Is Par Priye Madhu Tum Ho Harivansh Rai Bachhan Kumar Vishvas | kumar vishvas poetry

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Sab Milega

Sab Milega

2 жыл бұрын

Is Paar Priye Harivansh Ray Bachhan Kumar Vishvas | kumar vishvas poetry
Credit kumar Vishwas ji
is par priye madhu tum ho lyrics :-
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का,
लहरालहरा यह शाखा‌एँ कुछ शोक भुला देती मन का,
कल मुर्झानेवाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो,
बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का,
तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो,
उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
जग में रस की नदियाँ बहती, रसना दो बूंदें पाती है,
जीवन की झिलमिलसी झाँकी नयनों के आगे आती है,
स्वरतालमयी वीणा बजती, मिलती है बस झंकार मुझे,
मेरे सुमनों की गंध कहीं यह वायु उड़ा ले जाती है!
ऐसा सुनता, उस पार, प्रिये, ये साधन भी छिन जा‌एँगे,
तब मानव की चेतनता का आधार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
प्याला है पर पी पा‌एँगे, है ज्ञात नहीं इतना हमको,
इस पार नियति ने भेजा है, असमर्थबना कितना हमको,
कहने वाले, पर कहते है, हम कर्मों में स्वाधीन सदा,
करने वालों की परवशता है ज्ञात किसे, जितनी हमको?
कह तो सकते हैं, कहकर ही कुछ दिल हलका कर लेते हैं,
उस पार अभागे मानव का अधिकार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
कुछ भी न किया था जब उसका, उसने पथ में काँटे बोये,
वे भार दि‌ए धर कंधों पर, जो रोरोकर हमने ढो‌ए,
महलों के सपनों के भीतर जर्जर खँडहर का सत्य भरा!
उर में एसी हलचल भर दी, दो रात न हम सुख से सो‌ए!
अब तो हम अपने जीवन भर उस क्रूरकठिन को कोस चुके,
उस पार नियति का मानव से व्यवहार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
संसृति के जीवन में, सुभगे! ऐसी भी घड़ियाँ आ‌ऐंगी,
जब दिनकर की तमहर किरणे तम के अन्दर छिप जा‌एँगी,
जब निज प्रियतम का शव रजनी तम की चादर से ढक देगी,
तब रविशशिपोषित यह पृथिवी कितने दिन खैर मना‌एगी!
जब इस लंबेचौड़े जग का अस्तित्व न रहने पा‌एगा,
तब तेरा मेरा नन्हासा संसार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
ऐसा चिर पतझड़ आ‌एगा, कोयल न कुहुक फिर पा‌एगी,
बुलबुल न अंधेरे में गागा जीवन की ज्योति जगा‌एगी,
अगणित मृदुनव पल्लव के स्वर 'भरभर' न सुने जा‌एँगे,
अलि‌अवली कलिदल पर गुंजन करने के हेतु न आ‌एगी,
जब इतनी रसमय ध्वनियों का अवसान, प्रिय हो जा‌एगा,
तब शुष्क हमारे कंठों का उद्गार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
सुन काल प्रबल का गुरु गर्जन निर्झरिणी भूलेगी नर्तन,
निर्झर भूलेगा निज 'टलमल', सरिता अपना 'कलकल' गायन,
वह गायकनायक सिन्धु कहीं, चुप हो छिप जाना चाहेगा!
मुँह खोल खड़े रह जा‌एँगे गंधर्व, अप्सरा, किन्नरगण!
संगीत सजीव हु‌आ जिनमें, जब मौन वही हो जा‌एँगे,
तब, प्राण, तुम्हारी तंत्री का, जड़ तार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
उतरे इन आखों के आगे जो हार चमेली ने पहने,
वह छीन रहा देखो माली, सुकुमार लता‌ओं के गहने,
दो दिन में खींची जा‌एगी ऊषा की साड़ी सिन्दूरी
पट इन्द्रधनुष का सतरंगा पा‌एगा कितने दिन रहने!
जब मूर्तिमती सत्ता‌ओं की शोभाशुषमा लुट जा‌एगी,
तब कवि के कल्पित स्वप्नों का श्रृंगार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
दृग देख जहाँ तक पाते हैं, तम का सागर लहराता है,
फिर भी उस पार खड़ा को‌ई हम सब को खींच बुलाता है!
मैं आज चला तुम आ‌ओगी, कल, परसों, सब संगीसाथी,
दुनिया रोतीधोती रहती, जिसको जाना है, जाता है।
मेरा तो होता मन डगडग मग, तट पर ही के हलकोरों से!
जब मैं एकाकी पहुँचूँगा, मँझधार न जाने क्या होगा!
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
is par priye madhu hai tum ho kumar vishvas
is par priye madhu hai tum ho full poem

Пікірлер: 50
@moolchandraagnihotri6989
@moolchandraagnihotri6989 Жыл бұрын
हरिवंश राय बच्चन जी का यह गीत अत्यन्त प्रशंसनीय है ।
@sanjeetyadav3921
@sanjeetyadav3921 7 ай бұрын
इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! यह चाँद उदित होकर नभ में कुछ ताप मिटाता जीवन का, लहरालहरा यह शाखाएँ कुछ शोक भुला देती मन का, कल मुर्झानेवाली कलियाँ हँसकर कहती हैं मगन रहो, बुलबुल तरु की फुनगी पर से संदेश सुनाती यौवन का, तुम देकर मदिरा के प्याले मेरा मन बहला देती हो, उस पार मुझे बहलाने का उपचार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! जग में रस की नदियाँ बहती, रसना दो बूंदें पाती है, जीवन की झिलमिलसी झाँकी नयनों के आगे आती है, स्वरतालमयी वीणा बजती, मिलती है बस झंकार मुझे, मेरे सुमनों की गंध कहीं यह वायु उड़ा ले जाती है! ऐसा सुनता, उस पार, प्रिये, ये साधन भी छिन जाएँगे, तब मानव की चेतनता का आधार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! प्याला है पर पी पाएँगे, है ज्ञात नहीं इतना हमको, इस पार नियति ने भेजा है, असमर्थबना कितना हमको, कहने वाले, पर कहते है, हम कर्मों में स्वाधीन सदा, करने वालों की परवशता है ज्ञात किसे, जितनी हमको? कह तो सकते हैं, कहकर ही कुछ दिल हलका कर लेते हैं, उस पार अभागे मानव का अधिकार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! कुछ भी न किया था जब उसका, उसने पथ में काँटे बोये, वे भार दिए धर कंधों पर, जो रोरोकर हमने ढोए, महलों के सपनों के भीतर जर्जर खँडहर का सत्य भरा! उर में एसी हलचल भर दी, दो रात न हम सुख से सोए! अब तो हम अपने जीवन भर उस क्रूरकठिन को कोस चुके, उस पार नियति का मानव से व्यवहार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! संसृति के जीवन में, सुभगे! ऐसी भी घड़ियाँ आऐंगी, जब दिनकर की तमहर किरणे तम के अन्दर छिप जाएँगी, जब निज प्रियतम का शव रजनी तम की चादर से ढक देगी, तब रविशशिपोषित यह पृथिवी कितने दिन खैर मनाएगी! जब इस लंबेचौड़े जग का अस्तित्व न रहने पाएगा, तब तेरा मेरा नन्हासा संसार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! ऐसा चिर पतझड़ आएगा, कोयल न कुहुक फिर पाएगी, बुलबुल न अंधेरे में गागा जीवन की ज्योति जगाएगी, अगणित मृदुनव पल्लव के स्वर 'भरभर' न सुने जाएँगे, अलिअवली कलिदल पर गुंजन करने के हेतु न आएगी, जब इतनी रसमय ध्वनियों का अवसान, प्रिय हो जाएगा, तब शुष्क हमारे कंठों का उद्गार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! सुन काल प्रबल का गुरु गर्जन निर्झरिणी भूलेगी नर्तन, निर्झर भूलेगा निज 'टलमल', सरिता अपना 'कलकल' गायन, वह गायकनायक सिन्धु कहीं, चुप हो छिप जाना चाहेगा! मुँह खोल खड़े रह जाएँगे गंधर्व, अप्सरा, किन्नरगण! संगीत सजीव हुआ जिनमें, जब मौन वही हो जाएँगे, तब, प्राण, तुम्हारी तंत्री का, जड़ तार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! उतरे इन आखों के आगे जो हार चमेली ने पहने, वह छीन रहा देखो माली, सुकुमार लताओं के गहने, दो दिन में खींची जाएगी ऊषा की साड़ी सिन्दूरी पट इन्द्रधनुष का सतरंगा पाएगा कितने दिन रहने! जब मूर्तिमती सत्ताओं की शोभाशुषमा लुट जाएगी, तब कवि के कल्पित स्वप्नों का श्रृंगार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा! दृग देख जहाँ तक पाते हैं, तम का सागर लहराता है, फिर भी उस पार खड़ा कोई हम सब को खींच बुलाता है! मैं आज चला तुम आओगी, कल, परसों, सब संगीसाथी, दुनिया रोतीधोती रहती, जिसको जाना है, जाता है। मेरा तो होता मन डगडग मग, तट पर ही के हलकोरों से! जब मैं एकाकी पहुँचूँगा, मँझधार न जाने क्या होगा! इस पार, प्रिये मधु है तुम हो, उस पार न जाने क्या होगा!
@user-tx9xy3ys4e
@user-tx9xy3ys4e Ай бұрын
Kya bat hai 👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏👏
@vivekamritpaliwal7895
@vivekamritpaliwal7895 Ай бұрын
Tnxs bhai
@PradeepSharma-gv2xz
@PradeepSharma-gv2xz Ай бұрын
Dil Chhu Lene wali Kavita❤
@rishipatel9603
@rishipatel9603 27 күн бұрын
❤❤
@user-qu3lw1df8c
@user-qu3lw1df8c 4 күн бұрын
❤❤❤❤❤
@ajaytiwari6201
@ajaytiwari6201 29 күн бұрын
दिल को भिभोर कर देने वाली कविता है जीतनी बार सुनो हर बार कुछ नया लहता है 💝💝💝💝💝
@shine_67
@shine_67 28 күн бұрын
Bahut pyaraa🙏🙏🙏
@SunilSir-dw3hb
@SunilSir-dw3hb 26 күн бұрын
Apke mukh se sunne ka anand hi kuchh aur hai
@AkhileshSingh-uu9zs
@AkhileshSingh-uu9zs 26 күн бұрын
बहुत ही सुन्दर
@shubhamagrihelpsahayal8218
@shubhamagrihelpsahayal8218 Ай бұрын
हरिवंश राय बच्चन जी की कलम की जादू का एक छोटा सी कविता ❣️🥰✨🙏
@KBCBlog1685
@KBCBlog1685 Ай бұрын
इस कविता के पृष्ठ में आपने बहुत छोटा प्रतीक चुन लिया। यह कविता जीवन-मृत्यु की शाश्वत चिंतना शक्ति आप्लावित है।
@gamingpower1947
@gamingpower1947 14 күн бұрын
रोम रोम आनंद से झंकृत हो उठा!
@alkakapoor2496
@alkakapoor2496 25 күн бұрын
बहुत सुन्दर👍
@anupmasharma8762
@anupmasharma8762 22 күн бұрын
Ati Sundar
@PriyanshiDwivediPriyanshi
@PriyanshiDwivediPriyanshi 4 сағат бұрын
🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️👌👌👌
@CHAUHAN4758
@CHAUHAN4758 7 ай бұрын
बहुत ही सुंदर कविता है।
@chanderprakash9259
@chanderprakash9259 24 күн бұрын
बहुत सुन्दर
@yashvardhansingh448
@yashvardhansingh448 21 күн бұрын
Mahan. Kavi. Kavita. Ki. Sundar. Prastuti.
@ananyashukla540
@ananyashukla540 Жыл бұрын
466 bar mai is kavita ko sun chuki hu , ar na jane kitna sunugi, it's peaceful.
@deep24123
@deep24123 Жыл бұрын
Same here bro
@anonymousthings8436
@anonymousthings8436 Жыл бұрын
Yeah
@vikramgarg7715
@vikramgarg7715 27 күн бұрын
🙏🙏
@nawalsharma5549
@nawalsharma5549 3 ай бұрын
Jivan ka sar samjh aata h is kavita
@shailendramishra702
@shailendramishra702 5 ай бұрын
Very nice ❤
@babitatiwari8336
@babitatiwari8336 17 күн бұрын
Yah.bhai.ji.jai.hind.ji🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🪔👏👌👌👌👌👌👌👌🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️🕊️
@v.k1003
@v.k1003 Жыл бұрын
I Am Very Like This Poyet
@BauajiKiDuniya
@BauajiKiDuniya Ай бұрын
Ati sundar.. .Man aanandit ho utha
@SujitKumar-qi8cl
@SujitKumar-qi8cl 18 күн бұрын
👍
@pritichaudhary3427
@pritichaudhary3427 20 күн бұрын
मनमोहक गीत👌👌👌👌👌👌
@meenakarki3830
@meenakarki3830 3 ай бұрын
Nice poem
@sultansingh2757
@sultansingh2757 Жыл бұрын
Very good
@yashkhokhar9377
@yashkhokhar9377 7 ай бұрын
Very nice
@sharmiladwivedi764
@sharmiladwivedi764 Жыл бұрын
Super 👍👍👍❤❤🙏🙏🙏
@SunilKumar-um6qz
@SunilKumar-um6qz 6 ай бұрын
Nice
@Hariom-jb7qb
@Hariom-jb7qb 2 ай бұрын
@alokpriyadarshi8263
@alokpriyadarshi8263 Ай бұрын
🌹🌹🌹🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🙏🙏🙏👍
@telar410
@telar410 2 ай бұрын
Amitabh ne kitne liye wishwas Ji ? Thanks for apload this beautiful kavita
@laxmisrivastava5228
@laxmisrivastava5228 Ай бұрын
🌹🌹🙏🌹🌹❤
@gulabchandryadav5399
@gulabchandryadav5399 9 ай бұрын
Lajvab bemishal
@GurujiClasses-wc9eq
@GurujiClasses-wc9eq 8 ай бұрын
Excellent sir ji, apna Kavita sonao.
@d_solo_traveller8299
@d_solo_traveller8299 7 ай бұрын
😅o
@user-fm5dg9ju9h
@user-fm5dg9ju9h 2 ай бұрын
आज मैं इस कविता को केजरीवाल जी जेल में हैं उनको उस पर देख के सुन रही हूँ ! सोच के देखो आप भी ••••
@user-bv4nt7xn1g
@user-bv4nt7xn1g Ай бұрын
Deviji chori karega toh jail me hi jayega naa Do school banwa ke usme beech me ek sharaab ki dukaan kholkr Paisa banaye jisse ki goa aur Punjab gujrat me chunav ladne chala tha ED ne daboch liye waise bhi vipaksh me tha jisse rulling government bhi kuch nhi kahti ED ko😂😂😂 Choro ke liye sympathy mat dikhao 😂😂😂 Dukh kahe kaa dukh sheesh Mahal me rahne sukh nhi hua tha kyaa Nhi toh uski aukaad ki wo sheeshmahal me rahle 😂😂😂😂 Sarkaari naukar tha 😂😂😂
@ramkarannishadbhatia2246
@ramkarannishadbhatia2246 26 күн бұрын
😂😂😂😂😅
@user-nk7ev7iw6v
@user-nk7ev7iw6v 26 күн бұрын
😅
@sachintyagi4690
@sachintyagi4690 22 күн бұрын
Chor hai vo
@NiteshGurjar-ie5er
@NiteshGurjar-ie5er 7 күн бұрын
😂😂😂😂
FOOTBALL WITH PLAY BUTTONS ▶️❤️ #roadto100million
00:20
Celine Dept
Рет қаралды 35 МЛН
THEY WANTED TO TAKE ALL HIS GOODIES 🍫🥤🍟😂
00:17
OKUNJATA
Рет қаралды 2,3 МЛН
Can teeth really be exchanged for gifts#joker #shorts
00:45
Untitled Joker
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Super gymnastics 😍🫣
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Lexa_Merin
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