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गेनाराम देवासी 475/-ऊँठो के मालिक जिनके हालात दयनीय ll pastoralist aword 2021 mr.GENARAM RAIKA
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Rajsthan
एक ऊँट सात फीट लम्बा, और 680 किलो का होता है।
इन्हें रेगिस्तान में जीने की आदत है, और इस वातावरण के हिसाब से, इनकी भौहें 10 सेंटिमीटर लम्बे होते हैं, ताकि इनकी आँखों में रेत ना घुस जाए।
उनके कान में भी बाल इसी वजह से होते हैं - ताकि रेत उनके कानों में ना घुस जाए।
ऊँट के पैर बहुत ही अनोखे होते हैं, जिसके कारण वे आसानी से रेत पर चल पाते हैं।
यह जानवर अपने ऊबड़ के लिए जाना जाता है।
लोग मानते हैं कि ऊँट अपने ऊबड़ में पानी रखता है, लेकिन असल में ये फैट के लिए है। जब उन्हें खाना नहीं मिलता है, तो इसी फैट से उन्हें ऊर्जा मिलती है।
बिना खाना और पानी के, एक ऊँट काफी लम्बे समय तक जीवित रह सकता है। कई जानवरों के शरीर में जब पानी 15% कम हो जाता है, तो वो मरियल से हो जाते हैं। लेकिन एक ऊँट, पानी की 25% कमी भी सहन कर पाता है।
जब इन्हें पानी मिलता है, तब ये करीबन 151 लीटर पानी एक ही साथ में पी लेते हैं।
रात के समय उनके शरीर का तापमान लगभग 34 डिग्री सेल्शियस होता है, और दिन के समय, 41 डिग्री सेल्शियस।
ऊँट के दूध में बहुत सारा आइरन, विटामिन और मिनरल पाया जाता है।
गाय के दूध से ज़्यादा, ऊँट का दूध हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इसमें कम फैट पाया जाता है।
एक घंटे में एक ऊँट, 40 मील दौड़ सकता है।
अपने आप को किसी भी प्रकार के खतरे से बचाने के लिए, ये अपने चारों पैर को लात मारने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
जंग में, खासकर की वे जंग जो रेगिस्तान में लड़े जाते थे, राजा-महाराजा ऊँट का इस्तेमाल करते थे।
जब ऊँट मर जाते हैं या बूढ़े हो जाते हैं, तो उनके मांस को खाना और कपड़ा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
एक ऊँटनी, उसे कितना खाना मिले उस पर आधारित, 9-14 महीने तक गर्भावस्था में रहती है।
एक ऊँट का जीवन काल 40-50 साल तक का होता है।
ऊँट के कुछ प्रकार के सिर्फ एक ऊबड़ होती है, और अन्य दूसरों के दो।
ऊँट को पालकर, उन्हें सर्कस में लोगों के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ऊँट बहुत कम अकेले रहते हैं। खाने की खोज में अक्सर 30 ऊँट एक साथ चलने लगते हैं।
उन पौधों को खाने से जिनमें काँटें हों, एक ऊँट का मुँह घायल नहीं होता है।
ऊँट के लगभग 14 मिलियन प्रकार होते हैं।
एक ऊँट का मुँह दो भाग में बँटा हुआ है। इससे उसे अपने खाने को आराम से खाने की सुविधा मिलती है।
कहा जाता है कि उम्र में जो ऊँट छोटे होते हैं, वे बड़े ऊँट से ज़्याद स्वादिष्ट होते हैं।
ऊँट तब तक थकते नहीं, जब तक उन्हें उनकी तरफ कोई खतरा मेहसूस हो रहा हो।
ऊंट के बारे में और जानकारी संपादित करें
ऊँट सिर्फ दिखने में धीरे चलने वाले दिखते हैं। ये भी काफी तेज़ दौड़ सकते हैं, लेकिन कम समय के लिए।
इनका ऊबड़ जन्म से नहीं होता है। जब एक ऊँट खाना खाने जितना बड़ा हो जाता है, तब उसका ऊबड़ धीरे-धीरे बढ़ने लगता है।
ऊँट को अपना नाम एक अरबी शब्द से मिला है जिसका अर्थ ”सुंदरता” होता है।
लम्बी दूरी तक, बिना पानी या खाने के चल पाने का कारण है - ऊँट के रक्त वाहिकाओं का आकार।
ऊँट लेटकर सोते हैं।
गाय की तरह, ऊँट भी अपने खाए हुए खाने को फिर से मुँह में लाकर चबा सकता है।
हरे पौधे खाने से, ऊँट को पानी का तत्व मिलता है।
सर्दियों में भी, रेगिस्तान में ऊँट दिखते हैं।
इंसान ऊँट को एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
बच्चों को उँट की सवारी भी कराई जाती है।
ऊँट कई धार्मिक बातों से जुड़ा हुआ है।
बहुत साल पहले, लोग ऊँट के युरिन को चिकित्सक कारणों के लिए पीते थे।
ऊँट एक शाकाहारी जानवर है। वह किसी भी प्रकार का मांस नहीं खाता है।
ऊँट को रेगिस्तान का जहाज़ कहा जाता है।
ऊँट पर जो बाल होते हैं, वे धूप की किरणों को प्रतिबिम्बित कर देते हैं, जिसके कारण उनके शरीर में ठंडक कायम रहती है।
ये जानवर अपने पीठ पर कम से कम 181 किलो जितना सामान उठा पाता है।
ऊँट सस्तन प्राणी होते हैं।
ये जानवर बहुत ही समझदार है। साथ ही, एक ऊँट की नज़र और सुनने की क्षमता बहुत ही अच्छी होती है।
जब एक ऊँट के ऊबड़ का फैट खतम हो जाता है, तो उसका ऊबड़ छोटा हो जाता है।
एक ऊँटनी एक बार में एक ही बच्छड़े को जन्म दे सकती है।
एक ऊँट का बच्छड़ा करीबन 40 किलो का होता है।
बच्छड़े अपने माँ का दूध ही पीते हैं।
कभी-कभी ऊँट के बच्छड़े सफेद बालों के साथ पैदा होते हैं। जैसे जैसे वो बड़े होते हैं, वैसे वैसे उनके बाल भूरे रंग के हो जाते हैं।
ऊँट के पैर लम्बे इसलिए होते हैं, क्योंकि वे ऊँट को तपती हुई धरती से दूर रखने में सक्षम होते हैं