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. 🛕 ॥ श्री अर्हम् नमः ॥ 🛕
श्रीमद् आत्म-वल्लभ-समुद्र-इन्द्रदिन्न-
नित्यानंद सुरि सद्गुरुभ्यो नम:
📯 ॥ विहार कार्यक्रम ॥ 📯
📯 आत्म-वल्लभ समुदायवर्ती मूल-पाट- परम्परा के क्रमिक पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति वर्तमान वल्लभ,जन जन की आस्था के केंद्र जैनाचार्य श्रीमद् विजय नित्यानंद सूरीश्वर जी म.सा. की आज्ञानुवर्तिनी *साध्वी श्री प्रगुणा श्री जी म.सा. (ठाणा-4)*जवाहर नगर पधारें