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बिहार के प्रमुख शक्तिस्थलों में सहरसा जिले के महिषी का उग्रतारा स्थान प्रमुख है। मान्यता है कि भगवती सती का यहां बायां नेत्र गिरा था। यह जगह तंत्रसाधना के लिए विख्यात है।
शक्ति पुराण के अनुसार माहामाया सती के मृत शरीर को लेकर शिव पागलों की तरह ब्रह्मांड में घूम रहे थे। इससे होने वाले प्रलय की आशंका को दखते हुए विष्णु द्वारा माहामाया के मृत शरीर को अपने सुदर्शन से 52 भागों में विभक्त कर दिया गया था। सती के शरीर का जो हिस्सा धरातल पर जहां गिरा उसे सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्धि मिली। महिषी उग्रतारा स्थान के संबंध में ऐसी मान्यता है कि सती का बायां नेत्र भाग यहां गिरा था।
मान्यता यह भी है कि ऋषि वशिष्ठ ने उग्रतप की बदौलत भगवती को प्रसन्न किया। उनके प्रथम साधक की इस कठिन साधना के कारण ही भगवती वशिष्ठ अाराधिता उग्रतारा के नाम से जानी जाती हैं। उग्रतारा नाम के पीछे दूसरी मान्यता है कि माता अपने भक्तों के उग्र से उग्र व्याधियों का नाश करने वाली है। जिस कारण भक्तों द्वारा इनकों उग्रतारा का नाम दिया गया।वी अपने तीन मुख्य स्वरूपों में विद्यमान
महिषी में भगवती तीनों स्वरूप उग्रतारा, नील सरस्वती एवं एकजटा रूप में विद्यमान है। ऐसी मान्यता है कि बिना उग्रतारा के आदेश के तंत्र सिद्धि पूरी नहीं होती है। यही कारण है कि तंत्र साधना करने वाले लोग यहां अवश्य आते हैं। नवरात्रा में अष्टमी के दिन यहां साधकों की भीड़ लगती है।
मंदिर का निर्माण सन 1735 में रानी पद्मावती ने कराया था। इसकी मरम्मत अक्सर कराई जाती है। वैदिक विधि से होती है पूजl l देवी की पूजा आम दिनों में वैदिक विधि से की जाती है। लेकिन नवरात्र में तंत्रोक्त विधि से भी पूजा होती है। नवरात्र में मां की आरती दोनों समय की जाती है। इसमें मौजूद श्रद्धालु तन्मयता से पूजा करते हैं और आरती में शामिल होने के अवसर पर सौभाग्य मानते हैं।
माँ उग्रतारा वंदना
गीतकार : शिवकुमार झा टिल्लू
स्वर: माधवी मधुकर झा
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बुलि बुलि क' एलौं माँ तारा दुआरि तोहर
तोरेमे हम्मर परान
गे मैया महिमा छौ तोहर महान
हे माता महिमा अहाँकेँ महान ...
उग्रनील एकजटा तारा स्वरूपा छी
सिद्धि भवानीकेँ माय अहीं रूपा छी
महिषी'के' धरती पर बासे बनेलौं हे
कोसीकेँ जलमे स्नान ...
बाम नयन सतीकेँ एहिठामे खसल माता
मिथिला'केँ धरतीपर शक्ति सहज संजाता
भारती आ मंडन'सन संतति'केँ माय अहाँ
तंत्र मन्त्र तारा स्थान ....
आँचर पसारने हम आश ल' क' एलौं हे
पुरियौ मनोरथ माँ चरण'मे समेलौं हे
माता अछैत बेटी नोरे बहाबै छै
पूजाकेँ अन्तः बिरान ...
Song Credits: Maa Tara Vandana ( Maithili)
Lyrics: Sri Shiv Kumar Jha’ Tillu’
Composition : Sri Shiv kumar kha Tillu, Madhvi Madhukar jha
Singer : Madhvi Madhukar Jha
Music label: SubhNir Productions
Music Director: Nikhil Bisht, Rajkumar
Video Editing: Vickey Shah