कीर्तन के दुनिया के बादशाह राजगुरु राजेश्वर पंडा के गीत को सुनकर ही ये गीत लिखा गया है
@bhanvarsingh3086Ай бұрын
शशिराज जी! सुमित्रा जी का बहुत ही त्यागमय और रोचक प्रसंग आपने सुनाया |वास्तव में वे माताएं ही पूज्य हैं और पुत्रवती कहलाने के योग्य हैं - पुत्रवती जुवती जग सोई |रघुपति भगत जासु सुत होई || नतरु बांझ भल बादि बिआनी |राम बिमुख सुत ते हित जानी ||