जो चैतन्य है उसको ही सब का ज्ञान है बुद्धि विवेक से आत्म प्रकाश मां न हो जाती है उसको सत्संग धार्मिक ग्रंथ पढ़ने से सत्संग से संभव है और जड़ जीव है उसकी आंख होते हुए भी कुछ दिखाई देता नहीं हो सकता ना ज्ञान हो सकता आत्मा परमात्मा नहीं होती है लेकिन परमात्मा का ही चेतन रूप है आत्मा जीव में प्रकट होती है जीव चला जाता है तो आत्मा परमात्मा में ही लीन हो जाती है लेकिन यह मोह माया संसार ही द्रोणाचार्य कितना भी ज्ञान हो यह मोह माया द्रोणाचार्य की तरह अंगूठे को कटवा ही डालती है इसके आगे बड़े बड़े ज्ञानी भी फेल हो जाते हैं अगर बचपन से ही भगवान के भजन में लगा जाए मां बाप को छोड़कर तो वेद पुराण और सब बुराई करते हैं वेद पुराण कहते हैं मां बाप की भगवान का रूप होता है तू भैया संसार के चक्कर में से निकलना बहुत कठिन है ज्ञान का तो उदय होकर अंत ही नहीं है ज्ञान का और भगवान का तो कोई अंत नहीं है तो मैं तो इसी में भलाई समझता घर संसार में रहकर ही राम राम जपो चाय विधि राखे राम जय विधि रहिए सीताराम सीताराम सीताराम कहिए मुख में हो राम नाम राम सेवा जय जय सीताराम की हाथ में
@NimaichandraSinha14SАй бұрын
Jitne Hindi Bhai Chahe Illiterate , Less Educated ,Highly Educated Ramkrishna Bachanamritam (Hindi)Chicago Speech ,The Master As I Saw -Written By Sister Nibedita Should Must Read To Know The Concept Of Religion,How To Become Human Being Who Has No Time Due To Job, Business, Corporates,Daily Rated Workers Fighting For Both End Bread- Sure Parhein. Jai Thakur,Jai Maa,Jai SWAMIJI ,Jai Sister...
@user-tk3zm3wm9qАй бұрын
@@NimaichandraSinha14S इसे हिंदी में रिप्लाई कीजिए कृपया