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रात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है और उनके भोग में पेठा अर्पित किया जाता है। मां को पीले फल, फूल, वस्त्र, मिठाई और मालपुआ सबसे प्रिय हैं। आइए आपको बताते हैं मां कुष्मांडा की पूजाविधि, भोग, मंत्र और आरती। साथ ही यह भी जानेंग कि कैसे मां दुर्गा के चौथे रूप का नाम कुष्मांडा पड़ा।