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#NiranjanSaar
मैं वारी जाऊँ राम, तुम आवो गली हमारी।
तुम देख्यां बिन कल न परत है, जोऊँ बाट तुम्हारी॥
कौन सखीसों तुम रंगराते, हमते अधिक पियारी।
किरपा कर मोहे दरशन दीजो, सब तकसीर बिसारी ॥
मैं शरनागत तुम हो दयाला, भव से तार मुरारी।
मीराँ दासी तुम चरनन की बार बार बलिहारी ॥
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