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9 मार्च को मेवात की एक रैली में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर - जो तब पूर्व नहीं थे - कह रहे थे कि अभी मेरे कार्यकाल में समय बाक़ी है, इंशा'अल्लाह, मैं फिर मेवात आऊँगा। इसके दो दिन बाद 11 मार्च के दिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारका एक्सप्रेसवे के उद्घाटन समारोह में अपनी और खट्टर की दोस्ती की कहानी मंच से सबको सुना रहे थे। खट्टर ने तब सोचा भी नहीं होगा कि अगले दिन उनको दोस्ती का ये सिला मिलेगा कि मुख्यमंत्री से पूर्व मुख्यमंत्री हो जाएँगे। राजनीति में इस निर्ममता के प्रति आपको ज़्यादा भावुक नहीं होना चाहिए। खट्टर की रवानगी की कहानी पहली नहीं है, आप शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे से पूछ सकते हैं, लेकिन कुछ नई ज़रूर है। आज का हमारा कार्यक्रम, और खट्टर की कहानी, इसी निर्ममता पर है। पूरा वीडियो देखा करें और यूट्यूब पर ही देखा करें।
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/ @ravishkumar.official
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