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भानियावाला क्षेत्र के सात सौ परिवारों के लिये मानो इतिहास खुद को दोहरा रहा हो. आज से 40 साल पहले यानी अस्सी के दशक में पुरानी टिहरी शहर के आसपास के गांव में सबसे पहले विस्थापन का नोटिस चस्पा किया गया था. उस वक्त इन्हें 22 हजार रूपये आर्थिक मुआवजा और देहरादून के भानियावाला में कृषि भूमि आवंटित की गई. विस्थापित हुए परिवारों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह थी कि जिस भानियावाला के इलाकों में इन्हें कृषि के लिए जमीन दी गई थी वह पथरीली थी. दशकों की मेहनत के बाद टिहरी से विस्थापित हुए इन गांव वालों ने भानियावाला की जमीन को भी कृषि योग्य बनाया. लेकिन 2006 में इन लोगों को फिर से विस्थापन का नोटिस थमा दिया गया. अब एक बार फिर से इन विस्थापित परिवारों को एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर हटाया जा रहा है.
जॉली ग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण परियोजना, Dehradun. Uttarakhand.
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