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#garhwali #kavita #phadi
रचना एवम प्रस्तुतकर्ता - जगदम्बा चमोला
संयोजन - ओम प्रकाश सेमवाल कलश ट्रस्ट रूदप्रयाग
प्रस्तुति -ओम बधाणी
सहयोग श्री संजय शर्मा दरमोड़ा,श्री दयाल सिंह राणा,श्री पारेश्वर शर्मा दरमोड़ा
आभार - राजेंद्र प्रसाद सेमवाल, डॉ0 सुशील पुरोहित,आशीष डंगवाल,रमन शैली
मुद्रण एवम एडिटिंग - Om Music and Films Studio Dehradun
Contat for audio Recording - 7453889944
©Om Badhani Official
@ombadhani
गीत
सिर सीसफूल तेरु स्यून्दी मथबेणू अर
गज्यळो सिंदूर तेरो साज सौ सजाणू च
तीन तोळा नथ दड़ि, झालुर्या बिसार सच्चि
वोंटण्यूं का बीच निस हुंगरा लगाणू च
झुमकी मछली अर कुंडलों मा बूंदा तेरा
मुर्खल्यों श्रृंगार करि कन्दुड्यों हिलाणू च
गळा गुलाबंद तेरु कंठ बाजुबंद लैक
सांख्यों मा भिंट्येक मुल हौंसी, सरमाणू च
थोळी फूली लौंग अर, नाक की बुलाक द्येखी
हौंसिया सौंजड़्यों को भी मन भरम्याणू च
लक-दक लैरी-पैरी चाँद सी अन्द्वार द्येखी
बादळों का बीच ज्वोन मुखड़ी छुपाणू च
छुबकी हंसुळि अर गळा को तिमाण्यां पैरी
हिटदी बगत झन झांझरो बजाणू च
आंगड़ी का भैर बटी गळा चन्द्रहार तेरु
कळदारूं की माळा तैं सणेती खनकाणू च
चांदी की धागुल्यों दड़ि, हाथों का जगत तेरा
पौंछ्यों की चमक मा सु भाग जगमगाणू च
गुन्दख्याळी हाथों की अग्वठ्यों मा मुन्दड़ी पैरी
सोना की सैंदाण मा सुहाग बणी जाणू च
सांकुर्यों का छोड छिन चांदी का झूमर जैमा
धौंपेल्यों को छोड़ निस पैंत्वल्यों तैं जाणू च
मुठ भर कमर मा पैरी तेरी करधनि
काख बै लचक मा कमर बलखाणू च
तेरी औण की आहट अर, जाण का बिजोग मा भी
यु पापी सीं पराण मेरू, दिल धकध्याणू च
इमर्ती पाजेब कड़ा झेंवर्यों को छमणाट
कानों का शबद मा सु आज भी सुण्याणू च
ब्युंद भर टकीं त्येरी स्यूणा की सांगळ अर
गळा मूंगा माळा कंठी चरेऊ हिलाणू च
ख्वट्टा मा बिछूवा तेरा अंगुळी आधार देन्दा
चूड़्यों दड़ि कंगना को जोड़ा खनकाणू च
------------जगदम्बा चमोला ---------------