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DevGuruAstro, नक्षत्र तक, Nakshtra Tak,
Astrology is an ancient concept, as old as time, you can say. It is an importance aspect of our lives - our past, present and future. To a great extent, astrology is used to forecast and predict future events and can also be used as a medium to get rid of any kind of mishap related to planetary positions.
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मारक ग्रह का रत्न कभी भी धारण नहीं किया जाता है I क्यूंकि मारक ग्रह से पड़ने वाली किरणें आपके शरीर की शत्रु होती हैं जो कि सदैव कष्टकारी होती है I जब भी मारक ग्रह की दशा-अन्तरा (i.e समय चले) चलेगी, आपके लिए समस्याएं लेकर आएगी I
मारक ग्रह सिर्फ एक कंडीशन पर अच्छा परिणाम दे सकता है जब ग्रह विपरीत राजयोग की थ्योरी में आ जाये I लेकिन उस कंडीशन में भी उस मारक ग्रह का रत्न धारण नहीं किया जायेगा
मारक ग्रह (Marak Grah) को वैदिक ज्योतिष में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह किसी कुंडली विशेष के लिए अर्थात किसी लग्न विशेष के लिए अलग-अलग हो सकते हैं और इनके प्रभाव से व्यक्ति को मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट भी मिल सकते हैं लेकिन ऐसा तभी होता है, जब इन ग्रहों की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा प्राप्त होती है।
हालांकि यह भी आवश्यक नहीं कि ये सदैव ही कष्टकारी हों क्योंकि जीवन में मृत्यु हमेशा एक ही बार आ सकती है। अगर किसी मारक ग्रह की दशा आपके जीवन में एक से अधिक बार आती है तो यह आवश्यक नहीं कि वह आपके जीवन में कष्ट ही लेकर आए अपितु अनेक प्रकार के अच्छे फल भी प्रदान कर सकते हैं। मारक ग्रह का आंकलन करना और प्रत्येक लग्न के लिए अर्थात मेष से लेकर मीन राशि के लग्न के लिए अलग-अलग मारक ग्रह का प्रभाव दिखाई देता है।
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