कबीर साहब कहते हैं कि जीवन मे यदि कभी ऐसी परिस्थित आ जाए की गुरु और गोविन्द दोनों साथ खड़े हो, तो पहले किसके पाँव छुए जाएँ ? कबीर साहब ने कई जगहों पर गुरु को ही ईश्वर तुल्य माना है। इस पर कबीर साहेब की वाणी है की वे गुरु के ही पाँव पहले छुएंग क्योंकि उन्होंने ही गोविन्द का ज्ञान करवाया है /गोविन्द के विषय में जानकारी दी है। यदि किसी के पास हीरा है और उसे ज्ञान नहीं है तो वह पत्थर के सामान ही है, लेकिन यदि कोई हीरे की जानकारी दे तो वह हीरे से भी बढ़कर महत्त्व रखता है।
@anitachaturvedi9579 Жыл бұрын
🙏🏼🙏🏼💐
@usharani8257 Жыл бұрын
sat saheb bandagi saheb
@kapilsingh40819 ай бұрын
Hill 😊
@education4all671 Жыл бұрын
Sir meaning bhi batao
@krishngovind Жыл бұрын
कबीर साहब कहते हैं कि जीवन मे यदि कभी ऐसी परिस्थित आ जाए की गुरु और गोविन्द दोनों साथ खड़े हो, तो पहले किसके पाँव छुए जाएँ ? कबीर साहब ने कई जगहों पर गुरु को ही ईश्वर तुल्य माना है। इस पर कबीर साहेब की वाणी है की वे गुरु के ही पाँव पहले छुएंग क्योंकि उन्होंने ही गोविन्द का ज्ञान करवाया है /गोविन्द के विषय में जानकारी दी है। यदि किसी के पास हीरा है और उसे ज्ञान नहीं है तो वह पत्थर के सामान ही है, लेकिन यदि कोई हीरे की जानकारी दे तो वह हीरे से भी बढ़कर महत्त्व रखता है।
@education4all671 Жыл бұрын
@@krishngovind thanks sir but sir apa next video me comment me likhane ke better hoga video ke last me bolana