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चक्र मनुष्य शरीर के ऊर्जा केंद्र होते हैं। यह कोई भौतिक वस्तु नहीं। चक्र मानव के प्राण शरीर में होते हैं, जो ऊर्जा और स्पंदन से बने हैं। ऊर्जा स्पंदन से बनती है और स्पंदन चेतना से उत्पन्न होता है। चेतना अति शुद्ध है। प्रत्येक चक्र की अपनी आत्मा है। चक्र को हील करने में बहुत दिन लग सकते हैं। यदि चक्र को पूरी तरह से साफ़ करना है तो उसकी आत्मा को हील करना होगा।
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