान के यह दोष हमारे जीवन में कितने प्रकार के समस्याएं उत्पन्न करती है अगर इसे आप और बारीकी से समझना चाहते हैं तो आधुनिक वास्तु के अनुसार ब्रह्म स्थान के दोष को उत्पन्न ही नहीं होने दे कारण कि अगर दोष उत्पन्न होता है तो फिर उसका उपचार मुश्किल हो जाता है तो जब भी भवन बनाने लगे नया निर्माण करने लगे तो आप कॉमेंट में जाकर के संपर्क कर सकते हैं आपको इसका पूरा सुझाव सलाह मिलेगा व्यवहारिक बात यह है कि कोई भी व्यक्ति सुख शांति समृद्धि के लिए अपने घर का निर्माण करता है घर में अगर पॉजिटिव एनर्जी अर्थात सकारात्मक ऊर्जा शुरू करता है तो उस घर का प्रमंडल पॉजिटिव रहता है और उसमें रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति जो है स्वस्थ सुंदर और समृद्ध रखें ब्रह्म स्थान का संबंध डायरेक्ट वास्तु पुरुष के नाभि से हैं ब्रह्म का वर्क है कार्य है क्रिएशन करना और क्रिएशन में किसी प्रकार का अगर कोई अवरोध उत्पन्न हो जाता है तो हम और जिस घर में रहते हैं सब कुपोषण के शिकार हो जाते हैं इस वीडियो में इसी का विश्लेषण किया गया है ध्यान पूर्वक सावधानीपूर्वक सलाह ले कर के अगर आप अपने धर्म में इसका उपयोग करते हैं यह आश्चर्यजनक परिणाम आपको देखने को मिल सकता है यह व्यक्तिगत मेरा मत है मानना नहीं मानना आप इसके लिए स्वतंत्र हैं धन्यवाद