‘Manusmriti’ और ‘Smriti Irani’ के बीच दंडवत पड़ा Dainik Bhaskar | NL Tippani 152

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11 ай бұрын

अपने हिस्से का काम छोड़कर बाकी सबके काम में अपनी नाक, कान और टांग घुसेड़ने का रिवाज अब आम हो चुका है. मसलन #journalist का काम है जन प्रतिनिधियों से सवाल पूछना, जनप्रतिनिधि का काम है उसका जवाब देना. लेकिन नेताजी को पत्रकार का सवाल पूछना अब अच्छा नहीं लगता. #smritiirani अमेठी में एक पत्रकार के सवाल से इतना भड़क गई कि पत्रकार का कपड़ा ही उतरवा लिया. इस पर विशेष टिप्पणी.
टिप्पणी के इस अंक में हम खबरों का नया बुलेटिन लेकर आए हैं. इसका नाम है ‘विश्वगुरु बुलेटिन’. जी हां, अब देश में आज़ादी की यही परिभाषा है, यहां मीडिया मदारी है, जनता तमाशा है. नेता चुनावों में वोट मांगेंगे और काम के समय नोट मांगेंगे.
देश के हाईकोर्टों में मौजूद महामहिम न्यायमूर्तियों ने भारत को विश्वगुरू बनाने का बीड़ा अपने सिर पर उठा लिया और ऐसा उठाया कि मानों आसमान सिर पर उठा लिया. महामहिमों की इस मुहिम से बहुतों को लगा कि उनकी बात का कोई सिर पैर नहीं है. संविधान की शपथ खाकर #manusmriti की श्रद्धा में नतमस्तक हैं.
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Пікірлер: 3 000
@newslaundry
@newslaundry 11 ай бұрын
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@richusanil5723
@richusanil5723 11 ай бұрын
😊
@babalushorts5998
@babalushorts5998 11 ай бұрын
Ravish Kumar ka episode लाइए
@babalushorts5998
@babalushorts5998 11 ай бұрын
Ravish Kumar ko newslundry joining karai
@RicaRod
@RicaRod 11 ай бұрын
⁰7k0jl
@Daniela_cacao
@Daniela_cacao 11 ай бұрын
😝😝😝😝छोटी सी जिंदगी,, लंबा है रास्ता,, मुझे मेरे 15 लाख दे दो,, तुम्हे स्मृति का वास्ता😝😝😝😝
@poweragain123
@poweragain123 11 ай бұрын
रोड पर बैठकर राजनीति वाली मनुस्मृति ईरानी से और क्या आशा कर सकते हैं, अतुल भैया! आप जैसे पत्रकार का हमारे देश की मुख्यधारा की मीडिया में होना आवश्यक है। ऐसे ही निष्ठावान पत्रकारिता करते रहें। हम Team Newslaundry के साथ हमेशा रहेंगे। अच्छी और निष्पक्ष पत्रकारिता की आवाज़ों को बुलंद करने की आवश्यकता आन पड़ी है। जय हिंद! Keep up the good work, Team Newslaundry!
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@RANUYADAV-jl4bx
@RANUYADAV-jl4bx 6 ай бұрын
बहुत बहुत धन्यवाद सर जी, मेरी आँखें खोलने और पत्रकारिता को बचाने के लिए।
@sukhpalsingh3621
@sukhpalsingh3621 7 ай бұрын
कोटिक सलाम आभार साधुवाद शानदार सटीक निर्भीक टिप्पणी के लिए
@TheAkhil121
@TheAkhil121 8 ай бұрын
लाजवाब प्रस्तुति , शानदार आवाज
@zakiasafeer1956
@zakiasafeer1956 11 ай бұрын
बहुत सुन्दर बिश्लेषण। उमदा पत्रकारिता सिर्फ कुछ चुनिन्दा पत्रकार ही कर सकते हैं । धन्यवाद अतुल जी अतुलनीय ।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@raghunathtekriwal1322
@raghunathtekriwal1322 11 ай бұрын
देश इस कदर बरबाद ना हुआ होता यदि देश का मिडिया इस तरह गद्दार ना हुआ होता
@Awesom494
@Awesom494 11 ай бұрын
Kya kare bhaiyya andhbhakto ko news hi aise chahiye jo sarakar ki aalochna n karta ho aaj aalam ye hai ki bjp ke khilaf khabar n dikhane vale channale itne jyada ho gaye haiki andhbhakt confused ho gaye hai ki kise dekhe kise nahi
@manishbauddha7494
@manishbauddha7494 11 ай бұрын
Dharm ki afim hindurast ramrajya ka sapna dikhakar aur Ramrajya ki suruaat ho chuki h yese manuwadi juge desh ke loktantra ke liye khtra h .
@maxpayne69.
@maxpayne69. 11 ай бұрын
First problem is funding of media houses by political parties. Ban of such funding will force them to be less biased towards funding parties.
@realharrysingh
@realharrysingh 11 ай бұрын
Guru Nanak rejected and criticized Manusmriti, if u Hindus hate your God who created Manusmriti, the Divine Laws then go convert to Sikhism, i'm a proud Hindu and love my religious books
@harsh90868
@harsh90868 11 ай бұрын
@arwind sawant 🤣🤣aur admiyo ki g***** maar ke rkh di, Aur aurto ko bhi pata nahi kaunsi izzat dila di., khoye raho inhi haseen sapno mein#andhbhakt
@KamalSingh-sz6ij
@KamalSingh-sz6ij Ай бұрын
वाह क्या बात हुई पत्र कार महोदय इस तरह के सटीक विश्लेषण करने के लिए
@Ramesh_934
@Ramesh_934 7 ай бұрын
बहुत सराहनीय पत्रकारिता के आप सम्मानित पत्रकार है मै आपकी भूरि भूरि प्रसंसा करता hu
@souravroy20236
@souravroy20236 11 ай бұрын
Why is the Supreme Court not removing such disgraceful judges? This is just unbearable.
@14debanjan
@14debanjan 11 ай бұрын
Court system is also compromised dude. Frankly, it's not surprising that a lot of people have lost faith in the whole Indian system now.
@ashokdas7041
@ashokdas7041 11 ай бұрын
In Amritkal of Independence, "Manusmriti" is being brought from the cold storage of the society!! Save the Indian Constitution adopted in the Parliament of Independent India.
@iqbalahmedkhan7
@iqbalahmedkhan7 11 ай бұрын
Voters deserve this
@vijaykumar-vt1on
@vijaykumar-vt1on 11 ай бұрын
​@@iqbalahmedkhan7 are you defending the government by saying this ???? 😮😮😮😮😮😮 or you are just being sarcastic ?? 😊😊
@souravroy20236
@souravroy20236 11 ай бұрын
@@ashokdas7041 surely we can't let this go on. This is crossing all limits. I hope 2024 will show whether our citizens have grown any sort of backbone....or brain...for that matter...
@thakurprasadmalviya4754
@thakurprasadmalviya4754 11 ай бұрын
बहुत ही जबरदस्त और शानदार ऐसी पत्रकारिता अब देखने को नहीं मिलती जो सच कहती हो। आला दर्जे के अधिकारियों को सच का आइना दिखाने का धन्यवाद। अब सारे काम मनु स्मृति से होंगे
@radheyshyam5793
@radheyshyam5793 10 ай бұрын
धिक्कार है इस रेलवे मंत्री वैष्णव और इसकी शिक्षा को। देश ऐसे लोगों को ढ़ोने को अभिशप्त है।
@gulabSingh-oy8iq
@gulabSingh-oy8iq 10 ай бұрын
जनता है सब जानती है उचित समय पर जवाब देगी
@rajkumarmahroliya51
@rajkumarmahroliya51 11 ай бұрын
परम आदरणीय श्रीमान अतुल चौरसिया जी आपकी सच्ची निष्पक्ष निडर पत्रकारिता को सादर प्रणाम जय भीम जय संविधान
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@Quizzheads
@Quizzheads 11 ай бұрын
साहित्यिक भाषा और सच्ची खबरों का बेजोड़ समागम । ❤
@amitkumarmeraman5191
@amitkumarmeraman5191 11 ай бұрын
Aawaz bhi bahut soft aur soothing hai...❤❤❤❤
@naushadshaikh-sl7me
@naushadshaikh-sl7me 11 ай бұрын
Bahot hi shandar prastuti.Antaratma ko zakzor diya.Aap sada khush rahe.yehi ISHwAR se kamna.❤❤
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@sjdkxkc5490
@sjdkxkc5490 11 ай бұрын
साहित्य का नlश होते नहीं दिख रहा किसी को, ऐसे *कॉमनिस्ट यूट्यूब चैनल* पe
@duality4453
@duality4453 10 ай бұрын
Apologies for not having the same group over Hindi, but I'd like to add another adjective, his sarcasm and deadpan delivery of harrowing incidents really outshines all others. Kripiya issi tarah banne rahiye team Newslaundry ❤
@tejpalsinghtej3754
@tejpalsinghtej3754 2 ай бұрын
खबरों के इतने शिष्ट प्रस्तुतिकरण और उत्तम धाराप्रवाह वाचन ने मुझे अति आकर्षित किया है।
@aftabalam-zp6ny
@aftabalam-zp6ny 10 ай бұрын
विश्व गुरु बन गए। इतना कह देने भर से हम विश्व गुरु बन जाते हैं क्या? धन्य हो ऐसे ही विश्व गुरु बनने की प्रथा की।
@prince24irppl
@prince24irppl 11 ай бұрын
मनुस्मृति लागू होने के बाद क्या हम जैसे लोग जीवित रहेंगे?
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Prince2irppl🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@roshanrao888
@roshanrao888 10 ай бұрын
Lagu hone denge nhi
@aashutoshkumar4852
@aashutoshkumar4852 10 ай бұрын
यहीं होगा जब बिना पढ़े लिखे और टीवी में काम करने वाले लोगो के हाथों में सत्ता दी जायेगी। जिन्हे बस डायलोग बोलने आते है जनता के सवालों का जवाब देना नही।
@MumtazAli-tw9ys
@MumtazAli-tw9ys 2 ай бұрын
आप को समाचार के लिये धन्यवाद ।
@ravijadhav777
@ravijadhav777 10 ай бұрын
सवाल को टालने के लिए किस तरह मुद्दा बहकाया जाता है, इसमें पारंगत है मनु‘स्मृति’ । ऐसी महिला का अगर भगवान है तो अलग से हिसाब होगा।
@dr.b.jagdishrao6042
@dr.b.jagdishrao6042 11 ай бұрын
आप की पत्रकारिता निराली है। बधाई और शुभकामनाएं। 🎉🎉
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Dr.B.Jagdish Raoji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@sjdkxkc5490
@sjdkxkc5490 11 ай бұрын
Umee hai k ...islam k khamio ko bhi ujagar karenge ye Nirale patrakar.
@150_RsDega
@150_RsDega 10 ай бұрын
​@@sjdkxkc5490मुगल काल में जी रहे है क्या साहब?
@sjdkxkc5490
@sjdkxkc5490 10 ай бұрын
@@150_RsDega bassss... islam ka nam lete hi..jaag gyi secularism. Phir 3talaq, nikah halala, 5biwiyan.... sab maaf. Personal law board ne apni Jagir bana k rakh lia hai...islamiat ko. Lekin uski reporting karne k lie funding ni milti na NL ko comunist party se.
@ghanshyamins.2698
@ghanshyamins.2698 10 ай бұрын
*भारतवर्ष ने विश्व को विश्वगुरु देते-देते, विश्व को, विश्वदेशद्रोही दे दिया...❤*
@polparag
@polparag 9 ай бұрын
Thanks
@aftabalam-zp6ny
@aftabalam-zp6ny 10 ай бұрын
अभी तक तो प्रश्न पूछे जाने पर नेताओं और मंत्रियों का ही अपमान हो रहा था। अब तो प्रश्न पूछे जाने पर जनता का ही अपमान होने लगा।
@divakarkumar2636
@divakarkumar2636 10 ай бұрын
आप जैसे ही पत्रकारों की वजह से ही अब सच्चाई दिखाई देती हैं। आपकी पत्रकारिता को जितना भी नमन करूं कम है।
@Exiide89
@Exiide89 10 ай бұрын
Ye newslaundry wala patrakar hai? Presstitute word inhi k liye ijaad hua tha.
@divakarkumar2636
@divakarkumar2636 10 ай бұрын
@@Exiide89 और ये गोदी मीडिया का पत्रकार हैं। और इनके जैसे ही लोगो के मोदी जी बाप हैं।
@SaSa-gd9qp
@SaSa-gd9qp 11 ай бұрын
विश्वगुरु नहीं अफगानिस्तान बन रहा हैं यह देश 💀
@TheScholor
@TheScholor 11 ай бұрын
😂😂😂 Afghanistan ne World ki super power countries ko 2 bar buri tarah se defeat Kiya h (ussr and American Ally) aur india china ke samne apni gand jhuka rakha h aur China ghusata ja rahah h badle me thoda pesa party ko mil jata h Chinese companies se aur apne bharat mata ki ijjat lutuwa rhe hn bhagwa atanki 😂
@mrkeshav736
@mrkeshav736 11 ай бұрын
😂😂😂....To Time se Afgan Chaleja Yha Kya kr rha..
@PriyankaDas-gj5gs
@PriyankaDas-gj5gs 11 ай бұрын
@@mrkeshav736 Abe bewakuf koi nahi chahta ki desh ki haalat battar ho. Sivay tum jeso ke. Op ne likha kya aur tune samjha kya? Dimag mein gobar hi bhara pada hain tumhare
@TheScholor
@TheScholor 11 ай бұрын
@@mrkeshav736 Abey gober jane ki jaroorat nahi 😆😆😆 Akhand Bharat jab banega to automatic Afghanistan, India me shamil ho jayega ...isiliye kehte hn ki gay ke gober ke sath mullon ka moot bhi Piya Karo to aqal = kam karegi🤣😃🤣😃🤣
@basabaduttamishra7767
@basabaduttamishra7767 11 ай бұрын
​@@mrkeshav736 kyun jayega uska hi Desh hai woh nahi bolega to aur kon bolega?? Idhar chala ja udhar chala ja band karo aur sahi sawal pucho sarkar se....
@ravidharia3702
@ravidharia3702 9 ай бұрын
आप जैसे सच्ची खबरे दिखाने वाले लोगो का धन्यवाद। आप लोगो के कारण आज भी सच्ची पत्रकारिता जिंदा है।
@CMNews6299
@CMNews6299 10 ай бұрын
सटीक तरपूर्ण विश्लेषण के लिए आपके हौशले को सलाम
@shoaibanes1367
@shoaibanes1367 10 ай бұрын
इतनी शालीनता इतना देसीपन जुबान में लबो लहज़े में ठेठ गांव का ज़मीनी जुड़ाव ऐसा लग रहा खबर नहीं आपकी जुबान चटकारे ले रही है काम के प्रति इतनी निष्ठा ईमानदारी गरीबी देश सत्य गरीबों का हक़ दिलाती पत्रकारिता 👏👏👏👃👃👃👃 धन्यवाद चौरसिया भाई
@sameergaikwad2054
@sameergaikwad2054 11 ай бұрын
सडती पत्रकारिता के बीच आप आशा हो!
@adnupattum
@adnupattum 11 ай бұрын
@arwind sawant Not even one flaw? Do you hear yourself?
@ag135i
@ag135i 11 ай бұрын
​@arwind sawant I love sweet girls geeta, smriti, aarti, puja and tapassya is the most sexy.
@baratthuj
@baratthuj 11 ай бұрын
​@arwind sawantmanusmrit is a religious book ?? if u think so just letting u know i wouldn't even spit on that trash forget about following it as an hindu
@bobogogo4611
@bobogogo4611 11 ай бұрын
@@arwindsawant8538 Draupadi ki najayez aulaad khulay mein Hagana bandh kar
@sbanj
@sbanj 11 ай бұрын
Sadti buddhi ke aap Qayal ho 👌
@maninderjitsingh1992
@maninderjitsingh1992 10 ай бұрын
Thanks!
@sitaramsharma1028
@sitaramsharma1028 Ай бұрын
अति सुन्दर विश्लेषण धन्यवाद
@drsudhiragrawal
@drsudhiragrawal 11 ай бұрын
क्या यह वही अहसान फरामोश औरत है जिसने अपनी सहेली के अनगिनत अहसानों का बदला उस सहेली के पति को उसके माल सहित भगा कर और अपना पति बनाकर दिया था?
@rashidarupani9519
@rashidarupani9519 11 ай бұрын
Yyyyyyyesss exactly is Aurt ne khud ke Mabap se bhi Esa hi kiya he Dagabazi
@drsudhiragrawal
@drsudhiragrawal 11 ай бұрын
@@rashidarupani9519 क्या मैं जान सकता हूं कि इस दुष्टा ने उन बेचारों से क्या दगाबाजी की है?
@MumtazAli-tw9ys
@MumtazAli-tw9ys 3 ай бұрын
नमस्कार चौरसिया जी , आपको समाचार. के लिये धन्यवाद ।
@rameshmanjhi
@rameshmanjhi 10 ай бұрын
निश्चित रूप से यह माना जा सकता है कि हम मूर्खों के देश में निवास कर रहे
@touchstone1682
@touchstone1682 10 ай бұрын
*Duniya
@Exiide89
@Exiide89 10 ай бұрын
Nahi janaab. Aap kewal apna hi vishleshan kar rahe hain. Baaki log theek hain.
@JohnNobody_
@JohnNobody_ 10 ай бұрын
​​​@@Exiide89.. Sahi kaha... Ye janaab murkh hi lagte hai. Baki ham sab to Gobar Gyani hai.
@JohnNobody_
@JohnNobody_ 10 ай бұрын
Pata nahi bechare par kya naubat aayi hogi jo verified sources pe rely karna aur desh ke muddo par dhyan dena padaa ho is murkh insaan ko. Kaash ye bhi hamaari tarah hindu muslim me lag jaaye. Bhai isko bhi gyaan do ki kaise Nehru aaj desh ka nuksaan kar raha hai, kaise congress se hame sawaal puchhne chahiye kyuki wo power me hai. Ye murkh log BJP ke pichhe pade hai... Unko koi bataaye ki mandir banaane me aur desh chalaane me fark hota hai, apne sawaal aur complaints ka nishana kahi aur lagaaye.
@wondarblogartech1847
@wondarblogartech1847 7 ай бұрын
Jab desh ka mukhi ha to hamara desh vishwa garu zoor ban jayega
@jagatkamboj9975
@jagatkamboj9975 11 ай бұрын
राहुल गांधी ने जितने भी आरोप लगाए थे सब के सब सच साबित हो रहा है चौकीदार ही भागीदार है
@prahladagarwal3094
@prahladagarwal3094 11 ай бұрын
Chowkidar he "Chor" hai.
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Jagat Kambojji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@sjdkxkc5490
@sjdkxkc5490 11 ай бұрын
Pariwarwaad🥲
@jagatkamboj9975
@jagatkamboj9975 11 ай бұрын
@@avadhutjoshi796 दो रुपल्ली आईटीसेल गैंग वाट्स अप यूनिवर्सिटी का फर्जी ज्ञान मत पेल मेरे भाई 🙏🙏🙏
@_Bappu_
@_Bappu_ 10 ай бұрын
​@@jagatkamboj9975just bcz someone showing reality of your father orangeseb doesn't mean you'll be angry😂..
@dineshatri2417
@dineshatri2417 11 ай бұрын
शानदार धारदार और दिलचस्प प्रस्तुति। इसीलिए तो हम न्यूज़लोंड्री की ख़बर के कायल हैं। शुक्रिया चौरसिया जी ❤
@kayyumsayed8020
@kayyumsayed8020 10 ай бұрын
कमाल का अंदाज और असली पत्रकारिता 👍👍👍👍
@kulbhushangopal6225
@kulbhushangopal6225 10 ай бұрын
शानदार बुलेटिन। शानदार एंकरिंग के लिए आपको बधाई भाई साहब
@adityayadav5558
@adityayadav5558 11 ай бұрын
कोई बात नही अमेठी वालो , फिर जब चुनाव आयेगा तो धर्म देखकर वोट दे देना
@sadeqaghazal2571
@sadeqaghazal2571 10 ай бұрын
Wo log usi k vote denge chahe koi garib atmhatya kre chahe kisi ki naukri jaye.
@HarishchandraGupta-uv7hj
@HarishchandraGupta-uv7hj 10 ай бұрын
😂😂😂😂😂😂😂
@HarishchandraGupta-uv7hj
@HarishchandraGupta-uv7hj 10 ай бұрын
ईरानी का pichwadaa भारी हो गया है
@technicalshiksharahulmardj7212
@technicalshiksharahulmardj7212 10 ай бұрын
Sc st obc खुद ही बीजेपी को वोट देता है ।चुनाव के वक्त सब अचानक पलट जाता है।
@suryodaysingh6210
@suryodaysingh6210 10 ай бұрын
Hn bhai denge vote aur dharm bhi dekhenge school ki condition bhi roads bhi hospital bhi aur itna sab dekhne ke baad bhi BJP ko hi jitayenge ❤ Lots of love from AMETHI
@Pserene47
@Pserene47 11 ай бұрын
A crucial episode that shows how bad the rot has gotten in society. The brazenness of those seeking favours from this government is beyond words. It's a pity that the Supreme Court justices don't act against clearly deranged lower court judges. The rot in the last nine years has gotten so bad that I fear that even if Modi loses in 2024, it will take a long time and a lot of will to put things right. Congress should clarify that they will identify and crack down on all such elements and purge them determinedly.
@sabihasayed8389
@sabihasayed8389 11 ай бұрын
Very true 👍
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@sarojlata8657
@sarojlata8657 11 ай бұрын
@@arwindsawant8538 gaye k
@_Bappu_
@_Bappu_ 10 ай бұрын
Lol😂😂
@maryanne7161
@maryanne7161 10 ай бұрын
Very true. But, now, i m scared of congress too
@anupbanerjee4673
@anupbanerjee4673 2 ай бұрын
Thankyou , apko mera respectfully Namon hai. Bahut achcha pol khol diya.
@gauravgautam692
@gauravgautam692 8 ай бұрын
सर आप इतनी अच्छी पत्रकारिता करते हैं आपके सब्सक्राइबर दो चार करोड़ होने चाहिए लेकिन धिक्कार है ऐसी जनता पर जो फालतू के चैनलों को तो इतना मतलब पसंद करती है इसको डिस्को वाले लेकिन जनता को आप जैसा चैनल को बढ़ावा देना चाहिए जय हिंद जय भारत
@talwarrajasthan5744
@talwarrajasthan5744 11 ай бұрын
अगर भारत को विश्व गुरु बनाना है तो आपका और आपके चैनल का होना बहुत जरूरी है
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीयTalwarrajasthanji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@talwarrajasthan5744
@talwarrajasthan5744 11 ай бұрын
@@avadhutjoshi796 आपके विचार श्रेष्ठ है मै आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं जय भीम जय भारत
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
@@talwarrajasthan5744 जय भारत जय संविधान. देशव्यापी चर्चा की बात लोगों के साथ साझा करना और समर्थन करना ऐसी आपसे प्रार्थना है. 🙏. अवधूत जोशी
@dehhj
@dehhj 11 ай бұрын
बीजेपी हटाओ देश बचाओ
@dehhj
@dehhj 11 ай бұрын
यही तो हमारे देश में अंधभक्तों की पहचान है, (मनुस्मृति = 💩 ahhhhhhh thuuuu )
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@nayeemuddin4504
@nayeemuddin4504 10 ай бұрын
Maodm ka rat mein jhagda hunga
@BalwinderSingh-rd2wg
@BalwinderSingh-rd2wg 8 ай бұрын
Very nice thank you
@thakurdeenyadav2123
@thakurdeenyadav2123 10 ай бұрын
Very good and correct analysis .thanks chaurasia साहिब.
@WaseemKhan-ze8kx
@WaseemKhan-ze8kx 11 ай бұрын
'रेंटल मौलाना और राष्ट्रवादी आपा' बहुत बढ़िया अतुल जी।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 10 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@exxtraagyaanofficial10m36
@exxtraagyaanofficial10m36 11 ай бұрын
itna shameless party nahi dekha ...😡😡
@atheistnothing5039
@atheistnothing5039 11 ай бұрын
आगे आगे देखिए होता है क्या...
@roasther7373
@roasther7373 11 ай бұрын
shameless koi party nhi hoti puri manav jati he shameless h aap bhi mai bhi hu hum sb h
@parusahu6961
@parusahu6961 11 ай бұрын
Having sexual relationship in the promise of marriage should not be considered as rape. Women are not castles, they had sex by consent for what ever reasons it may be. Stupid Indian laws consider them as rape.
@sharankumar4396
@sharankumar4396 11 ай бұрын
But India's 40-50% people are supporting this shameless party,they are giving votes to this party
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@user-bs2bm3zx7g
@user-bs2bm3zx7g 2 ай бұрын
How great you God bless you
@Sannext_ff
@Sannext_ff 10 ай бұрын
Sachchi patrakarita ko koti koti Naman
@rk_pradeep_classes
@rk_pradeep_classes 10 ай бұрын
समझ नहीं आ रहा इस देश का क्या होगा? 😭😭
@srs9973
@srs9973 10 ай бұрын
Kuch nahi hoga. Next elections me bhi Dharam ke naam pe criminals ko vote de denge.
@shivendragupta1882
@shivendragupta1882 11 ай бұрын
Very well researched presentation. Good job, Atul bro.
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 10 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@mdnajibalam5202
@mdnajibalam5202 10 ай бұрын
Great journalism... Congratulations to the Newslaundry....
@mahendrataragi7430
@mahendrataragi7430 10 ай бұрын
शानदार प्रस्तुति।साधुवाद।
@jabercn
@jabercn 11 ай бұрын
I really feel sad for the reporters whose faith is unreported.
@AKASH-fi5fg
@AKASH-fi5fg 11 ай бұрын
Thats why Dr B.R. Ambedkar burned Manu-Smrthi
@realityground.4714
@realityground.4714 11 ай бұрын
बहुजन नेता पता नहीं क्यों डरपोक बने हुए हैं। बाबा साहब द्वारा लिखी किताबें पाठ्यक्रम में शामिल होनी चाहिए, जिससे नई पीढ़ी में वैज्ञानिक सोच विकसित हो सके।
@007mrbeen
@007mrbeen 11 ай бұрын
​@@realityground.4714दंगा फसाद मैं नीच जाति वाले ही ज्यादा होते है ।। ब्राह्मण और बीजेपी वालों के सपोर्ट में ।।पैसे के लिए नीच जाति के लोग अपनी लुगाई ।।ब्राह्मण के घर टुकाई के लिए चोद देते है ।।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 10 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! Dr.Babasaheb and his theory of Hindu religion is the root cause of all disputes. Before that there was no contradiction about Hindu religion. Either we should adopt his theory or reject his theory after finding truth. I have a better idea for this. Pl support it. हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@realityground.4714
@realityground.4714 10 ай бұрын
@@avadhutjoshi796 राजाओं का इतिहास एक तरफा नहीं है, औरंगजेब इसलिए टारगेट पर है क्योंकि वो मुस्लिम था। राजस्थान के खेजडली शहीदों का इतिहास भी देखा जाना चाहिए जब पेड़ों को बचाने के लिए 400 से ज्यादा व्यक्तियों के सर काटे गए और मरने वाले कौन थे। जैसलमेर के रावल जालिम सिंह से तंग आकर पालीवाल ब्राह्मण क्यों जैसलमेर छोड़ने पर मजबूर हुए जिसके अवशेष कुलधारा के उजड़े गांव उसकी कहानी बताते हैं और भी राजाओं, सामंतों का उजला और कालिख इतिहास है, लेकिन वो सूट नहीं करेगा 😂🤭
@realityground.4714
@realityground.4714 10 ай бұрын
@@avadhutjoshi796 अंबेडकर ने अपनी मर्जी से कुछ नहीं लिखा, उन्होंने वही बताया जो पहले से लिखा था।
@user-pz5ck1zp4g
@user-pz5ck1zp4g Ай бұрын
Salute तुम जैसे निर्भीक पत्रकार के लिए
@yadav21121
@yadav21121 10 ай бұрын
Jabardast reporting
@logical_analyst
@logical_analyst 11 ай бұрын
Pehli baar dekha ye channel. Aapne bahot hi santulit aur sabhya bhasha me bade hi vyangatmak tarike se sach hum tak pahuchaya. 👍👍👍👍👍👍👍
@sidoptom
@sidoptom 11 ай бұрын
Salute to Atul chaurasiya sir. Spineless media owner can take action only by seeing the video also. No need for madam Irani to call
@bharatbhusandas4599
@bharatbhusandas4599 10 ай бұрын
😂😂😂😂
@gogirjikumar8305
@gogirjikumar8305 10 ай бұрын
आप बहुत बहुत सुंदर शांत बोलते हो - काश विपक्षी दल को सद्बुधि आए और आपके प्रति अपना ऋण चुका पाए ।
@rameshwarlalbari454
@rameshwarlalbari454 Ай бұрын
आपकी पत्रकारिता की भाषा उच्च शिक्षा प्राप्तकर्ता संस्कार युक्त व्यक्ति है
@navneetkaur7709
@navneetkaur7709 11 ай бұрын
Brilliant episode 👏 hope it reaches out to masses!
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Navneet Kaurji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@sarlapurohit1216
@sarlapurohit1216 11 ай бұрын
ये सरकार संवाद नहीं विवाद में विश्वास करती है 😬
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Sarlaji 🙏 ! Isake pahale bhi hamari bat ho gayi hai. aaj thodi alag bat bhi hai. हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@arvind.bohara2808
@arvind.bohara2808 2 ай бұрын
जागरूकता ही लोकतंत्र का जीवन है धन्यवाद युवा पीढ़ी शिक्षित है सोच समझ कर वोट करें आपके भविष्य का सवाल है। धन्यवाद
@fizakhan8252
@fizakhan8252 10 ай бұрын
What a journalism it is... How calmly in full hindi he is dictating.. loved itttt❣️❣️❣️❣️
@arsh9235
@arsh9235 11 ай бұрын
You guys are like ray of hope in the darkness 🙏🏻. God bless you immensely
@saumitramohan1897
@saumitramohan1897 11 ай бұрын
बहुत सुंदर विश्लेषण करते हैं सर्! 💐💐 👌👌
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Saumitra Mohanji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@playgame-od6rh
@playgame-od6rh 11 ай бұрын
हम गुलामी की तरफ जा रहे है।😓😨
@Sanatani_VirenSingh
@Sanatani_VirenSingh 11 ай бұрын
Fir bhi bjp bhakt samjhte nahin hai. Lagbhag 60% log bjp bhakt hain😢
@playgame-od6rh
@playgame-od6rh 11 ай бұрын
@@Sanatani_VirenSingh 😓😓
@OldMachinist
@OldMachinist 10 ай бұрын
Thanks...
@salimsheikh9890
@salimsheikh9890 Ай бұрын
Aapko dilse salam h Heart taching ❤
@relaxingview07
@relaxingview07 11 ай бұрын
next level of journalism hat's off Guru🎉
@pyarmohammad4142
@pyarmohammad4142 11 ай бұрын
सलाम करते है आपको 🎉
@sriramgautam8777
@sriramgautam8777 10 ай бұрын
Great salute to you for your very good gernalism and reporting and analysis
@prabhjeetkaur1080
@prabhjeetkaur1080 7 ай бұрын
Excellent efforts for explaining reality nicely 👍
@atiyasheerin5569
@atiyasheerin5569 11 ай бұрын
Superb reporting as always 👏🏻👏🏻👏🏻
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Atiyasheerinji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@mazharfarooqui3826
@mazharfarooqui3826 10 ай бұрын
I m a huge fan of Tippadi. There’s nothing remotely like this any where in India or, I dare say, the entire world. From the choice of words to the storytelling style, everything is pure gold.
@baoddhnaagvanshi
@baoddhnaagvanshi 7 ай бұрын
Chaursiya ji asking jai ho, ati mahaan karya hai aapka. Jai Bhim jai Bharat
@premchandram8565
@premchandram8565 Ай бұрын
Veri nice veri nice bahut acchi saheli mein aapane news bola iske liye bahut bahut dhanyvad
@varinderkaur7690
@varinderkaur7690 11 ай бұрын
I am speechless!!!! Wah wah.... ur way of explaining is superb sir
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय Varinder Kaurji🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@pinkydavid7761
@pinkydavid7761 10 ай бұрын
Thank you for the wonderful show.
@deorganiqueprofessionnelne543
@deorganiqueprofessionnelne543 10 ай бұрын
Great program well Done
@shubhamchaurasiya229
@shubhamchaurasiya229 11 ай бұрын
Bhiya this appishod for I humbly thanku
@aadeshatheist7270
@aadeshatheist7270 11 ай бұрын
सर आपकी पत्रकारिता और आप को दिल ❤ से प्रणाम करता हू
@msalimmtahir
@msalimmtahir 10 ай бұрын
Bahot khub. Kadwa sach
@user-ib7zn9ks5x
@user-ib7zn9ks5x 10 ай бұрын
आप का अंदाज सब से निराला है बहोत अच्छा है
@anjalidastur7132
@anjalidastur7132 11 ай бұрын
This is so heartbreaking in a way. No wonder we are a nation of idiots!
@rakeshkrishnan1099
@rakeshkrishnan1099 11 ай бұрын
indeed we r
@AdityaSingh-hs6tg9vu3u
@AdityaSingh-hs6tg9vu3u 11 ай бұрын
Exactly..🤣😨
@beautyofnature8512
@beautyofnature8512 11 ай бұрын
100% no doubt
@frederickpicardo6784
@frederickpicardo6784 11 ай бұрын
Absoletly right. We should blame ourself for electing such fools . Lady in question is specimen.
@notayan
@notayan 11 ай бұрын
You should change language of your comment or you will abused by Online bjp itcell employees
@indian3677
@indian3677 11 ай бұрын
Desh bachao save country save democracy
@babulkumar7818
@babulkumar7818 10 ай бұрын
Thankyou Sir for the truth 🙏
@PrabhatKumar-ev7ud
@PrabhatKumar-ev7ud Ай бұрын
Bahut Sundar prastuti
@uksrivastava895
@uksrivastava895 11 ай бұрын
शर्म आ रही है कि मैं भी उस देश का वासी हूँ जहाँ मनुस्मृति पढ़ी जाती है। 😢
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 11 ай бұрын
आदरणीय🙏 ! हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। हमारे देश में जब भी कोई इतिहास पर बात करता है तो विवाद में पड़ जाता है। एक नया मौखिक युद्ध शुरू होता है। हमारे देश में ऐसा क्यों है? इसलिए मैं आपको उपाय सहित इसके मूल कारण तक ले जा रहा हूं। भारत विश्वगुरु था या नहीं यह एक बहस का मुद्दा है। आज, विशेष रूप से 2015 से, इतिहास, जाति/धर्म व्यवस्था के संदर्भ में भारत दुनिया में मूर्ख राष्ट्र है औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@TheP-gb9pr
@TheP-gb9pr 11 ай бұрын
हां आपको US ने वीजा देने से मना किया होगा, नही तो आप NASA के scientest होते।
@soumyas5576
@soumyas5576 11 ай бұрын
​@@TheP-gb9prjaise Modi ko 12 saal tak US ne Visa nahi diya na
@soumyas5576
@soumyas5576 11 ай бұрын
​@@TheP-gb9prBaki usne kabhi ye nhi bola ki wo US ka nagrik hai
@TheP-gb9pr
@TheP-gb9pr 11 ай бұрын
@@soumyas5576 मैने नही कहा की वो US ka निवासी है, संभवतः आप mislead ho gaye hai
@BaldevSingh-ur9de
@BaldevSingh-ur9de 11 ай бұрын
अति उत्तम प्रस्तुति और व्यंग्य । बधाई और धन्यवाद।
@avadhutjoshi796
@avadhutjoshi796 10 ай бұрын
आदरणीय 🙏 ! महोदय, कृपया व्यंग्य से खुश न हों। ये विषय गंभीर प्रकृति के होते हैं। मेरे पास इसका गंभीर उपाय है। कृपया इसका समर्थन करें। हमारी प्रणाली में दोषों के संबंध में अपनी टिप्पणी के संदर्भ में, मैंने औरंगजेब का उल्लेख किया। मैंने कहा कि औरंगजेब अच्छा राजा था या बुरा राजा यह बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। उनका जो भी रुतबा था, वह आज से करीब सौ साल पहले इस दुनिया को छोड़कर चले गए। अब हमें औरंगजेब का जिक्र सिर्फ इतिहास की किताबों में करना चाहिए। औरंगजेब 2023 में हमारे जीवन में क्यों है? इसकी व्याख्या मैंने दी थी। मैंने इस मूर्खता का मूल कारण बताया। हिंदू धर्म के बारे में विरोधाभास मूल कारण है। करोड़ों लोग हिन्दू/सनातन धर्म को महान मानते हैं और करोड़ों डॉ. अम्बेडकर जी के समर्थक इसे घटिया मानते हैं। इसलिए 1947 में हिंदू पार्टी कांग्रेस ने एक पवित्र समझौता किया। यह हिंदू धर्म की महानता और हिंदू धर्म की सड़ी हुई प्रकृति के बीच एक पवित्र समझौता था।यह पवित्र समझौता एससी/एसटी/ओबीसी समुदायों की भावनाओं के सम्मान में किया गया। दोनों बातें सच नहीं हो सकतीं। इसलिए हमें हिंदू धर्म पर अपने विचार को तर्कसंगत बनाना चाहिए। और आगे मैंने इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था पर राष्ट्रव्यापी चर्चा के अपने विचार के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया। फिर भी एक पाठक ने मुझे यह बताने की कोशिश की कि औरंगजेब एक अच्छा राजा था और न्याय में उत्सुक था। मैंने जवाब दिया "अगर आपको कुछ अन्याय का सामना करना पड़ेगा, तो क्या आप औरंगजेब के पास जाएंगे? जाहिर है, वर्तमान में आपको एक बेहतर व्यवस्था की आवश्यकता होगी। हमारे बेहतर भविष्य के लिए हमें एक बेहतर प्रणाली की आवश्यकता होगी। इसलिए हमें इतिहास, जाति और धर्म व्यवस्था के पुराने विवादों को हल करके अपनी व्यवस्था में सुधार के लिए वर्तमान में अपने कर्तव्य पर ध्यान देना चाहिए। मैंने जरूरतों के अनुरूप चर्चा की एक ऐसी विशेष प्रणाली विकसित की है। यह निम्नलिखित बिन्दुओं परउचित ध्यान देता है 1) जाति और धर्म जैसे मुद्दों की नाजुक प्रकृति 2) सभी प्रतिभागियों की संतुष्टि 3) हमारे देश की विशाल जनसंख्या जिसमें शिक्षित और अशिक्षित वर्ग शामिल हैं 4) हमारे देश की राजनीतिक व्यवस्था। 5) यह निष्पक्ष तरीके से सत्य को खोजने में सक्षम है। यह हो सकता है।मैं राष्ट्रव्यापी चर्चा आयोजित करना चाहता हूं और मैंने मई 2022 तक सरकार से 1400 अनुरोध किए हैं। कृपया विचार का समर्थन करें और इसे अधिक से अधिक शेयर करें। आइए हम सामाजिक और धार्मिक सद्भाव को पुनर्जीवित करें। अवधूत जोशी
@maharajatenthouse8827
@maharajatenthouse8827 5 ай бұрын
बहुत ही अच्छी सहाफ़त इसके लिए दिल से सलाम❤❤❤
@ashokdewangan1235
@ashokdewangan1235 Ай бұрын
RAVISH KUMAR... AAP JAISE PATRAKARO KI DESH KO BAHUT JARURAT HAI..🙏🙏🙏
@Deshbhakt-hx9du
@Deshbhakt-hx9du 11 ай бұрын
Andhbhakt mukt Bharat 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
@SHIVAM44445
@SHIVAM44445 11 ай бұрын
😂😂😂😂😂
@m.parveznazimuddin9704
@m.parveznazimuddin9704 11 ай бұрын
Shatparishat.100%.
@mohankunkuvacheri
@mohankunkuvacheri 11 ай бұрын
Yes.
@beautyofnature8512
@beautyofnature8512 11 ай бұрын
Bilkul 👍
@roasther7373
@roasther7373 11 ай бұрын
aur sath m jihadi mukt bharat bhi
@dwarkabharti3623
@dwarkabharti3623 11 ай бұрын
काश! यह जज जाति से दबे न होते तो मनुस्मृति को कोड न करते😡😡😡
@jhakku1401
@jhakku1401 11 ай бұрын
सहमत हूं आपसे 👍
@SKtheFighter-xv1hp
@SKtheFighter-xv1hp 11 ай бұрын
To vo Jude hi na ban pataa... brhamin bhadwe sirf brhamin ko hi support karte
@hgh963
@hgh963 11 ай бұрын
​@@mrkeshav736 udne wale bander ne banaya hai. 😂😂😂
@rasheedasultana5630
@rasheedasultana5630 7 ай бұрын
Great ....Great...no words.
@satishhanda1757
@satishhanda1757 11 ай бұрын
Excellently done as always! Kudos for the hardwork behind such work. Big Salute!!
I MADE A CARDBOARD SWING!#asmr
00:40
HAYATAKU はやたく
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Let's all try it too‼︎#magic#tenge
00:26
Nonomen ノノメン
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