क्षमा चैनल प्रतिदिन- प्रातः, दोपहर और रात्रि में, साथ में ब्रेकिंग जैन न्यूज़ कभी भी subscribe, share like this channel pl
Пікірлер: 5
@jayantjain-fi5mhАй бұрын
परम आत्मा परमात्मा है जिनवाणी का सार,..उस महान आत्मा की अब सिर्फ यादें ही शेष हैं! हमें अब इसी कमी के साथ ही जीना है, क्योंकि आचार्य महाराज की कमी कभी पूरी नहीं हो सकेगी - यही सत्य है !! हम ये जरूर सीख सकते हैं कि मरने के बाद भी कैसे महापुरुषों को जीवत रखा जाता है ..इसके लिए हमें अपनी गलती को शुरू से सुधारना होगा! जैसे हमें आज आचार्य शांति सागर महाराज और वर्णी जी को भुला दिया !! इस लिए हमें व्याख्यान-माला शुरू करनी चाहिए, जिसमें वर्णी जी और शांति सागर महाराज के जीवन वृत्तांत हो !!ऐसा करने से मन थोड़ा हल्का होगा !!,,