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अलग-अलग प्रधानमंत्री संवाद के लिए अलग-अलग तरीके चुनते हैं। अगर ट्वीट, रेडियो प्रसारण और रैलियों में भाषण नरेंद्र मोदी के संचार के पसंदीदा तरीके हैं, तो भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चिठ्ठियों में विश्वास करते थे - आज की भाषा में स्नेल-मेल।
अगस्त 1947 में पदभार संभालने के तुरंत बाद, नेहरू ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हर पखवाड़े एक चिट्ठी लिखने की परंपरा शुरू की, जिसमें उन्होंने उस समय देश के सामने मौजूद समस्याओं के बारे में खुलकर बात की।
ये चिट्ठी पण्डित नेहरू के संग्रहित और चयनित कार्यों में उपलब्ध हैं। इन चिठ्ठियों में हमें एक ऐसे दिमाग की कार्यप्रणाली की दिलचस्प झलक मिलती है, जो राष्ट्र निर्माण, सांप्रदायिकता, अर्थव्यवस्था, सामाजिक न्याय, विज्ञान और विदेश नीति जैसे सवालों से एक साथ जूझ रहा था।
आज से हम यह सीरीज़ शुरू कर रहें हैं जिसमें हम आपको हर मंगलवार और शनिवार शाम 7 बजे पण्डित जवाहर लाल नेहरू जी की ही लिखी एक चिट्ठी से आपको जोड़ेंगे।
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