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सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब मे आरही | राधास्वामी शब्द | 17 मार्च विशेष | #radhaswami #rssdprem
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For Lyrics-------
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
17 march 1997 सतगुरु जी गद्दी सँभाली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
(हज़ार गुणा था ) सतगुरु ने वचन यो फ़रमाया
मेरा मास्टर लाखों में हीरा स्वामी सॉलिग बताया
कपटी पापी थे जीतने उन्हें वचन नहीं भाया
करी कुटिलता न्यारे छट गे सतगुरु थारी माया
करी कुटिलता न्यारे छट गे सतगुरु थारी माया
रूप एक काया दो देखन ने चली आख निराली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
जीव बेहाल होलिये थे कोई भी ना था रखवाला
ताली बिना जैसे बेक़दरा होजवे ताला
सतगुरु की दया से सब कुछ अपने सम्भाला
सारी संगत राज़ी होगी स्वामी आगया तारण आला
सारी संगत राज़ी होगी स्वामी आगया तारण आला
रोम रोम ऋणी संगत आज से ऐसी प्रतिज्ञा ख़ाली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु से प्रेम घनेरा मैन में था भाव अगाद
असी कोई चीज़ बनाऊ जिसमे हों सतगुरु की याद
प्रेम प्रतीक आपने बनायी ताराचंद रूप समाध
चकवा चकवी मिलन बिन तरसे असी विरह रही जाग
चकवा चकवी मिलन बिन तरसे असी विरह रही जाग
ऐसा प्रेम सतगुरु से हर दिल मे जगह बनाली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
जगह जगह दिए बना आश्रम सदा वृत्त खोले भंडार
बुखा कोई जावे नहीं खुले रहे हरदम रहे खुलें द्वार
मास मदिरा का नेम करा के जीवों को रहे सुधार
सबको संभाव से देखें हर जीव से करते प्यार
सबको संभाव से देखें हर जीव से करते प्यार
प्रकर्ति प्रेम ला बाग बग़ीचे ख़ुद बनके न माली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सत्संग खूब फैला रहे ऐसा संत अलबेला
दया सील संतोष सबर पहना रहे है ये चोला
जो तुम पार उतरना चाहो करो शब्द की सेला
राधास्वामी नाम देके छूटावे चौरासी का सहेला
राधास्वामी नाम देके छूटावे चौरासी का सहेला
भवसागर से तारण खातर झाहज किनारे लाली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सूरत शब्द का योग बता कर प्रेम प्यार रहे से बाट
आत्म का मल धोवन खातर दिनोद धाम मे लाया घाट
सतगुरु ताराचंद की शरण आके होगा सबके पूरण ठाठ
सतगुरु साहेब पूरे न लायी देखो सत की हाट
सतगुरु साहेब पूरे न लायी देखो सत की हाट
दास फ़क़ीरा के तो सतगुरु आप ही हो रखवाली
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी
सतगुरु ताराचंद की मोज कंवर साहेब में आरी