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IIT रुड़की के सौजन्य से अभी हाल ही में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ जिसमें अनुवाद के चार पक्षों पर विभिन्न व्याख्यान आयोजित किए गए थे। इसमें मशीनी अनुवाद सीमाएं और संभावनाएं- विषय पर मेरा व्याख्यान भी था। सी-डेक, पुणे के माध्यम से राजभाषा विभाग द्वारा विकसित कराए गए स्मृति आधारित सॉफ्टवेयर-"कंठस्थ" की प्रशिक्षण टीम के टीम लीडर के रूप में मैंने इसमें "कंठस्थ" की भी विस्तार से जानकारी दी। सुनकर देखिए, शायद आपके भी काम आ जाए।