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षडङ्ग वेदाङ्गों में निरुक्त को वेदपुरुष का श्रोत्र कहा गया है। बिना निरुक्त को जाने वेदों का अर्थ जानना अत्यन्त दुष्कर कार्य है। अतः निरुक्त का पठन-पाठन अवश्य होना ही चाहिए एतदेव इस श्रृंखला में "निरुक्त: एक परिचय" व्याख्यान आप सभी के समक्ष प्रस्तुत है |
निरुक्त : एक परिचय | हंसराज ई-संवाद | डॉ. भारत |