Рет қаралды 50,384
भारत में जातिगत जनगणना का आधार आज भी 1931 को ही माना जाता है, जिसके बाद से आज तक पिछड़ा वर्ग की संख्या निर्धारित नहीं हो पाई है। यही कारण है कि आज भी लोगों को उनका वाजिब हक़ नहीं मिल पाता। न्यूज़क्लिक के इस कार्यक्रम में हम इन्हीं सारे मुद्दों पर प्रकाश डालेंगे।
Subscribe to our Website: support.newsclick.in/
#CasteCensus #Bihar #Explainer
Join this channel to get access to perks:
/ @newsclickin