Рет қаралды 402
जीवन में स्थिरता नहीं है,
विपदा,विद्रोह,विकार,विनाश है क्यों?वास्तुटिप्स@upendravasturesolve5368
पृथ्वीतत्व एक ऐसा तत्व है जो सम्पूर्ण जगत को
स्थिरता प्रदान करता है।
इसीलिए पृथ्वी को माँ कहा गया है, जो सबका पालन-पोषण, स्थायित्व, लगाव,प्रेम प्रदान करती है।
पृथ्वी तत्व में असंतुलन होने से जीवन अस्थिर/असन्तुलित हो जाता है।
ज्योतिषशास्त्र अनुसार-
दक्षिण दिशा में पृथ्वीतत्व की स्थिति मानी गई है।
(2,6,10 राशियाँ पृथ्वी तत्व एवं दक्षिण दिशा की है)
योगशास्त्र अनुसार-
दक्षिण दिशा पिंगला(सूर्य)नाड़ी का प्रवाह होता है।
भवन में दक्षिण दिशा से विशेष प्रवाहित ऊर्जा(बडी खिड़कियों, कट,टेरेस,ढ़लान, बोरवेल, बड़ा प्रांगण)होने से,
पिंगला(क्रूर)का अधिपत्य होता है और दक्षिण का विक्षेप देवता "विकट" एवं "पूतना" का प्रभाव होने से,
भवन में रहने वाले लोगों को विपदा,विनाश,विकार,विद्रोह का सामना होने की सम्भावना रहती है।
इस कारण से जीवन में स्थिरता का अभाव होने कि सम्भावना रहती है।
अन्य सम्बंधित वीडियो देखने के लिए,
आप फेसबुक पर फॉलो कर सकते हैं:---
profile.php?...
upendravastu...