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राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव परिणामों से सूबे की भाजपा सरकार को करारा झटका लगा है| विपक्ष में रहते हुए भाजपा के अग्रिम संगठन एबीवीपी ने दो बार लगातार अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया था लेकिन सूबे में सरकार होने के बावजूद एबीवीपी चारों खाने चित्त हो गई| सियासी जानकारों की माने तो ऐसे में ये परिणाम काफी मायने रखते हैं| एनएसयूआई का कहना है कि युवा भाजपा सरकार के वादों पर खरा नहीं उतरने से उससे छिटक रहा है| ऐसे में यह युवाओं का सरकार को उसके बदले में तोहफा है|