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जायल के गुजरियावास गांव की बहन बेटियों के कार्यक्रम और उपलब्धियों की चर्चा पूरे देश और दुनिया में
- गुजरियावास गांव में बहन बेटियों के द्वारा आयोजित स्नेह मिलन, प्रतिभा सम्मान, आध्यात्मिक साधना, भागवत कथा और महाप्रसाद का सात दिवसीय आयोजन।
- शिक्षा, चिकित्सा , सेना और अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली बहन बेटियों का जेवीपी मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मान ।
- श्री राम द्वारा भादवासी के त्यागी संत हेतमराम जी के द्वारा भागवत कथा का वचन और आध्यात्मिक जीवन की मिल रही है प्रेरणा ।
- 140 घरों के गुजरियावास गांव के हर घर से सरकारी सेवा में भागीदारी।
- देसी भाषण के लिए प्रसिद्ध जायल के पूर्व प्रधान रिद्धकारण लोमरोड भी गुजरियावास के ही हैं।
जायल, नागौर । गुजरियावास गांव की बहन बेटियों ने मिलकर सामुदायिक एकता , सेवा और संस्कारों का एक स्वर्णिम इतिहास रचा है। गांव की एक बेटी बसंती के मन में स्नेह मिलन के आए विचार ने सात समंदर पार रहने वाली बहन मनसुखी जैसी बेटियों को भी 7 दिन के लिए गांव में एकजुट कर दिया। गांव की छोटी सी छोटी बहन बेटी से लेकर 101 वर्षीय बुआ जी तक शामिल है। गुजरियावास गांव के श्री देवनारायण मंदिर के पास सात दिवसीय स्नेह मिलन, प्रतिभा सम्मान, आध्यात्मिक साधना और भागवत कथा का अनूठा आयोजन चल रहा है। 16 जून से शुरू हुए कार्यक्रम 22 जून तक चलेंगे। जेवीपी मीडिया ग्रुप के चेयरमैन हरिराम किंवाड़ा और उनकी टीम ने इस कार्यक्रम का विशेष कवरेज किया है। मंच संचालन के साथ में मीडिया प्रमोशन किया है। बहन बेटियों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष डॉक्युमेंट्री बनाई है। गांव की प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जा रहा है। जीवन के अपने अनुभव को बड़ी बुजुर्ग बहन और बुआजी खुलकर व्यक्त कर रही है।
पूरा गांव सेवा भाव से जुड़ा हुआ है । पूरे कार्यक्रम का खर्च सरकारी सेवा में कार्यरत और सक्षम परिवार की बहन बेटियां उठा रही है।
इस आयोजन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं ।
वीवीआईपी डोम में कूलर और ए सी पंखों के साथ समुचित व्यवस्था है।
कार्यक्रम में आने वाले सब लोगों के लिए जूस, लस्सी और भोजन प्रसाद की व्यवस्था है । कई बहन बेटियां तो जीवन में पहली बार ही एक दूसरे से मिली है । गांव का हैप्पीनेस इंडेक्स सुपीरियर है। गांव की बहन बेटियों की उपलब्धियां मंच से साझा की जा रही है जिनको सुन और देखकर पूरा गांव गौरवान्वित है।
गुजरियावास गांव की है बेटियां देश के लिए एक श्रेष्ठ उदाहरण पेश कर रही है।
अपनी माटी के प्रति लगाव और कर्ज चुकाने का फर्ज अदा करने का प्रयास कर रही है ।
यहां की बेटियां शिक्षा, चिकित्सा और सेना में पदस्थापित है । गांव की बसंती को खेलों में स्टेट और नेशनल पर कई सारे मेडल है और राज्यपाल द्वारा शारीरिक शिक्षिका के रूप में सम्मानित है, तो देवकी लोमरोड प्राथमिक शिक्षक है और शिक्षा के नवाचार के लिए पूरे विभाग की आइकॉन है ।
देश की प्रथम पंक्ति में शामिल बीएसएफ में पद स्थापित निरमा लोमरोड राष्ट्रपति के समक्ष गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का गौरव प्राप्त कर चुकी है । नर्सिंग ऑफिसर्स के रूप में सुमन ने कोरोना काल में कई मरीजों को नया जीवन दान दिया है, जिसकी प्रेरक कहानी आज भी लोगों की जुबानी पर है। गुजरियावास गांव की बहन बेटियों का आत्मविश्वास और कार्य शैली महिला सशक्तिकरण की अद्भुत कहानी बयां करती है। जेवीपी मीडिया ग्रुप की ओर से गांव की बहन बेटियों को विशेष रूप से शाल, मेडल और प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया जा रहा है।
श्री राम द्वारा भादवासी के संत हेतमराम जी महाराज भागवत कथा के माध्यम से आध्यात्मिक जीवन की प्रेरणा दे रहे हैं।
गुजरियावास गांव के रहने वाले जायल के पूर्व प्रधान रिद्धकरण लोमरोड अपने ओजस्वी संबोधन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है । किसानों के विकास और वैज्ञानिक दृष्टिकोण की बात करने वाले रिद्धकरण लोमरोड भी गांव की बहन बेटियों के इस कार्यक्रम से बेहद खुश है।
गुजरियावास गांव से गुजरने वाला हर शख्स इस कार्यक्रम को देखकर सेवा और संस्कारों की नई प्रेरणा सीख रहा है।
Sisters and daughters living in the country and abroad together for 7 days, one idea and one program