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पंचमहापुरुष योग आपकी सफलता का सूत्रधार| Panchmahaprush yog ke fayde| ज्योतिषशास्त्र अबकड २
कोई घटना घटित हो जाती है तो हर कोई उसे योग से जोड़ने की कोशिश करता है| अर्थात, आज की प्रचलित भाषा के अनुसार योग का अर्थ अप्रत्याशीत रुप से होनेवाली घटना होती है| लेकिन योग को यदि ज्योतिष की दृष्टि से समझ लिया जाए तो, वह अप्रत्याशीत नहीं, बल्कि निश्चित रुप से होनेवाली घटना होती है| अपने साथ जो भी शुभ-अशुभ होता है, वे सभी योग होते है. ग्रहों की दिशा एवं दशा पर वे निर्भर करते है| योगों में राजयोग यह शब्द कई बार आपने सुना होगा| असाध्य लगनेवाली कोई भी चीज साध्य होती है, तो क्या राजयोग जुड़कर आया है? ऐसा हम सरलता से कह देते है. क्योंकि वह सब के साथ नहीं होता| यह राजयोग निश्चित रुप से क्या होते है? इसका अब हम अध्ययन करनेवाले है| मनुष्य जब इस भूमी पर अवतरीत होता है, अर्थात जब मनुष्यका जन्म होता है उसी समय उसकी कुंडली निश्चित होती है| कुंडली के अनुसार ही उसके जीवनमें शुभ-अशुभ चीजें होती हैं| मनुष्य के जन्मका समय, स्थान, नक्षत्र, तारीख आदि कई चीजों का संबंध उसके संपूर्ण जीवन से होता है| सामान्य रुप से ऐसा कहा जाता है कि, जीवनमें मनुष्य जैसा कर्म करता है, उसके अनुसार उसका जीवन व्यतीत होता है| यह वीडियो आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण होनेवाला है| इस वीडियो को अंत तक देखें और आपका सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
कुंडली में पंच महापुरुष योग का निर्माण
ये पांच योग वाले लोग ही होते हैं धनवान
हंस पंच महापुरुष योग
अखंड धन योग
पंच महापुरुष योग कुन्डली
गुरु चांडाल योग
कुंडली योग
मालव्य योग
रूचक योग
शश योग
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