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ग्रहों की युति या भाव और राशि स्थिति क्या है ज़रूरी

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Nitin Kashyap - Learn Astrology

Nitin Kashyap - Learn Astrology

10 ай бұрын

Пікірлер: 17
@Breathing-bg2gg
@Breathing-bg2gg 8 ай бұрын
💟🙏
@sitarammohanty4634
@sitarammohanty4634 10 ай бұрын
Great sir
@MandeepSingh-vt1lw
@MandeepSingh-vt1lw 10 ай бұрын
🙏💐
@3rdeye72
@3rdeye72 7 ай бұрын
Thank you
@devanshisandip6680
@devanshisandip6680 10 ай бұрын
Jay shree ram sir 🙏 sir bahut shi bat
@bharatsoni6142
@bharatsoni6142 8 ай бұрын
Sir aapne ek dam sahi bataya meri kundli vrichik lagn ki he dasham bhav me yehi yog bana huaa hai dasham bhav me surya 16 rahu 14 shani 22 budh 07 sukra 19 guru 00 he aur lagnesh astam me moon makar rashi me 02 bahut kharab halat hai guru ki mahadasha he to bhi
@kavitachawla1226
@kavitachawla1226 8 ай бұрын
Bahut shi bataya nirin ji God bless you
@Hyenakiller2828
@Hyenakiller2828 10 ай бұрын
Very nice
@vikasjain6043
@vikasjain6043 10 ай бұрын
Bhut sundar vyakhya ki apne humare agyan ko isi prkar se dur krte rhe nitin ji
@AstroChitra
@AstroChitra 9 ай бұрын
I love your teaching❤❤❤❤❤
@virendra15180
@virendra15180 10 ай бұрын
Waah… bahut badhiya Sir. Bas ye aur bata dete ki kaun se sath waale ?? Rahu aur Shani kya batate hain ?
@samratsharma4079
@samratsharma4079 10 ай бұрын
Sir fee for kundali analysis
@anikatelang2670
@anikatelang2670 10 ай бұрын
Sirji 🙏Meri beti ka moon kark raski ka lagan me baitha hai nich ka mangal sath me baitha hai...lekin 1 degree ka hai moon...kaisa hai ye combination ??
@anikatelang2670
@anikatelang2670 10 ай бұрын
10 th house me mesh ka sun baitha hai 7 degree ka nd mercury retro cumbust hai sath me ..
@RamDas_Avinash
@RamDas_Avinash 10 ай бұрын
​@@anikatelang2670 ठीक वैसा ही फल देगा जैसे नितिन कश्यप जी ने बताया। कर्क लग्न की कुंडली में लग्न में ही चंद्रमा बैठा हो तो ये अति उत्तम होता लेकिन जब अकेले बैठा होता। लेकिन क्योंकि नीच का मंगल भी साथ बैठ गया इसलिए अब चंद्रमा का फल खराब हो गया। कर्क लग्न के जातक बहुत ज्यादा emotional (संवेदनशील) होते हैं, भावुक, दयालु, करुणा से भरे हुए होते है, थोड़े से डरपोक भी होते हैं। लेकिन जब नीच का मंगल साथ बैठा हो तो ऐसा मनुष्य बहुत जल्दीबाजी में बिना सोचे समझे निर्णय लेने वाला बन जाता है अर्थात् धैर्यहीन हो जाता है जिसके कारण उसे बाद में अपने निर्णय पर पछताना पड़ता है। लग्न में मंगल बैठकर आपकी बेटी को मांगलिक बना रहा है जो कोई बुरी बात नहीं है। इसका अर्थ यही हुआ कि उसमें अत्यधिक ऊर्जा है जिसे आपको नियंत्रित करना होगा अन्यथा यही अनियंत्रित ऊर्जा उसके क्रोध, गुस्सैल स्वभाव , कड़वी वाणी और चिड़चिड़ेपन में बदल जाती है जो पहले शिक्षा एवं कार्यक्षेत्र और बाद में संतान और सुखी वैवाहिक जीवन में परेशानी देती है। इसलिए आपकी बेटी को योगा, प्राणायाम, नृत्य, खेलकूद करने का बोले जिससे उसकी ऊर्जा सही स्थान पर प्रयोग हो सके। चंद्रमा का अंश बल नहीं पक्ष बल देखा जाता है। अर्थात् यदि आपकी बेटी का जन्म पूर्णिमा या उसके 4 दिन आगे पीछे हुआ है तो चंद्रमा शुभ एवं पक्ष बल से बलवान माना जायेगा और यदि अमावस्या या अमावस्या के दिन 4 दिन आगे पीछे का है तो चंद्रमा पापी/अशुभ एवं पक्ष बल से कमज़ोर माना जायेगा। यदि आपकी बेटी का चंद्रमा शुभ हुआ तो उसका मन प्रसन्न एवं आनंदित रहेगा लेकिन यदि चंद्रमा पापी, अशुभ एवं पक्ष बल से कमज़ोर हुआ तो फिर उसका मन बिना किसी बात के उदास एवं , अज्ञात भय से परेशान एवं चिंतित, मानसिक रूप से अशांत रहेगा और भविष्य में डिप्रेशन जैसे मानसिक रोग होने की संभावना बनी रहेगी। चंद्रमा और मंगल दोनों रक्त से संबंध रखते हैं। पक्ष बल से कमज़ोर चंद्रमा और नीच का मंगल लग्न में बैठकर रक्त संबन्धित रोग जैसे एनीमिया, शरीर में खून की कमी और मासिक धर्म में परेशानी देते हैं। साथ में सिरदर्द, पेट दर्द ,घुटने में दर्द और नींद में डर लगने के कारण अनिद्रा अर्थात् अच्छे से नींद नही आने की बीमारी भी देते हैं। अशुभ चंद्रमा माता के स्वास्थ्य में परेशानी भी देता है और माता से संबंध भी खराब करता है। नीच का मंगल आकस्मिक दुर्घटना, ज़मीन पर गिरना, हाथ पांव में लग्न और जानवरों से काटना भी करवाता है। ये सभी बीमारी का असर तब ज्यादा पड़ेगा जब जीवन में मंगल/चंद्रमा की दशा/अंतर्दशा आयेगी या फिर जब शनि की साढ़े साती/ढय्या आयेगी जैसे कि अभी कर्क राशि वालों की ढय्या चल रही है तो आपको इसके प्रभाव दिखने शुरू हुए होंगे। अब बात सूर्य की करते है। सूर्य दशम भाव में दिग्बली और उच्च के बैठे है। धनेश सूर्य का कर्म के भाव में बैठना बहुत अच्छा है जो देखने में एक राजयोग दिखता है लेकिन इस राजयोग पर पूर्ण प्रभाव नहीं मिल पाएगा क्योंकि सूर्य जिस मंगल की राशि में बैठा है वो खुद ही नीच है इसलिए उच्च के सूर्य का प्रभाव बहुत कम मिलेगा जिसके कारण आपकी बेटी बहुत मेहनती बनेगी लेकिन जीवन में संघर्ष करने के बाद भी उसे उसकी मेहनत का संपूर्ण फल नहीं मिलेगा। क्योंकि आपकी बेटी का सूर्य उच्च का है तो अवश्य ही उसका जन्म 15 अप्रैल से 15 मई के बीच में हुआ होगा तो बहुत संभावना है कि उसका शुक्र भी मीन या कुंभ राशि में बैठा होगा जिसका अर्थ हुआ कि उसे शुक्र सम्बन्धित चीज़े भी बहुत पसंद होगी जैसे नाचना, मेकअप करना, सुंदर कपड़े पहनना और खूब खर्चा करना। Part-2 👇
@RamDas_Avinash
@RamDas_Avinash 10 ай бұрын
​@@anikatelang2670 Part-1 ☝️ कर्क राशि जल तत्वीय राशि होती है इसलिए ऐसे लोगों को नदी, तालाब, समुद्र, मछली बहुत पसंद होते हैं। लेकिन ऐसे लोगों को अपने भोले स्वभाव के कारण जीवन में धोखे बहुत मिलते हैं और भावुक स्वभाव के कारण किसी पर जल्दी भरोसा नहीं कर पाते हैं। इसलिए भविष्य में बेटी का विवाह अच्छे से कुंडली मिलान करके करें, सिर्फ गुण मिलान के भरोसे नहीं रहें। अगर आपकी बेटी का चंद्रमा अमावस्या के पास का हो तो आप और वो दोनों पूर्णिमा व्रत करना प्रारंभ करें और प्रत्येक पूर्णिमा/अमावस्या/सोमवार को पीतल के लोटे में गंगा जल + दूध + शक्कर + काले तिल + शुद्ध जल डाल कर शिवलिंग पर अर्पित करना शुरू करें। अगर आपकी बेटी पूजा या व्रत करने से मना करती है तो फिर आप अपने स्वयं और अपने परिवार के लिए रखें और उससे किसी भी प्रकार की कोई ज़िद्द न करें। आपको देखा देखी कुछ समय बाद वो खुद करेगी। पूर्णिमा के चंद्रमा की देवी माता पार्वती, अमावस्या के चंद्रमा के देवता भगवान शिव और मंगल के देवता भगवान कार्तिकेय/हनुमान जी होते हैं इसलिए संपूर्ण शिव परिवार के शरण में रहें और शिव चालीसा/दुर्गा चालीसा/ हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें। ग्रह/समय कितना भी अशुभ हो धीरे धीरे सभी शुभ फल देने लगेंगे। बस ज़रूरत है धैर्य, आस्था और श्रद्धा की। बाकी आप जिस भगवान को मानती हो चाहे राधे कृष्ण हो या सीता राम , आप उनकी पूजा करें या शिव परिवार की एक ही बात है, सब में परमेश्वर का ही वास है। वैसे कुंडली से आपकी बेटी के इष्ट देव हनुमान जी बनते हैं तो उनकी उपासना से जल्दी फायदा होगा। शिवजी के अवतार हनुमान जी के पूजा के बाद सीता राम नाम अवश्य लें। इनमें से जो उपाय आपको सरल लगे उसे श्रद्धा पूर्वक करें। बाकी ये सब बातें मैंने सिर्फ तीन ग्रहों : सूर्य, चंद्रमा और मंगल को देख कर बताई है। बाकी के नौ ग्रह की स्तिथि और दृष्टि से कुंडली के फलों में बहुत अंतर आ जाता है। फिर भी ईश्वर की शरण में बने रहें, वो सब अच्छा ही करेंगे और आपकी बेटी के छोटे भाई बहन हो तो उनका विशेष ध्यान रखें क्योंकि मंगल छोटे भाई बहन के कारक होते हैं। अधिक जानकारी के लिए मेरे KZfaq channel पर दिए हुए मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सकती हैं। 🙏 सीता राम, राधे श्याम 🙏
@pricelessheritagewithanupama_t
@pricelessheritagewithanupama_t 8 ай бұрын
​@@anikatelang2670kalpurush kinkundli me yha mangal uchch ka hota hai... To achha hi result dega 10 me bhi karak hota hai.. Enegy level km rhegi kyoki watery lelement me baitha hai....
Stay on your way 🛤️✨
00:34
A4
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Pool Bed Prank By My Grandpa 😂 #funny
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SKITS
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艾莎撒娇得到王子的原谅#艾莎
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