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भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है कोर्ट के मुताबिक जो जमीन मालिक मुआवजा लेने से इनकार करते हैं, वो भूमि अधिग्रहण रद्द करने का दबाव नहीं डाल सकते। पांच जजों की संविधान पीठ ने भूमि अधिग्रहण कानून धारा 24 की व्याख्या करते हुए कहा कि उसनी मंशा है कि असली जमीन मालिक को लाभ मिले। अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने के बाद बीच में कई मध्यस्थ आ जाते हैं, जो जमीन की ज्यादा कीमत सरकार से वसूलने के लिए प्रक्रिया में अड़ंगा लगाते हैं। पीठ ने कहा कि मुआवजे की रकम कोर्ट में जमा न करने से अधिग्रहण रद्द करने का कारण नही हो सकता ।कोर्ट ने कहा कि सिर्फ उन्हीं मामलों में पुराने कानून के तहत शुरू अधिग्रहण प्रक्रिया रद्द होगी, जिनमें वर्ष 2013 के अधिनियम के प्रभावी होने वाले दिन यानि एक जनवरी 2014 से पांच वर्ष या इससे अधिक तक सरकार ने न तो मुआवजा दिया हो और न ही जमीन पर कब्जा लिया है।
Guests:
Hukum Singh Meena Joint Secretary (Land Regulations), Ministry of Rural Development | GoI,
Krishan Bir Chaudhary, President, Bhartiya Krishak Samaj,
Dr. Abhishek Atrey, Advocate on Record, Supreme Court,
Anchor: Kavindra Sachan
Producer: Sagheer Ahmad