Prerana Pathey ( Pravachan ) - Gita Main Marne Ki Kala By Acharya Shri Mahapragya .
Пікірлер: 41
@sahebraowagh44232 жыл бұрын
आदरणीय महापज्ञ महाराज के,मरणे कला,गीता, तत्व ज्ञान, श्री कृष्णा ही सत्य है आदी बहुत विचार मौल्यवान है,जीवने,मरणे की कला जाणे इ.के बारणे बहुत विचार दिये है, आभारी हू धन्यवाद शुक्रीया कापडणे जिल्हा धुळे
@anandjain867527 күн бұрын
PARAM PUJYA PARAM ARADHYA ACHARYA SRI MAHARAGYA SAT SAT VANDAN
@sahebraowagh44232 жыл бұрын
संस्कार, इसपर आदरणीय आचार्य महाप्रज्ञ महाराज के प़वचन अर्थ पूर्ण है, सत्य बांधा नहीं जाता, आदी विचार मौल्यवान है आभारी हू धन्यवाद शुक्रीया
@kasturchandjain8530 Жыл бұрын
Mñ😅😅😮❤❤
@shantadagaria99119 ай бұрын
Vande Gurudev
@sahebraowagh44232 жыл бұрын
मा महावीर और गीता ने जीनेकी और मरणे की कला बताइ है, सत्य सबभाषामे एकही, आदी बहुत मौल्यवान विचार सादरीकरण किया है अभिनंदन शुभेच्छा कापडणे जिल्हा धुळे
@ashokshah9843 жыл бұрын
Vande guruvaram
@shaktisinh_charan Жыл бұрын
Great Insights from you Acharyaji.
@ramcharansharma53162 жыл бұрын
जय गुरुदेव। आपके संरक्षण में कुछ दिन बिताए और कायोत्सर्ग का प्रशिक्षण लिया और अनुभव किया कि मैं शरीर नहीं अस्तित्व या आत्मा हूं,ये जैन धर्म में भेद विज्ञान कहलाता है। आपका आशीर्वाद न मिला होता तो शायद धर्म के मर्म से अवगत नहीं होता। पुस्तक मेले से आपकी तीस पुस्तकें खरीद कर लाया और उनमें ये पढा "कौन कहता कि मन चंचल है?" सच है मन चंचल नहीं है,उसे चंचल हमारी इच्छाएं बना देती है,उसी तरह जैसे पंखे को विद्युत । "कामना जो शेष है, ये दुख का आदेश है।" आपको बार-बार हृदय से नमन।