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इस वीडियो में आपने मोढ़ेरा का प्रसिद्ध सूर्य मंदिर और पाटण में स्तिथ वर्ल्ड हेरिटेज साइट रानी की वाव देखी। मोढ़ेरा सूर्य मंदिर अहमदाबाद से 98 km की दूरी पर मोढेरा में स्तिथ है। इसे सोलंकी राजा भीमदेव प्रथम ने बनाया था इस मंदिर की निर्माण शैली सोलंकी काल की है जो कि बहुत अद्धभुत है। रानी की वाव मोढ़ेरा सूर्य मंदिर से 36km की दूरी पर पाटण में स्तिथ है और अहमदाबाद से पाटण की दूरी 129 km है। रानी की वाव को 2014 में यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट घोषित किया गया। 1063 में सोलंकी शासन के राजा भीमदेव प्रथम की प्रेमिल स्मृति में उनकी पत्नी रानी उदयामति ने यह बावड़ी बनवाई थी। रानी उदयमति जूनागढ़ के चूड़ासमा शासक रा' खेंगार(खंगार) की पुत्री थीं। सोलंकी राजवंश के संस्थापक मूलराज थे। सीढ़ी युक्त बावड़ी में कभी सरस्वती नदी के जल के कारण गाद भर गया था। यह वाव 64 मीटर लंबा, 20 मीटर चौड़ा तथा 27 मीटर गहरा है। यह भारत में अपनी तरह का अनूठा वाव है। इसलिए इस बावड़ी को बावडिओ की रानी का खिताब दिया गया है।
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