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मित्रों एक समय की बात है, जब देवर्षि नारद, नारायण नारायण का जाप करते हुए, भगवान शिव के दर्शन करने के उद्देश्य से कैलास पर्वत पर जाते है, और कहते है। हे प्रभु! यह देवी संध्या कौन थी? और उन्होंने समस्त पुरुष जाती को कौन सा श्राप दिया था? आज मैं आपके पास देवी संध्या का महात्म्य सुनने के लिए ही आया हु। कृपा करें और मेरे मन की आशंकाओं को दूर करें।
भगवान शिव कहते है, हे नारद! आज तुमने उत्तम प्रश्न किया है, वह समस्त मानव जाती के कल्याण हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। आज मैं तुम्हें देवी संध्या के जन्म की कथा सुनाता हु,
इस कथा के माध्यम से तुम्हें तुम्हारे सभी प्रश्नों के उत्तर मिल जाएंगे। इसीलिए देवी संध्या के इस प्राचीन इतिहास को तुम ध्यानपूर्वक पूरा सुनो। इसका श्रवण करने मात्र से ही प्राणी के सभी पाप क्षणभर में जलकर नष्ट हो जाते है।
देवी संध्या के श्राप, गाय ने दीए स्त्रीयों को 3 श्राप, किस पाप के स्त्री विधवा होती है? , किस श्राप के कारण स्त्री गर्भवती होती है?, स्त्री कौनसा पाप करती है, पति पत्नी,
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