सत्यभाषणरूप परमात्मा नारायण की पूजा अर्थात् सत्यनारायण कथा विशेषरूप से संध्या समय में ही करवानी चाहिए और कथा के बाद नारायण का गुणगान (संकीर्तन) अवश्य करना चाहिए
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@swaminiranjananandbhikshuk930023 күн бұрын
सत्यभाषणरूप में परमात्मा नारायण को आराधन अर्थात् सत्यनारायण कथा विशेषरूप से संध्या समय में ही करवानी चाहिए। सत्यनारायण कथा के समय भगवान् (नारायण)का गुणगान, संकीर्तन भी अवश्य ही करना चाहिए। पंडितजी को सवा के हिसाब से दक्षिणा के रूप में यथाश्रद्धा सवा पांच सौ रुपए अथवा सवा सौ रुपए अथवा सवा दो सौ रुपए दे सकते हैं । स्वामी निरंजनानन्द (भिक्षुक) यथार्थ कथा को आप तक पहुंचाने में कारण बने।इसकी दक्षिणा?यथा सम्भव सत्य बोलिए, कथा के इस यथार्थ रूप को दूसरों तक पहुंचाएं, सनातन के ग्रन्थों में आई कथा के रहस्यों को समझने का प्रयत्न करें, सनातनधर्म में अपनी निष्ठा को डगमगाने न दें..इतनी दक्षिणा भी इस भिक्षुक (स्वामी निरंजनानन्द) के लिए सुपर्याप्त है।
@SanjayGupta1263723 күн бұрын
Narayan Narayan Narayan
@avishakegarg359023 күн бұрын
Narayan
@swaminiranjananandbhikshuk930023 күн бұрын
परमात्मा के सत्यभाषणरूप की पूजा अर्थात् सत्यनारायण कथा विशेषरूप से संध्या समय में करवानी चाहिए। सत्यनारायण कथा के समय भगवान्(नारायण) के नाम का संकीर्तन भी अवश्य करना चाहिए।