खेत खलिहान - उन्नत बकरी पालन | Advanced goatery

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DD Kisan

DD Kisan

8 жыл бұрын

उन्नत बकरी पालन | Advanced goatery

Пікірлер: 455
@i.k.shuklashukla6876
@i.k.shuklashukla6876 4 жыл бұрын
आप द्वारा दी गई जानकारी अनुसरणीय व अनुकरणीय है. आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु बकरी व्यवसाय को अपनाया जाना चाहिए और आप से संपर्क में रहते हुए बकरियों का रखरखाव व दूध तथा अन्य सभी उत्पादों का समुचित उपयोग होना व्यक्ति और देश के हित में है
@superbareillyp.k7418
@superbareillyp.k7418 2 жыл бұрын
बहुत बढ़िया सर मोटिवेट करने के लिए
@ATJaved
@ATJaved 3 жыл бұрын
Wonderful,amazing,interesting and very useful video for farmar
@gazigoatfarm1764
@gazigoatfarm1764 3 жыл бұрын
बहुत ही बढ़िया जानकारी है डाक्टर साहब आप का बहुत सुकरिया
@qwertyqwerty3631
@qwertyqwerty3631 5 жыл бұрын
बहुत ही अच्छी जानकारी प्राप्त हैं
@mohanlalbhatnagar
@mohanlalbhatnagar 4 жыл бұрын
Thanks for nice information about goat forming
@WahidAli-ij4ug
@WahidAli-ij4ug 3 жыл бұрын
बहुत प्यारी जानकारी देयें हैं सर बहुत प्यारी विडियो है भाई आप की
@rawatassociates23
@rawatassociates23 3 жыл бұрын
बहुत लाभकारी जानकारी, खासकर मेरे जैसे जिज्ञासु के लिए। कृपया बताएं कि को लोग उत्तराखंड में बकरियां पाल रहे हैं वो कोन सी ब्रीड है? क्या बकरियां जंगल में चुगाने के लिए ले जाना सही अभ्यास है?
@balwansingh6679
@balwansingh6679 4 жыл бұрын
Jai shri Ram salut aapko sir bhagwan aapko hamesha sukhi rakhe bahut bdiya jankari di aap ne hme
@10-arunkumarkushwaha45
@10-arunkumarkushwaha45 3 жыл бұрын
Good information by sir and anchor, thanks sir
@zakihashmi4568
@zakihashmi4568 7 жыл бұрын
I m zaki,everyday show your programec see watchfully.your progrme fantastic & encrse my knowldge....thanks dd kisan
@ksthakur8361
@ksthakur8361 5 жыл бұрын
बहुत ही अच्छी जानकारी दी
@telegraphdts8455
@telegraphdts8455 3 жыл бұрын
Thank you Dr. Vijay for your message about goat farm
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
👍
@ranveersinghmaan9406
@ranveersinghmaan9406 2 жыл бұрын
@@rmsgoatfarm9067 kkkkkhiìo
@mohsinshahshah5536
@mohsinshahshah5536 2 жыл бұрын
@@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx Xxxxx. Xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxx
@mohsinshahshah5536
@mohsinshahshah5536 2 жыл бұрын
@@ranveersinghmaan9406 xxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxxXxxxx
@qamaruddinkhan434
@qamaruddinkhan434 Жыл бұрын
Acchi jankare k liy bahut bahut shukriya
@mohansingh-zj3sk
@mohansingh-zj3sk 3 жыл бұрын
Bahut sundar bat kahi umesh jo
@ferozshaikhhanif9388
@ferozshaikhhanif9388 4 жыл бұрын
Tanks Dr manoj for you informesan God Blees you 💐✌️😎
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
👍
@ankitratan6696
@ankitratan6696 7 жыл бұрын
very good business
@user-hr5ur4hu9r
@user-hr5ur4hu9r 4 ай бұрын
Bahut. Achhi jankAri
@jackskhan912
@jackskhan912 6 жыл бұрын
BARBARI COMMUNITY is no. 1
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@user-dc6tm2sz9u
@user-dc6tm2sz9u 3 жыл бұрын
Thank you sir 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹❤️🙏
@g.nahmed9467
@g.nahmed9467 Жыл бұрын
Namaskar sir ji Sab se ziyada successful koun si zaath ki bakri success hain jis se ziyada kamai ho
@shakeelbelgium4726
@shakeelbelgium4726 7 жыл бұрын
Thanks dr sir
@ramparkashramparkash5611
@ramparkashramparkash5611 4 жыл бұрын
Good
@vishaldhote5566
@vishaldhote5566 5 жыл бұрын
Thanks sir
@civilservicespreparationwi7394
@civilservicespreparationwi7394 8 жыл бұрын
Good initiative
@DeepakBagri-js7mx
@DeepakBagri-js7mx 7 жыл бұрын
Nice
@Vikasbharat145
@Vikasbharat145 Жыл бұрын
Great news
@100xStock
@100xStock 6 жыл бұрын
*Good information about Kheti badi*
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
Right
@ravichamoli6797
@ravichamoli6797 4 жыл бұрын
Bhaut Bhaut dhanybadh ji
@hemramsyourhemaram2903
@hemramsyourhemaram2903 3 жыл бұрын
Jai jawan jai kisan
@mohammadwaseek2095
@mohammadwaseek2095 6 жыл бұрын
बहुत खूब
@haidarruksar2707
@haidarruksar2707 Жыл бұрын
Mashaallaah
@bansharaj2263
@bansharaj2263 3 жыл бұрын
Jay
@yadavgoatfarmmurlipurkanpu7464
@yadavgoatfarmmurlipurkanpu7464 4 жыл бұрын
Good knowledge
@manojgourkar4584
@manojgourkar4584 7 жыл бұрын
बकरी पालन करने के तरीके और दवा देने के तरीके
@RakeshPal-mh1dk
@RakeshPal-mh1dk Жыл бұрын
Very good farm nice
@rosehomestaysunargaonbages4474
@rosehomestaysunargaonbages4474 7 жыл бұрын
Useful information , we are Goat Farming in State- Uttarakhand, District-Bageshwar, Village- Sunargaon(Kanda)willing Lab to land program for Advanced Goatery .
@prakashsinghprakash1640
@prakashsinghprakash1640 4 жыл бұрын
Sir mei bhi Uttarakhand pouri grahwal se hu bakri farm karna chahta hu please help me give me your contact number
@AbdulRasheed-yz9yt
@AbdulRasheed-yz9yt 4 жыл бұрын
🌹👍🌹👍🌹👍🌹👍
@satyavanbhute1221
@satyavanbhute1221 3 жыл бұрын
👌👌👌
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@shahnawajalam2904
@shahnawajalam2904 7 жыл бұрын
बहुत लाभकारी है ।
@Naeemkhan-jg7tw
@Naeemkhan-jg7tw 7 жыл бұрын
shahnawaj alam
@renubajpai5399
@renubajpai5399 3 жыл бұрын
Thanks for info
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@SufiTraveler
@SufiTraveler 8 жыл бұрын
Great knowledge and good work. l have goat farm I have pure breeds of jamnapari and sirohi breeds. It is good for goat farming business. We also provide goat farming consultancy.
@moidkhan3424
@moidkhan3424 8 жыл бұрын
Please Provide Your Email ID or Mobile No. moidkhanoger@gmail.com
@SufiTraveler
@SufiTraveler 8 жыл бұрын
+Moid Khan 9826637080
@mahipalmukhia8741
@mahipalmukhia8741 6 жыл бұрын
7kc
@ajaykumarsharma4447
@ajaykumarsharma4447 5 жыл бұрын
sir ajay kumar my name i live khalillabad santkabir naga up where i can get please any contact late me know thanks
@sunitagadhok5844
@sunitagadhok5844 Жыл бұрын
@@mahipalmukhia8741 9
@rafikakhan4922
@rafikakhan4922 3 жыл бұрын
Very good
@SamsungGalaxy-xk5df
@SamsungGalaxy-xk5df 7 жыл бұрын
sir mene bhi goat farm shuru kiya hai mene desi nasl se shuru kiya hai kripya bataye ki kaise unka vajan badhaye aur unko khane me kya de aur nasl sudhar k liye kaun sa breed ka bakra chayan kre abhi me bakriyo ko khane k taur pr 6 ghante charata hu jungle me.
@SamsungGalaxy-xk5df
@SamsungGalaxy-xk5df 7 жыл бұрын
me ye batana bhul gaya me jabalpur m.p. se hu
@bhupendrasinghpanwar6536
@bhupendrasinghpanwar6536 Жыл бұрын
Bhai apna number sand kare
@asdasd-dr4vf
@asdasd-dr4vf 5 жыл бұрын
Nice video 😀😀😀😀😀😀
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@sbhagabanreddy7094
@sbhagabanreddy7094 Жыл бұрын
Very nice farm
@sudhanshusingh558
@sudhanshusingh558 5 жыл бұрын
Thanks, Bahut hi achchhi janakari dene ke liye. Mujhe hindi medium me bakari palan se sambandhit kitabe chahiye thi. Isako main kaise prapt kar sakata hoon.
@mansooritourstravels7017
@mansooritourstravels7017 4 жыл бұрын
hello sir i am Abdul Haque Mansoori 2020 me Mathura CIRG me training kab start hogi bataein.
@bhupendrasinghpanwar6536
@bhupendrasinghpanwar6536 Жыл бұрын
Bhai muje Leni h training
@AnilkumarYadav-zy1kd
@AnilkumarYadav-zy1kd 5 жыл бұрын
सबसे पहले सर मनोज कुमार को मेरा नमस्कार अनिल उत्तर प्रदेश में इटावा जिला से क्योंकि मैं बहुत ही जल्द आपके पास आना चाहता हूं क्योंकि मैं बकरी फार्म खोलने की पूरी तैयारी है फार्म मैंने बना लिया आपकी वीडियो देख जाके
@shaileshrawool2406
@shaileshrawool2406 5 жыл бұрын
Hii
@shaileshrawool2406
@shaileshrawool2406 5 жыл бұрын
Femel barbari 1 saal ki ky kimat hai itava me
@abdheshkumar1864
@abdheshkumar1864 6 жыл бұрын
Kindly tell me shed area for 20 goat and cost of shed
@krushnachandranayak9272
@krushnachandranayak9272 4 жыл бұрын
Nice video
@murlimanohar9805
@murlimanohar9805 3 жыл бұрын
Nice video Sir
@shakeelbelgium4726
@shakeelbelgium4726 7 жыл бұрын
Thanks dr
@shravankumaryadav1446
@shravankumaryadav1446 3 жыл бұрын
जय किसान
@badripaul5877
@badripaul5877 4 жыл бұрын
5 बकरी पालन के लिये कितनी जगह चाहिए?
@asharamahirwar492
@asharamahirwar492 3 жыл бұрын
सर मैं ललितपुर उत्तर प्रदेश से बिलोंग करता हूं सर जिला ललितपुर के आसपास कोई बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र है क्या
@mistarinijamudinweldar8054
@mistarinijamudinweldar8054 6 жыл бұрын
Anusandhan save female Bakrid for Bakrid Samay kahan se prapt Honge
@ushajoria8630
@ushajoria8630 3 жыл бұрын
Jaise humne barbari Leni ho Kitna rate hai ,,,
@kingofking6414
@kingofking6414 5 жыл бұрын
Sir mine bakri plan karna chahtha hu tu kon sa berid Lena chaye plz help
@mohammadwaseek2095
@mohammadwaseek2095 6 жыл бұрын
nice VIDEO
@monikakumari-yc2gy
@monikakumari-yc2gy 3 жыл бұрын
Pppppp
@yarasingh4040
@yarasingh4040 2 жыл бұрын
ਭਾਈ ਸਾਹਿਬ, ਮੈਂ ਪ੍ਰਦਾਨ ਕੀਤੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦੀ ਕਦਰ ਕਰਦਾ ਹਾਂ, ਇਹ ਬੱਕਰੀ ਪਾਲਣ ਦੇ ਸਮੁੱਚੇ ਤਰੀਕਿਆਂ ਨੂੰ ਕਵਰ ਕਰਦਾ ਹੈ।
@SingaporeChapter
@SingaporeChapter 6 жыл бұрын
Please share detail address and coming training program date
@jaspreetsingh-wb4ts
@jaspreetsingh-wb4ts 4 жыл бұрын
Hi very good ji
@AshokGupta-nj5xb
@AshokGupta-nj5xb 3 жыл бұрын
sir mai chhattisgarh se hun jashpur jila se kis nasal ki bakri palna chahiye or yaha koi prashikshan kendra hai kya
@JagdishPrasad-me2nw
@JagdishPrasad-me2nw 4 жыл бұрын
Thanks
@fahad1604
@fahad1604 7 жыл бұрын
Need to start goat farming. Please advise source of Sirohi /barbari breed
@hanmantpawar3880
@hanmantpawar3880 7 жыл бұрын
mohammad fahad
@VinaySingh-iu8fv
@VinaySingh-iu8fv 3 жыл бұрын
Trening kaise prapt Kare kya Karena panaga
@AnilKumar-iz5yi
@AnilKumar-iz5yi 5 жыл бұрын
Main up se hu kushinagar se hame desi nasal ko palna hai jaankaari de
@gazigoatfarm1764
@gazigoatfarm1764 3 жыл бұрын
डाक्टर साहब मैं यूपी अम्बेडकर नगर अकबर पुर से हूं यहां बकरी का परसिछड कहां मिलेगा बकरी कहा मिलेगा बरबरी बकरी
@domesticpoultry1472
@domesticpoultry1472 4 жыл бұрын
Sir goat farming ka Liya koi book ya notes Mel jaygey Kay ke kasa management kare or kis time par koni vaccine kare hay or farm kasa banay
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@dharmbirkumar4134
@dharmbirkumar4134 3 жыл бұрын
Good night
@kamaludeen3555
@kamaludeen3555 4 жыл бұрын
2020 me tarenig kab suru ho raha hy
@avisahu2000
@avisahu2000 7 жыл бұрын
bakri palan ke liye kya kya labh de rhi h sarkar kisan ko iske bare me jankari dene ki kripa kre
@assadullahalam5782
@assadullahalam5782 5 жыл бұрын
Bihar mai kon sa brid ka goat ka sedan hai aap batayae...plz
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@amitchandradas8844
@amitchandradas8844 6 жыл бұрын
nice
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
1
@simranraza2269
@simranraza2269 7 жыл бұрын
I love ti
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
👍
@radiouttarakhand
@radiouttarakhand Жыл бұрын
very nice
@sachinkhobragade8448
@sachinkhobragade8448 3 жыл бұрын
Thank you
@MonirulIslam-ci6ih
@MonirulIslam-ci6ih 6 ай бұрын
Good 🌷
@haiderabbas3349
@haiderabbas3349 4 жыл бұрын
Khan par hai yai sanstha
@bhupendrakumaryogachary8512
@bhupendrakumaryogachary8512 4 жыл бұрын
सर मैं छत्तीसगढ़ से हूं भेड़ पालन करता हु ,बकरी पालन भी करना चाहता हु कोन सी नस्ल की बकरी ले और कहा उपलब्ध हो सकता है।कृपया मार्गदर्शन करे
@BL-Dangi
@BL-Dangi 2 жыл бұрын
Nice video sir
@WaseemAhmad-hy1fg
@WaseemAhmad-hy1fg 3 жыл бұрын
Sir mujhe bakree paln ki tirenig lena he ye mathura me kis jageh pr he
@tanharinku306
@tanharinku306 6 жыл бұрын
Sir me Purulia West Bengal se hun. Mere kuch questions h. Plz guide karen. 1.Mujhe kaun sa NASAL select karna chahiye ? 2. Goat k liya tree leaves ya fir grass kaun sa sabse jyada acha hota hai kyunki, grazing par hi palna chahta hun. 3.100 Goats k liya kitna land jarurat hogi taki mujhe unka liya khana kharidna na pade ? 4.Hum logon k yahan sirf rice dhan ka fasal hota h, agar dhan nikalna k baad dhan k paudha ka green abostha me silage banakar sara saal khilaya ja sakta h kya ? Isme aur kya supplementary food add karen ki sab puri tarah swasth rahe ? Apka Mobile number mil sakta h kya jissa apse appointment kar k milna chahunga aur Taki future me koi problems aana par apse help le sakun ? 5.Goat k business sur hona se pehla apse milna ho sakta h kya ?
@rambisiwas7824
@rambisiwas7824 6 жыл бұрын
please give connect n.
@mistarinijamudinweldar8054
@mistarinijamudinweldar8054 6 жыл бұрын
Sir ji bakri palan kaise kare aur uske loan bank Se Kaise prapt Kare Rajasthan
@dollykumari1007
@dollykumari1007 6 жыл бұрын
Hallo sir Mai Bihar se hu or goat farming training Lena hai to sir aap please bataye ki Mai training Kaha lu
@subhashmeena8310
@subhashmeena8310 4 жыл бұрын
Govt employees ko training mil sakti hi
@kalandicharanabehara727
@kalandicharanabehara727 5 жыл бұрын
sir may odisa se hun may black Bengal goat (female) se Boer goat ( male) cross karana sahe rahega ki new ?????
@omprasad8332
@omprasad8332 5 жыл бұрын
No
@muhibsheikh4774
@muhibsheikh4774 4 жыл бұрын
Dr.Sahb Hamen Koyi Kitabka Nam Batayiye Ki Barbri goat ki puri gankari milske Bimari ayur khanpanki Me integar karoga Aapka Thank you
@sadabkhan1702
@sadabkhan1702 7 жыл бұрын
ham bhi bakri palan Karna chahte he
@RamRam-fu9ed
@RamRam-fu9ed 3 жыл бұрын
👌👌👌👌👌👌🤝🤝🤝💕💕💕
@wasidali5933
@wasidali5933 6 жыл бұрын
Sar hum bhi bakri paln suru karna chahte hai magar tajurba hone ke karan nahi kar pa rahe hai to kya aap mujhe trenig de sakte h pliz btaye jarur
@shahidbhagatsighvyayamshal2172
@shahidbhagatsighvyayamshal2172 8 жыл бұрын
mla goat farm baddel mahiti pahije hoti ani tumch kde CD asel ter CDhvi hoti mla ramtek la goat fa open karach ahe .
@inspirezone1996
@inspirezone1996 6 жыл бұрын
Kuthun ahat tumhi maza whatsapp no.ahe 9011952893
@vinodkaparwan6689
@vinodkaparwan6689 4 жыл бұрын
Uttrakhand ke pahard Mai kon si bkari palni chaiy
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
Barbari
@rajeshpanchal1911
@rajeshpanchal1911 5 жыл бұрын
नया फार्म खोलना है तो बकरी किधर से खरीदे हैम उप से आते है। झांसी से ।सिरोही केसी रहेगी। ओर कन्हा से ले शहर बता दे।
@alindiatvpvt-ltd4215
@alindiatvpvt-ltd4215 4 жыл бұрын
Very good sir 👍👌
@Ashupratapsinghvlogs.satna.
@Ashupratapsinghvlogs.satna. 6 жыл бұрын
Dist satna m.p me kon kon se nasal ke bakere leya jaya
@arifshaikh7958
@arifshaikh7958 5 жыл бұрын
Ap ten Bach chey Wali babari bakri ketny ki deytey hain sar
@sanjaysolanki97721
@sanjaysolanki97721 3 жыл бұрын
God
@atalshreefpo.
@atalshreefpo. 2 жыл бұрын
FPO के विषय में भी कुछ नया जानकारी दी जाए
@govinddahal3958
@govinddahal3958 4 жыл бұрын
Mera jaga northeast (sikkim)me h mai barbari goats palna chata hun sikkim ka climate shoot karsakta h?
@balwantsahu3458
@balwantsahu3458 3 жыл бұрын
🙏विकल्प की आवश्यकता 😊 अस्तित्व सहअस्तित्व स्वरूपी है. सहअस्तित्व सत्ता में संपृक्त प्रकृति है. ऐसे प्रकृति चार अवस्था व चार पदों में है. इसमें विकास-क्रम, विकास, जाग्रति-क्रम, जाग्रति - ये शाश्वत प्रक्रियाएं हैं. सत्ता अपरिणामी है. जीवन विकास पूर्वक अपरिणामी हुआ है. मनुष्य आदिकाल से अमरत्व को खोजता रहा है. शास्त्र में लिखा है - "अमरा निर्जरा देवास्त्रिदशा विबुधा सुरा:" (अमरकोष, प्रथम काण्ड, १.१.१३) जो जरा (वृद्ध) नहीं होता है, उसको उन्होंने देवता कहा. मध्यस्थ दर्शन से अमरत्व का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट हो गया। जीवन अमर वस्तु है। जीवन में जरा-दोष नहीं है. परिणाम दोष नहीं है, इसलिए जरा-दोष नहीं है. जीवन मात्रात्मक परिवर्तन से मुक्त है. जब तक मात्रात्मक परिवर्तन है तब तक जरा-दोष है. रासायनिक-भौतिक वस्तुओं में मात्रात्मक परिवर्तन है, जरा दोष है, इसलिए रचना-विरचना उनमे होता ही रहता है. जीवन में कोई रचना-विरचना होता ही नहीं है. जीवन में होता है - चेतना. चेतना में गुणात्मक विकास होता है. चेतना का स्वरूप बताया - जीव चेतना, मानव चेतना, देव चेतना, और दिव्य चेतना. मानव जीवचेतना पूर्वक अव्यवस्था में फंसता है, क्लेश को मोलता है, गलती-अपराध को करता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी राजतंत्र यह स्वीकारे हैं कि मानव गलती-अपराध कर सकता है. मानव की स्थिति जीव चेतना की है - इसकी गवाही में सभी (ईश्वरवादी) धर्मगद्दी मानव को पापी, अज्ञानी और स्वार्थी कहा है. इसी ईश्वरवाद में कहा है - "मुंडे मुंडे मतिभिन्ना: कुंडे कुंडे नवं पयः" (वायु पुराण). (मतलब हर आदमी का अलग अलग मत होगा ही) इसी क्रम में कहा - "सुनो सबकी, करो मन की". इसी क्रम में कहा - "खाली हाथ आये, खाली हाथ जायेंगे". यह सब झूठ का पुलिंदा है, भ्रम है. भ्रम को आप झूठ मानोगे या नहीं? "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे" - ये शरीर की बात कर रहे हैं. जीवन ज्ञान नहीं है, इसका प्रमाण दे दिया या नहीं? जीवन ज्ञान ईश्वरवादी परम्परा में नहीं था - इस बात का यह प्रमाण है. शिष्ट परिवारों में, वेद मूर्ति परिवारों में यह नारा चला है - "खाली हाथ आये और खाली हाथ जायेंगे". इससे पता चलता है कि उनको जीवन ज्ञान नहीं था. ईश्वरवाद रहस्यमय होने के कारण प्रमाण तक पहुँच नहीं पाया. अस्तित्व के कुछ भाग को विज्ञानियों ने सच माना, कुछ भाग को ईश्वरवादियों ने सच माना. दोनों अधूरे होने के कारण प्रमाणित नहीं हो पाए, संकटग्रस्त हुए. इसीलिये "विकल्प" की ज़रुरत आ गयी. - श्रद्धेय नागराज जी के साथ संवाद पर आधारित (अगस्त २००५, अमरकंटक) 💐🌿🌷🌱🌻🍃🌺🌴🌹
@Ashishkumar-802
@Ashishkumar-802 5 жыл бұрын
Bihar ke liye kon si nasl thik hai sir
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
Barbari , sirohi, black bangal
@mohdnadim9371
@mohdnadim9371 5 жыл бұрын
Kya goat farming ke liye license ya registration ki zarurat hai
@rmsgoatfarm9067
@rmsgoatfarm9067 3 жыл бұрын
Nhi bhai ji
Sigma Kid Hair #funny #sigma #comedy
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CRAZY GREAPA
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Получилось у Миланы?😂
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ХАБИБ
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КАК ДУМАЕТЕ КТО ВЫЙГРАЕТ😂
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МЯТНАЯ ФАНТА
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Как бесплатно замутить iphone 15 pro max
00:59
ЖЕЛЕЗНЫЙ КОРОЛЬ
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CRAZY GREAPA
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