Рет қаралды 3,772
हाट कालिका माता...❤️🙏
पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट क्षेत्र में स्थित हाट कलिका का मंदिर भव्य आस्था एवम् विश्वास का मंदिर है | यह मंदिर घने देवदार के जंगलों के बीच स्थित है | इस मंदिर में दूर दूर से लोग आकर देवी काली माता के चरणों में मन्नते मांगते है | गंगोलीहट में स्थित हाट कालिका मंदिर के निवास के बारे में पुराणों में भी उल्लेख मिलता है | प्राचीन हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार गुरु शंकराचार्य ने महाकली का शाक्तिपीठ स्थापित करने के लिए इस जगह का चयन किया था । यह माना जाता है कि देवी काली ने पश्चिम बंगाल से इस जगह को अपने घर स्थानांतरित कर दिया था और तब से इस क्षेत्र में लोकप्रिय देवी के रूप में पूजी जाती है। गुरु अदी शंकराचार्य द्वारा स्थापित यह शक्तिपीठ हजार वर्ष से अधिक पुराना है | देवी की शक्ति के अनुसार यह माना जाता है कि प्राचीन काल से इस मंदिर स्थल पर एक सतत पवित्र आग जलती है .....
पाताल भुवनेश्वर का इतिहास और मान्यताये(HISTORY OF PATAL BHUVANESHWER)
पाताल भुवनेश्वर मंदिर पिथौरागढ़ जनपद उत्तराखंड राज्य का प्रमुख पर्यटक केन्द्र है। ( पाताल भुवनेश्वर का इतिहास और मान्यताये )
उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रसिद्ध नगर अल्मोड़ा से शेराघाट होते हुए 160 किलोमीटर की दूरी तय कर पहाड़ी वादियों के बीच बसे सीमान्त कस्बे गंगोलीहाट में स्थित है |पाताल भुवनेश्वर देवदार के घने जंगलों के बीच अनेक भूमिगत गुफ़ाओं का संग्रह है | जिसमें से एक बड़ी गुफ़ा के अंदर शंकर जी का मंदिर स्थापित है । यह संपूर्ण परिसर 2007 से भारतीय पुरातत्व विभागद्वारा अपने कब्जे में लिया गया है |
पाताल भुवनेश्वर गुफ़ा किसी आश्चर्य से कम नहीं है।यह गुफा प्रवेश द्वार से 160 मीटर लंबी और 90 फीट गहरी है । पाताल भुवनेश्वर की मान्यताओं के मुताबिक, इसकी खोज आदि जगत गुरु शंकराचार्य ने की थी । पाताल भुवनेश्वर गुफा में केदारनाथ, बद्रीनाथ और अमरनाथ के दर्शन भी होते हैं।
पौराणिक इतिहास पाताल भुवनेश्वर का :-
पुराणों के मुताबिक पाताल भुवनेश्वर के अलावा कोई ऐसा स्थान नहीं है, जहां एकसाथ चारों धाम के दर्शन होते हों। यह पवित्र व रहस्यमयी गुफा अपने आप में सदियों का इतिहास समेटे हुए है। मान्यता है कि इस गुफा में 33 करोड़ देवी-देवताओं ने अपना निवास स्थान बना रखा है।
पुराणों मे लिखा है कि त्रेता युग में सबसे पहले इस गुफा को राजा ऋतूपूर्ण ने देखा था , द्वारपार युग में पांडवो ने यहः शिवजी भगवान् के साथ चौपाड़ खेला था और कलयुग में जगत गुरु शंकराचार्य का 722 ई के आसपास इस गुफा से साक्षत्कार हुआ तो उन्होंने यहः ताम्बे का एक शिवलिंग स्थापित किया | इसके बाद जाकर कही चंद राजाओ ने इस गुफा को खोजा | आज के समय में पाताल भुवानेश्वर गुफा सलानियो के लिए आकर्षण का केंद्र है | देश विदेश से कई सैलानी यह गुफा के दर्शन करने के लिए आते रहते है |
thank you 💕🙏
KEYWORDS
HANSHA GURU VLOG
HANSHA GURU NEW VLOG
PAHADI LIFE STYLE vlogs
VILLAGE VLOGS
KUMAUNI VLOGS
THANK YOU FOR WATCHING 💖
अपना साथ और प्यार बनाएं रखें।। वीडियो को अधिक से अधिक शेयर जरूर करें।। धन्यवाद 💖🙏🙏