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10 मई 2024भक्त मन्दिर में बद्रीनाथ की मूर्ति के सामने पूजा करने के साथ-साथ अलकनंदा नदी के एक कुण्ड में भी डुबकी लगाते हैं।
प्रचलित धारणा यह है कि इस कुण्ड में डुबकी लगाने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है। यहाँ वनतुलसी की माला, चने की कच्ची दाल, गिरी का गोला और मिश्री आदि का प्रसाद चढ़ाया जाता है
।बद्रीनाथ लगभग 3,100 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। गढ़वाल हिमालय में अलकनंदा नदी के तट पर स्थित यह पवित्र शहर नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित है। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना 8वीं शताब्दी में ऋषि आदि शंकराचार्य ने की थी।
भगवान विष्णु को अपना मुख्य देवता मानते हुए यह मंदिर साल में छह महीने तक खुला रहता है।
बद्रीनाथ यात्रा संपूर्ण जानकारी
अलकनंदा और भागीरथी का संगम स्थल