उसका अर्थ मैं बताता हूं। केवल वही व्यक्ति भगवान को साधने में लगे जिसमे कुछ पाने का स्वार्थ नहीं हो। यह मार्ग अत्यंत कठिन है और केवल धर्म-निष्ट व्यक्ति ही इसपर चल सकते हैं।
@Nehasrivastava-es2fu4 жыл бұрын
गुरुदेव थोड़ा सरल भाषी होइये। जिससे हम साधारण बुद्धि वाले भी कुछ पा सके
@harishankarpathak96732 жыл бұрын
Neha ji aap k hirday kisraddha hi sare rahsya khol degi
@Peer.dan.charan11 ай бұрын
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@sarojrani7884 жыл бұрын
Namo Naraina Namo Naraina .ॐ ॐॐॐॐ, World se abh koi relation nahi rakhna . Sab jhooth lag raha. Sab maya nikal di Guru Ji ne
@adwaitastroguru42335 жыл бұрын
ज्ञान में अहंकार की उपलब्धि नही होती यदी होती है तो वह ज्ञानी नही हो सकता अहंकार सुक्ष्म हो या स्थुल हो वह अहंकार ही है। जींस व्यक्ति को मन है उसको अहंकार है जब व्यक्ति मन से मुक्त हो जाता है तो अहंकार आपोआप मीट जाता है।
@Rupeshkumawat915 жыл бұрын
ज्ञान ही अहंकार है...
@ramdwivedi98595 жыл бұрын
यदि अहंकार पूर्ण रूप से मिट जाए, तो समाधि की अवस्था हो जाती है, फिर लोक व्यवहार संभव नहीं। इसलिए तत्वदर्शी लोक व्यवहार के लिए अहम आभास का अवलंबन लेते है, यद्यपि उनकी स्थिति आत्म स्वरूप में ही सर्वथा बनी रहती है।
@Sanatan-Sandesh3 жыл бұрын
@Adwait AstroGuru जी ! शुद्ध लिखना तक आप नहीं जानते हैं , लेकिन लेखनी का दुरुपयोग करना अपना परम कर्तव्य समझते हैं। अपने नाम को शोधित कर दें , फिर ऐसी विषय पर बोलें। अद्वैत कभी astro जैसे एकदेशीय शब्द पर नहीं अटकता।