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कुंडली मिलान में मंगल दोष का प्रभाव
जब नाम "मंगल" है तो काम "अमंगल" का क्यों?
क्या 28 वर्ष के बाद मंगल दोष का प्रभाव नहीं रहता?
क्या एक मंगली जातक बिना मंगली से विवाह कर सकता है?
विवाह मेलापक में उत्तर भारत में अष्ट कूट और दक्षिण भारत में दश कूट पद्धतियों से गुण मिलान के उपरांत ज्योतिर्विद कुंडली में मंगल दोष को अवश्य देखते हैं। मन में प्रश्न उठता है कि जब ग्रह का नाम मंगल अर्थात् शुभ और कल्याणकारी है तो इसका प्रभाव अमंगल अर्थात् अशुभ और नुकसान देह क्यों होता है?
मंगल दोष के बारे में प्राचीन ग्रंथों में क्या वर्णन है और आधुनिक ज्योतिष में मंगल दोष का किस प्रकार प्रभाव देखा जाता है। उपरोक्त प्रश्नों का समुचित समाधान आपको इस वीडियो में प्राप्त होगा। हमने अपने 22 वर्षों के ज्योतिषीय अनुभव का इसमें पूरा निचोड़ और निर्णय का उल्लेख किया है।
आशा ही नहीं वरन् पूर्ण विश्वास है यह वीडियो सभी के लिए बहुत अधिक उपयोगी सिद्ध होगी।
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बहुत-बहुत धन्यवाद।
डॉ आर के पाठक "मयंक"
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