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थाई ऐपल बेर की खेती
जहां हो सकती है:
* उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र: यह 15°C से 40°C तापमान और 750 mm से 3000 mm वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से बढ़ता है।
* भारत में: यह राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में उगाया जाता है।
होने वाली बीमारियाँ:
* पत्ती धब्बा: यह फंगल रोग पत्तियों पर धब्बे पैदा करता है।
* फल सड़न: यह फंगल रोग फल को सड़ने का कारण बनता है।
* पत्ती खुरदरापन: यह वायरल रोग पत्तियों को खुरदरा बनाता है।
उत्पादन:
* प्रति पौधा: यह 100 से 200 किलोग्राम फल प्रति वर्ष पैदा कर सकता है।
* प्रति हेक्टेयर: यह 20 से 40 टन फल प्रति वर्ष पैदा कर सकता है।
ज़्यादा लाभ के लिए टिप्स:
* उचित किस्मों का चयन: अच्छी पैदावार वाली और रोगों के प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
* जमीन की तैयारी: जमीन को अच्छी तरह से तैयार करें और उसमें पर्याप्त मात्रा में खाद डालें।
* रोपाई: मौसम के अनुसार रोपाई करें।
* आवर्तन: नियमित रूप से सिंचाई करें।
* खाद और उर्वरक: नियमित रूप से खाद और उर्वरक डालें।
* छंटाई: नियमित रूप से छंटाई करें।
* रोग और कीट नियंत्रण: रोगों और कीटों से बचाव के लिए उचित उपाय करें।
अतिरिक्त टिप्स:
* मौसम के अनुसार फसल लें: मौसम के अनुसार फसल लें ताकि आपको अच्छे दाम मिल सकें।
* अच्छे बाजारों से संपर्क करें: अच्छे बाजारों से संपर्क करें ताकि आपको अपनी फसल का अच्छा दाम मिल सके।
* प्रचार करें: अपनी फसल का प्रचार करें ताकि आपको अधिक ग्राहक मिल सकें।
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