Рет қаралды 928,613
मुंबई के ताज होटल पर हुए आतंकी हमले के आज 10 साल पूरे हो रहे हैं। 26 नवंबर 2008 को हुए इस हमले का वीभत्स मंजर आज भी लोगों के जेहन में कैद है। हमले के द्वारान आतंकियों से लोहा लेते हुए बुलंदशहर के जांबाज जवान और बहादुर मरीन कमांडो प्रवीण तेवतिया ने अपने सीने में कई गोलियां खाई थीं, और लगभग 150 लोगों की जान बचाई साथ ही होटल ताज की गुम्बद को ब्लास्ट होने से भी बचाया इतनी गोली लगने के बाद भी उनकी किस्मत से उनकी जान बच गई। बता दें कि आतंकवादियों से लोहा लेते हुए गोलियों ने उनके फेफड़े भेद दिए थे। लेकिन अभी भी उन्होंने जिंदगी से हार नहीं मानी। कई ऑपरेशन हुए और नौ साल इलाज चला,मगर उन्होंने हौसला नहीं खोया। प्रवीण फेफड़े की कई बीमारियों से ग्रस्त हैं और डॉक्टरों की हिदायत है कि वह ऑक्सीजन की कमी वाले दुर्गम इलाकों में न जाए। लेकिन यह प्रवीण तेवतिया का जज्बा ही है कि ताज होटल में फेफड़े और कान में गोली लगने के बाद भी आतंकियों को ढेर करने वाले 32 वर्षीय शौर्य चक्र विजेता और पूर्व मरीन कमांडो तेवतिया वर्षों व्यायाम और योग करके पुनः इस काबिल बने कि उन्होंने 72 किलोमीटर का मैराथन में पदक जीत सबको चकित कर दिया। साथ ही प्रवीण तेवतिया भारत के पहले दिव्यांग आयरनमैन बन गए हैं। हाल ही में उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में आयरनमैन ट्रायथलॉन चैम्पियनशिप 2018 की दुनिया की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का खिताब जीता है।
एंकर - नीलू व्यास
प्रोड्यूसर - वैभव राज शुक्ला