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हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना गया है. रुद्राक्ष दो शब्द रूद्र और अक्ष से मिलकर बना है ऐसी मान्यता है कि शिव के आंसुओं से ही इसके पेड़ की उत्पत्ति हुई थी. कहा जाता है कि यदि रुद्राक्ष राशि के अनुसार धारण किया जाए तो यह जीवन में बहुत से परिवर्तन लाता है जिसकी हमने कल्पना भी नहीं की होगी. राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को बहुत से शुभ फल प्राप्त होते है. Rudraksha is very powerful beads. Rudraksha is very beneficial to your success.
मेरी राशि के लिए कौनसा रुद्राक्ष
जाने आपकी राशि के लिए कौन सा रुद्राक्ष, Rudraksh According To Your Horoscope Rashi, Rashi Rudraksh
राशि और रुद्राक्ष | कोनसी राशि वाले कोनसा रुद्राक्ष पहने | Konsi rashi wale konsa rudraksh phane
मेष राशि का स्वामी मंगल होता है और मंगल साहस और वीरता का कारक है। साथ ही मंगल के प्रभाव में जातक अडियल और गुस्सैल भी बन जाता है। मेष राशि के जातकों को तीन मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा।
अपने लक्ष्य को पाने के लिए वृषभ राशि के लोग बहुत मेहनत करते हैं। वृषभ राशि का स्वामी शुक्र देव हैं और ये भौतिक सुख और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। इस राशि के लोगों को 6 मुखी और दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता है।
मिथुन राशि का स्वामी बुध है और बुध को बुद्धि का कारक माना जाता है। मिथुन राशि के लोग परिवर्तन और गतिशील स्वभाव के होते हैं। मिथुन राशि के जातकों को सफलता और धन की प्राप्ति के लिए 4 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा होता है जोकि मन का कारक है। चंद्रमा मन को स्थिरता प्रदान करता है। ये लोग अपने कार्यों को पूरी निपुणता से करते हैं और इसीलिए इन्हें उसमें सफलता भी मिलती है। कर्क राशि के लोगों को 4 मुखी और गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होगा।
सिंह राशि का स्वामी सूर्य देव हैं। सूर्य को सफलता का कारक माना जाता है और जिस पर सूर्य देव की कृपा पड़ गई उसे जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता है। सिंह राशि के जातकों को 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
रुद्राक्ष पहनने के नियम
कलाई, गले या ह्रदय पर रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है।
सबसे बेहतर रुद्राक्ष को गले में पहनना चाहिए। कलाई में 12, गले में 36 और ह्रदय पर 108 दानों का रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
लाल धागे में एक दाना रुद्राक्ष का ह्रदय तक पहन सकते हैं।
सावन, शिवरात्रि और सोमवार के दिन रुद्राक्ष पहनना सबसे उत्तम रहता है। रुद्राक्ष पहनने से पहले उसे शिव जी को समर्पित करना चाहिए।
रुद्राक्ष की माला से मंत्र जाप करना सर्वश्रेष्ठ फलदायक रहता है।
रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक जीवन का पालन करना चाहिए। आचरण शुद्ध ना रखने पर धारण कर्ता को इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल पाता है।