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गुरुमुखों हम रोज नाम जपते हैं विचार किया है कभी इस बात पर
कि कोई एक दिन आकर ही ले जाता है कोई सारा
सारा साल आकर भी नहीं झोली भरते... क्यों???
क्या फर्क है ?
सब रोग का औषड नाम .. ये गुरु की वाणी कहती है..
कोई एक घंटा नाम जाप करके मालामाल हो जाता है.. पर कोई ३-३ घंटे बैठ के भी कुछ नही प्राप्त कर पता?? ऐसा क्यों??
गुरुमुखों एक बहुत ही सिंपल सी बात बताई है महापुरषों ने
बात बड़ी सिंपल हैं पर बहुत मुश्किल है
अगर आप गहराई में उतरेंगे तो बहुत मुश्किल है
कहावत है की, बचपन में दास ने सुनी थी कहीं..
इट इज वेरी सिंपल टू बी हैप्पी बट इट इज वेरी डिफिकल्ट टू बी सिंपल
( it is very simple to B happy, but it is very difficult to be simple)
मतलब खुश रहना बड़ी सीधी साधी बात है पर सीधा
साधा रहना बड़ा मुश्किल है
यहां पर भी वही बात है...
गुरु अर्जुन देव जी महाराज जो कह रहे हैं..
मिट गया दुख और सारी चिंता...
कि मेरे सारे दुख खत्म हो गए..
मेरी सारी चिंताए खत्म हो गई
जब मैंने गुरु का नाम जपा
मैंने गुरु का नाम जपा मेरे सारे दुख
मेरी सारी चिंताए मेरे सारे रोग खत्म हो
गए
कितनी सिंपल बात है अगर इतनी ही सिंपल
होती हम तो रोज जप रहे हैं गुरु कृपा करके तरस कर से हमसे रोज जप वा रहा है
रोज नाम जपते हैं विचार किया है कभी इस बात पर
कि कोई एक दिन आकर ही ले जाता है कोई सारा
सारा साल आकर भी नहीं झोली भरते... क्यों???
क्या फर्क है ?
सब रोग का औषड नाम .. ये गुरु की वाणी कहती है..
कईयों के रोग खत्म हो गए जाते है
महापुरषों के पास रिपोर्ट लेकर आते है कि शुगर की बीमारी रिपोर्ट से गायब हो गई शुगर तो कभी ठीक होती ही नहीं ... नाम जाप से वो भी ठीक हो जाती है..
कई लोग आते है बताते है की बहुत सारी
बीमारिया ठीक हो गई ... सिर्फ और सिर्फ नाम जाप से..
पर सबकी नहीं होती... ऐसा क्यों??
यहां पर गुरु अर्जुन देव जी महाराज कह रहे हैं कि
मेरे सारे दुख मेरी सारी चिंताएं खत्म हो गई मुझे फल मिला किस चीज का ??
जब मैंने नाम
जपा उसका फल मुझे यह मिला की मेरे सारे दुख
मेरी सारी चिंताएं खत्म हो गई पर हमारी
क्यों नहीं हुई ... ?!
अगर यह बात इतनी सिंपल होती तो हमारी
भी खत्म हो जाती
कहां चूक हो रही है हमसे??...
बहुत पहले हमारे एक महात्मा जी ही है
उनके पास जब भी कोई बीमारी लेकर
आता ना कि मुझे यह बीमारी है
यह बीमारी बड़ी से बड़ी
बीमारी.. तो कहते स्नान करा के लाओ इसे
सेवादार जाके तालाब में स्नान करा कर लाते
उनके सामने बिठाते और कहते और कहते १ घंटा खुला नाम जपो.. या २ घंटा...
जैसे वह कहते जैसे उनका मन को भाए...
किसी को तो पुरा पुरा दिन भी कहते
हैं कि तू नाम जप मैं सुनूंगा बैठ के
कई बार खुद जपते और कहते तू सुन खुला नाम पर उसका रोग ठीक करके
ही भेजते
यह नहीं कि जा नाम जाप कर तेरा काम हो जायेगा कुछ महीने बाद तु ठीक हो जाएगा नहीं...
उसी वक्त तत्काल ठीक करके भेज देते,
खुला नाम का जाप करवाते, बात की गहराई को समझो गुरुमुखों...
बात समझ में आई कि कारण क्या है प्यार से
वे महात्मा जी उसके सुरत से सुरत जोड़कर नाम का जाप करवाते थे
बात की गहराई को पकड़ना
अगर नाम का जाप करते हुए
उसका ध्यान कहीं भटक जाता तो उस जाप को वे
गिनते ही नहीं फिर से कहते फिर से कर
क्योंकि तेरा ध्यान नहीं था
बड़ी ध्यान से बात को समझना
कई बार अपने आप पर आप नोट करो कोई पास में बैठ के
बात करता हो कान में आवाज जा रही है पर समझ में नहीं आता क्या कहा?? कहते हैं फिर से सुना मेरा ध्यान नहीं था ..
सामने वाला बोल रहा है हम बैठे पास में आवाज भी चल रही है पर हमारा ध्यान अगर कहीं और चला गया तो व शब्द कानों में जाकर
भी बात दिमाग तक नहीं पहुंचती
हमारे रहबर जी पॉइंट को समझाया करते थे जैसे भोजन मुख
खाता है और शरीर को लगता है पहुंचता है इस प्रकार जो शब्द है गुरु का जो नाम है वोकान जब तक सुनेंगे नहीं तब तक हृदय में प्रवेश नहीं करेगी
वाणी
सुनना किसे कहते हैं
केवल कान में आवाज ना जाए ध्यान भी कान
में हो जब शब्द और सुरत का मेल होता है तो
चमत्कार होता है
हम रोज जप रहे हैं हमारी बात नहीं
बनती कभी कभी बन जाती क्योंकि तब सुन रहे
हैं कभी सुन लिया कभी नहीं सुना आप अपने
आप को आजमा के देखो मैंने तो बहुत बार
आजमाया है
श्री पाठ साब जी का पाठ चल रहा हो कई अष्टपति ऐसे ही निकल जाती है सुन रहे हैं अचानक ध्यान आया इतनी निकल गई क्योंकि
ध्यान कहीं और चला गया और जब तक ध्यान कानों में
नहीं होगा चाहे मुख बोले ना बोले हृदय में चल रहा
हो गले में चल रहा हो कान सुने ध्यान वहां पर हो कान का मतलब
यहां पर है ध्यान
और जब ये हो जाए मिट गए दुख सारे
चिंता सारी
दुख सारी चिंताए खत्म हो
जाएगी अगर यह अवस्था प्राप्त हो जाए यह
कैसे प्राप्त होती है अभ्यास से
एक बात की तो गारंटी तो हमारे श्री गुरु महाराज जी ने खुद दी है
अगर ध्यान से कोई रोज २ घंटा नाम जाप करता है
कोई भी रोग हो दूर हो सकता है उसकी पूरी जिमेदारी खुद भगवान जी ले लेते है
कोई भी चिंता हो
दूर हो सकती है
चमत्कार होगा चमत्कार किसे
कहते हैं जिस पर विश्वास ना है कि कैसे हो गया चमत्कार घटित हो सकता है हमारे जीवन
में अगर हमें सुनने की कला आ जाए
प्यार से, ध्यान से नाम जपने की कला आ जाये बस फिर...
अभ्यास करना पड़ता है रोज मन भटकेगा, फिर से लाओ मन भटकेगा फिर से लाओ फिर
से
लाओ करते करते समय बढ़ता जाएगा
फिर ये घटित हो जायेगी घटना..
घटना जो दास को याद आ गई
मेरे सामने जो घटित हुई मैं पूर्ण महापुरुषों के साथ बैठा था पंजाब के किसी सिटी के दरबार मे
एक भगत था जो पक्का गुरुमुख था बहुत प्यार करता था प्रेम
करता था महापुरुषों से उनके घर में गए थे
भोजन खाने अचानक उनकी तबीयत बहुत बिगड़ गई
महापुरुषों की बीपी बहुत ज्यादा हाई हो गयी इतना ज्यादा हाई हो गया कि डॉक्टर
इमरजेंसी में आए और इंजेक्शन लगाने लगे