Рет қаралды 11,912
सिद्धांत सार :
विश्व के पाँचवें मूल जगद्गुरु एवं काशी विद्वत परिषत् द्वारा जगद्गुरूत्तम की उपाधि से विभूषित श्री कृपालु जी महाराज को 'सनातनवैदिकधर्मप्रतिष्ठापन सत्सम्प्रदाय परमाचार्य' की उपाधि से भी अलंकृत किया गया है। इस दृष्टि से श्री महाराज जी के श्रीमुख से निकले दिव्य श्रीवचन ही वास्तविक सनातन वैदिक धर्म के उद्घोषक हैं। श्री महाराज जी ने हम कलियुगी जीवों के कल्याणार्थ समस्त वेद शास्त्रों का सार अपने दिव्य प्रवचनों में अत्यंत सरल एवं रोचक शैली में प्रस्तुत किया है। इस वीडियो में 'ब्रह्म जीव माया' शीर्षक प्रवचन श्रृंखला में प्रकटित श्री महाराज जी के अलौकिक तत्त्वज्ञान के अति विशिष्ट अंश प्रस्तुत किये जा रहे हैं।
"ख़ास तौर से हमारे यहाँ
अभी आदि जगद्गुरु शंकराचार्य हुये हैं।
उन्हीं के फॉलोवर्स लोग ऐसी बकवास की बातें करते हैं।
वे लोग कृपया कान खोलकर सुनें।
मैं ज़रा खरा खरा बोलता हूँ।
शंकराचार्य ने कहा-
निर्गुण वाक्यानां सगुणापेक्षत्वेन परत्वात् बलीयस्त्वम्।
अर्थात् अद्वैतवादिनी ऋचाएँ,
निर्गुण वाचिनी जो ऋचाएँ हैं वेद में, ये पर में हैं,
बाद में कही गई हैं, इसलिये ये बलवान हैं
और सगुण वादिनी ऋचाएँ पहले कही गई हैं,
इसलिये वे औपाधिक हैं।
औपाधिक माने?
मान्य नहीं हैं।
लेकिन उन्होंने कोई वेद का प्रमाण नहीं दिया इस बारे में।
अपनी जेब से ऐसा बोल रहे हैं। अपनी अकल से।
वेद तो इसके विपरीत बोल रहा है
सर्वे वेदाः यत् पद्मामनन्ति।
नोट करें। कठोपनिषद (१.२.१५)
सारी वेद की ऋचाएँ ब्रह्म वाचिनी हैं।
कोई वेद की ऋचा को तो कौन कहे….
एक मात्रा का भी निरर्थक निवेश नहीं है।
ये अलौकिक वेद वाणी है।
कैसे आप कहते हैं कि आधी ऋचाएँ बेकार हैं।"
-जगद्गुरूत्तम श्री कृपालु जी महाराज
---------------------------------
Facebook : / shyamashyamsamiti
Instagram : / sushreeakhileshwarididi
Twitter : / sss_zirakpur
Telegram : t.me/sss_zirakpur
#Kripalu #RadheRadhe
#जगद्गुरु_श्री_कृपालु_जी_महाराज
#Jagadguru_Shri_Kripalu_Ji_Maharaj
#Jagadguru_Kripalu
#Radha #Krishna #Vrindavan #barsana #Prem_mandir #Bhakti #Hindu #Gita #Bhagawat #Ramayan #Ved #Philosophy #Spiritual #Bliss #God #Beauty #Guru #SpiritualMaster #Divine #BhagavatKatha #JagadguruShriKripalujiMaharaj
#religion
#Bhajan
#bhajan_video
#AkhileshwariDidi
#who_are_you
#know_yourself
#who_am_i
#soul #dispute
#dualism #non_dualism