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क्षणभंगुर वैभव से लेकर आप सबके अक्षय प्रेम तक, मेरे जीवन में जो कुछ भी सार्थक और शोभन है उसकी धुरी हिंदी से ही जुड़ी है इसलिए व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए यह दिवस अक्सर अपनी क्रियाशीलता और प्रतिबद्धता को लेकर एक गंभीर आत्मावलोकन का दिन होता है। कुछ वर्षों पूर्व हिंदी को लेकर हुई यह सार्थक परिचर्चा आज इस विशेष दिन पर आप सभी हिंदी प्रेमियों को सादर समर्पित है। 😍🙏🏻
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