Virasat Foundation proudly hosted the great Ustad and Khalifa of Delhi Gharana Ustad Iqbal Ahmed Khan Sahib in 2015 at Surrey, BC
Пікірлер: 10
@kovid.rathee Жыл бұрын
Khan sahab ki gayaki aur compositions ka koi jawaab nahin. Hamesha naye rang nikaal kar laate the raagon se.
@rajatrashmi46773 жыл бұрын
उस्ताद इकबाल अहमद ने एक इंटरव्यू सुबह सवेरे में में एक राग जिला काफी पर एक ठुमरी की दो लाइन सुनाई थी वह ठुमरी शायद अमीर खुसरो की थी अगर आप इस ठुमरी का पूरा भाग व्हाट्सएप पर डाल दें तो बहुत कृपा होगी इसके साथ एक कबीर का भजन भी गाया था वह भी लाजवाब था अगर वह भी डाल दें तो मजा आ जाएगा।
@gurdeepsingh93472 жыл бұрын
🙏
@rajatrashmi46773 жыл бұрын
लाजवाब, यह गजल मैंने उस्ताद इकबाल अहमद की आवाज में पहली बार उनके मुनिरका के मकान में उन्हीं के मुंह सुनी थी जब वह शायद 2 1 या 22 वर्ष की रहे होंगे उस समय उनके घर पाकिस्तान से उस्ताद हुसैन बख्श आए हुए थे। यह शायद 1976 या 77 की बात रही होगी। कमाल की कंपोजीशन है और इकबाल साहब ने लाजवाब गाया है ।उनके अचानक चले जाने से एक बहुत बड़ा वेक्यूम आ गया है।
@syeed82998 ай бұрын
Wah subhanallah❤
@anitatrivedi42304 жыл бұрын
Waah..what a composition..made my day..thanks for sharing..Sir Iqbal Ahmed is one of the few legends of Khayal alive..Ishwar unko hamesha salamat rakhe..