सृष्टी की उत्पत्ति कैसे हुई//विज्ञान ,धर्मशास्त्र व बीजक ग्रन्थ क्या कहते है//संत सत्यप्रिय दास

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Satypriye Sahib Rajasthan

Satypriye Sahib Rajasthan

Күн бұрын

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@balvantmakwana5832
@balvantmakwana5832 4 ай бұрын
🌍💫🌟 जा दिन सतगुरु भेंटिया, सो दिन लेखे जान। बाकी समय व्यर्थ गया, बिना गुरु के ज्ञान।। Sat 🥀🌹saheb 🥀🌹 ji 🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@creativekids3774
@creativekids3774 Ай бұрын
सत साहेब जी।
@k.psingh4701
@k.psingh4701 Ай бұрын
Kalyug main pakhandi guru bhout milege ,kyuki sacha sant milna ati durlabh h ,ye kabirpanth wale toh maha jhute hain inpe belive nahi kar sakte inki shiksha badi ajeev h murkh ko sant kehte h aur Jo vastav main shant h unko pakhandi kehte hain
@LalChand-vi6sg
@LalChand-vi6sg 5 ай бұрын
सतगुरु सत्य कबीर साहेब की सदा ही जय हो मेरे मलिक
@Bijakbhajan
@Bijakbhajan 5 ай бұрын
Sat saheb ji 🙏🙏🙏
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
@@Bijakbhajan इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@AjayKumar-wc7fk
@AjayKumar-wc7fk 4 ай бұрын
Sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb 🌹 sat saheb ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@gangarampaswan9786
@gangarampaswan9786 Ай бұрын
सद्गुरु कबीर साहब की जय 🙏
@anyoneyouTube
@anyoneyouTube 4 ай бұрын
कबीर ही भगवान है। सही बात है।
@Maheshwarprasad229
@Maheshwarprasad229 4 ай бұрын
Saheb bandagi satnam
@kurdaramverma7385
@kurdaramverma7385 4 ай бұрын
34:08
@kalibuxsingh7073
@kalibuxsingh7073 2 ай бұрын
So Nice And Great Satsang. Sadar Naman. Om Shri Sadguru Devay Namo Namah. Om Shri Kabir Devay Namo Namah. Sat Sahab.
@user-xt7ky4hs7l
@user-xt7ky4hs7l 4 ай бұрын
सन्त सत्यप्रिय दास जी के द्वारा बीजक के माध्यम से बहुत ही सुन्दर ढंग से सृष्टि की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है सराहनीय है. बहुत बहुत आभारी है. 🌹🌹🌹🌹🌹
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
बकवास किया है।
@sitarambhagoriya6967
@sitarambhagoriya6967 4 ай бұрын
Satguru tera hi aasra hain ji, sat sahib bandagi satnam ji 🙏🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹🌹♥️♥️♥️♥️♥️
@teligram8
@teligram8 4 ай бұрын
कबीर ही भगवान है
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
कबीर भगवान है तो वह स्वयं भू है?कि उसका कोई पैदा करने वाले भी हैं?
@teligram8
@teligram8 4 ай бұрын
@@sasikv4255 कबीर जी ने श्रष्टि रचना की है और youtube par सर्च करो संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना Shashtro से प्रमाण
@teligram8
@teligram8 3 ай бұрын
@@sasikv4255 अधिक जानकारी के लिए KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना सब समझ आ जायेगा तुमको
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
@@sasikv4255 इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
@@sasikv4255 इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@amretabind6774
@amretabind6774 4 ай бұрын
साहेब बंदगी
@TarunKumar-fs6xz
@TarunKumar-fs6xz 4 ай бұрын
जय सतनाम, सप़ेम साहेब बंदगी।
@shortchanges8160
@shortchanges8160 4 ай бұрын
😢 उमेश कुमार मौर्य साहेब बंदगी बहुत सुन्दर
@ChattarSingh-fl8gi
@ChattarSingh-fl8gi 4 ай бұрын
Guru parmatma aeko jan. Blessing of Param sant Kabir . Radha soami and sahib bandaging ji
@NavinbhaiDarji-xw6rr
@NavinbhaiDarji-xw6rr 4 ай бұрын
वोहि सत पुरुष परमात्मा
@MeenaKumari-mt7ou
@MeenaKumari-mt7ou 4 ай бұрын
Sat sahib ji 🙏 kabir sahib ke charon main koti koti dhandbat pranam 🙏🙏 rampal bhagwan ke charon main koti koti dhandbat pranam 🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️
@OmPrakash-in9rq
@OmPrakash-in9rq 2 ай бұрын
जो संतो के शरण ग्रहण किया उनका सत्संग किया और उनसे नामदान लेकर अभ्यास किया वही इस रहस्य को जान पाता है। जय गुरु महाराज।
@jawaharmusicalgroup1203
@jawaharmusicalgroup1203 4 ай бұрын
जय कबीर साहेब 🙏🙏🙏
@sms1903
@sms1903 5 ай бұрын
Kabir sahib ki jay
@ghanshyamjupta9516
@ghanshyamjupta9516 4 ай бұрын
Jay Shree Hari ❤️ say
@Rajeshambedkarbadi
@Rajeshambedkarbadi 4 ай бұрын
सतगुरु कबीर दास जी महाराज जी की
@gharusandeep7231
@gharusandeep7231 4 ай бұрын
Jai kabir saheb ji ki
@arjunprasadgupta5687
@arjunprasadgupta5687 4 ай бұрын
साहेब बंदगी....🙏🕉️🌹
@SureshPal-mg2iz
@SureshPal-mg2iz 4 ай бұрын
Kabirdas ji purn parmatma swaroop hai shristy ka nirmad aap ke dwara huaa hai
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@chintaram5545
@chintaram5545 4 ай бұрын
Saheb bandagi sahebji
@jskushwaha7961
@jskushwaha7961 4 ай бұрын
Saheb bandagi saheb bandagi saheb bandagi.
@JaganNath-wy2dv
@JaganNath-wy2dv 3 ай бұрын
SAT SAHIB🎉🎉❤❤
@karanchadha2550
@karanchadha2550 2 ай бұрын
आप का ज्ञान अल्प है
@rohitratre3043
@rohitratre3043 4 ай бұрын
Saheb bandagi sadhvi ji❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
@ramprakashmaurya8892
@ramprakashmaurya8892 2 ай бұрын
नमो बुद्धाय जय भीम बहुत ही सुन्दर विचार प्रस्तुत किया और ग्यान वर्धक वर्णन किया शाहब बंदगी प्रयागराज यू पी
@jaypatel8981
@jaypatel8981 4 ай бұрын
Very very nice satsag 🙏🙏🙏🙏 Saheb Bandgai. 🙏🙏
@deonandanparshadnayak5224
@deonandanparshadnayak5224 4 ай бұрын
Lxtp😮😮😅 Dr
@mihansingh4469
@mihansingh4469 4 ай бұрын
दुखो का कारण ईच्छा व बुरे कर्म है ।
@mr.abhilashlahre4296
@mr.abhilashlahre4296 4 ай бұрын
Jai satnam 🤍 ji
@Manishrikajal
@Manishrikajal 4 ай бұрын
Satnam
@rameshworphuyal3151
@rameshworphuyal3151 4 ай бұрын
सत् साहेब 🙏🙏🙏🙏🙏कबिर साहेब पूर्ण ब्रम्ह हे 🙏🙏🙏🙏🙏 सत् गुरु संत रामपाल जी माहाराज हे बिश्व मे एक मात्र हे 🙏🙏🙏🙏🙏 और जित्ने गुरु हे काल के पंथ हे यैसे लोग नक्ली गुरु हे यैसे लोगोंको पूर्ण ज्ञान नही हे ! श्रिफ हल्दी की गाँठसे पन्साऱी बन् गय हे !!!
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@-SANATANI248
@-SANATANI248 2 ай бұрын
नकली हे वो खुद काल जाल मे हे। इतना अच्छा ज्ञान जान ने के बाद भी नहि समज रहे हो। यह अंधभक्ति नहि तो ओर क्या हे? कबीर बीजक का ज्ञान संत रामपालजी के पास हे हि नहि। परमात्मा को कोइ जेल मे नहि बंध कर शकते महामुर्खो अपना विवेक का भी उपयोग कीया करो। कबीर साहेब ने कभी भी तांत्रिक मंत्र जपना नहि बताया हे ओर संत रामपालजी काल की तांत्रिक भक्ति ॐ ,ब्रह्मा,विष्णु,महेश,गणेश, दुर्गा की भक्ति उनके मंत्र जपाते हे जबकी कबीर साहेब ने इन के मंत्र जपने को मना कीया हे। भेदी गुरु को ढुढने कहा हे ना की तत्वदर्शि को नहि। कबीर कहते हे मे कहता आँखर की देखी तु कहेता कागज की लेखी। संत रामपाल सिर्फ कागज की लेखी बताते हे। कबीर कबीर क्या करे, सोचो आप शरीर। पाँच इंद्रियाँ वश कर। आप हि दास कबीर।
@RPSharmajikiKadbibatein
@RPSharmajikiKadbibatein 4 ай бұрын
Bahut acha hai rachna ka kathak bachal Jay shree Ram modi ji Yogi ji ko koti koti pranam Hindu temple of Hindu rast hona chahiye bahut bahut jaruri hai ❤❤❤❤❤❤❤
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@homprasadthapaliya1887
@homprasadthapaliya1887 3 ай бұрын
प्रणाम जी!नमो तृगुणाय ब्रह्म ,वस्णु महेशाय। नमो भगवते सर्वव्यापकाय ज्योती निरन्जनाय ( वासुदेवाय) नमो नाराय णाय तत्पुरुसाय।नमो नारायणाय सर्वलोक प्रतिपालनाय सस्वतसत्य सतप्रभु पुर्णब्रह्म परमातमने नम:(हरि: ॐ तत्सत)🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🌺❤️
@sureshchand7493
@sureshchand7493 3 ай бұрын
जिसने भी स्वयं को जान कर प्रकृति की खोज की है ऐसा इंसान ही ब्रह्मांड के बारे में जानकारी प्राप्त करा सकता है
@Ritasavitri12
@Ritasavitri12 4 ай бұрын
😢dhanyvad
@dopeladka2273
@dopeladka2273 3 ай бұрын
आज तक कबीर जी के जनम को कोई बता नही पाया विग्यान भी नही ओर न मरन को क्योकी परमात्मा कभी मरते नही न जन्म लेते है जो जैसा अनुभव किया वहि ईतिहास पढ दिया
@bhuroosay8558
@bhuroosay8558 3 ай бұрын
Kabir koi parmeshwar nahi hai
@bhuroosay8558
@bhuroosay8558 3 ай бұрын
Apne man ko padna bas pura ho jayega pusti karna man se
@peetamyadav1444
@peetamyadav1444 3 ай бұрын
​@@bhuroosay8558लेल😅😅😅llलेलो😅
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
@@bhuroosay8558 इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@AnujKumar-tg8un
@AnujKumar-tg8un 2 ай бұрын
❤​@@bhuroosay8558
@gyanendrakumar7345
@gyanendrakumar7345 3 ай бұрын
Namo Buddhay. Jai Ravidas Ji. Jai Kabir Ji.
@karambirsharma8435
@karambirsharma8435 4 ай бұрын
जीव आत्मा को साहिब बंदगी जी श्रष्टि रचना के बारे में धर्म और ग्रंथ कुछ भी नहीं जानते ये अनुभव ज्ञान का विषय है सतनाम जी
@indianquantumai
@indianquantumai 4 ай бұрын
A granth pahle ke hai or kabir ji abh abhi ke hai. Tum samajhne me murkh karte ho.😂😂 sudra log nahi samjhenge.😂
@daluatram3715
@daluatram3715 4 ай бұрын
परम शक्ति ने अपने साकार रुप पुर्ण परमेश्वर श्री मुख से बताया है कि परम शक्ति ने सोचा, मैं हुँ तो सब कुछ लेकिन मुझे जानने वाला कोई नही है । तो मेरे अकेले होने का कोई अर्थ है । फिर सोचा कि मैं एक एसे जीब की रचना करू जो मुझे जाने भी, माने भी, और मुझ से प्यार भी करे। यह सोच कर परम शक्ति ने पहले सृष्टि की रचना की। सृष्टि की रचना होने के बहुत देर बाद जब इन्सान के लिए उचित पलेट फ़ार्म तेयार हो गया। जो इन्सान के लिए जरुरी था वह इन्सान के लिए पहले तेयार किया। उचित समय देख कर इन्सान को धरती पर उतारा। परम शक्ति ने इन्सान को अपने मक्सद के लिए बनाया है कि इन्सान इन्सान उसके बारे में जानकारी हासिल करे, फिर उस को माने कि सृष्टि को बनने वाला है और उस से प्यार करे, जो इन्सान एसा करता है परम शक्ति उस से प्यार करती है ।
@bhagunayka-nk7pq
@bhagunayka-nk7pq 3 ай бұрын
Murkh keise smjhe ga
@Bitt4217
@Bitt4217 Ай бұрын
जो शरीर मे आते हैं उन्हें शरीर छोड़ना होता है परमात्मा एक है शिव ही ईश्वर है शिव ही परमेश्वर शिव ही गुरु है siv ko अपना गुरु बनाओ परमात्मा शिव जीवन जीने की कला सिखाते है नमः शिवाय नमः शिवाय नमः शिवाय
@sasikv4255
@sasikv4255 Ай бұрын
@@Bitt4217 शिव तो स्त्रीयों के साथ संभोग करते थे। बिना शरीर के यह कैसा हो सकता था? कैसे कैसे अन्धभक्त है भारत में।
@sasikv4255
@sasikv4255 Ай бұрын
@@Bitt4217 सही बात है कैसे कैसे संभोग क्रिया करना है उस का ज्ञान देता। पुरूषों के साथ भी करते हैं ।मोहनी रूप धारण किये विष्णु के कथा याद होगा। क्या यार इनको परमेश्वर परमात्म मानते हैं। अपार है तूम लोगो के चमड़े।
@user-ru5lc8mm5w
@user-ru5lc8mm5w Ай бұрын
@@sasikv4255 दुनिया का मालिक ना आता है नहीं जाता है
@ShyamNarayanDixit-jc4yd
@ShyamNarayanDixit-jc4yd 29 күн бұрын
​@@sasikv4255Einstein revealed। E= mc^2 ============शिव सृष्टि का निर्माण पदार्थ एवं ऊर्जा से हुआ है बाकी कहानियां हैं.... मैथुनी सृष्टि का निर्माण तो मैथुन से ही होगा
@DashadasDeshadas
@DashadasDeshadas Ай бұрын
Sat saheb ji
@user-ub5du5mp7j
@user-ub5du5mp7j 4 ай бұрын
जय श्री राम
@NavinbhaiDarji-xw6rr
@NavinbhaiDarji-xw6rr 4 ай бұрын
सत साहेब कबीर बदगि
@SushilkMinistries
@SushilkMinistries Ай бұрын
क्योंकि परमेश्‍वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ*; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।
@user-jd5xf4cs8h
@user-jd5xf4cs8h 4 ай бұрын
Good vichar ji shahiv
@user-dq7yn5hw5d
@user-dq7yn5hw5d 4 ай бұрын
Koti 2 pranaam maiya Rani 😙🙏🙏🙏
@HariRam-fg5cl
@HariRam-fg5cl 4 ай бұрын
Sadguru ji ke charno me koti koti naman.. Saheb bandagi. Mujhe apne charno me rakhna
@bipinstigerentertainment2487
@bipinstigerentertainment2487 4 ай бұрын
हम बस यही जानते हैं कि कबीर परमात्मा सबके बाप है हम सब उन्हीं के संतान है कोई भी इंसान बड़ा या छोटा नहीं है सब एक समान है ❤❤
@pchandrkantvlathi9018
@pchandrkantvlathi9018 4 ай бұрын
कबीर साहब को भगवान् कहेना नहीँ चाहिये क्योंकि ग्यान कीबात कबीर साहब ने की थीं क्र्पिया आप क्या कहना चाहते हैं ए पूर्णतः समजेगे नही ओर बता रहे हैं,,,, ओम ,,,,,,,,,
@teligram8
@teligram8 4 ай бұрын
​@@pchandrkantvlathi9018कबीर ही पूर्ण परमेश्वर है KZfaq पर सर्च करो संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
अच्छा से समझाओ। क्या कबीर परमात्मा है? सारे संसार को उसने बनाया है? वीडियो वाली बता रही थी कि वह परमात्मा के द्वारा स्रष्टी कर रहे थे तो वह (कबीर)भी देख रहे थे कि कैसे और किस वस्तु से स्रष्टी हो रहा था।
@PankajKumar-ej8zc
@PankajKumar-ej8zc 3 ай бұрын
Sahab bandgi
@vijaybhadhur8194
@vijaybhadhur8194 4 ай бұрын
Bandi choodh Purn Brahm Parmeswar kabirdev saheb ki Jay ho
@gwariakailash4443
@gwariakailash4443 3 ай бұрын
जय अचिंत्य...🌹🙏
@kartarsinghthakur8275
@kartarsinghthakur8275 2 ай бұрын
Right
@satyapalsharma3129
@satyapalsharma3129 2 ай бұрын
जब सभी ग्रंथ आपके लिए झूठे लगते हैं सभी संत झूठे लगते हैं।तो कबीर दास जी कमल के फूल पर कैसे बैठ सकते हैं। चाहे कबीर दास जी हों चाहे अन्य कोई संत हो सभी के विचार काल्पनिक हैं।सुने हुए पर तो केवल विश्वास ही कर सकते हैं।वास्तविक सत्य देखा हुआ ज्ञान ही है ।
@teligram8
@teligram8 2 ай бұрын
इस कविर्देव (कबीर प्रभु) ने सतपुरुष रूप में प्रकट होकर सतलोक विराजमान होकर प्रथम सतलोक में अन्य रचना की। एक शब्द (वचन) से सोलह द्वीपों की रचना की। फिर सोलह शब्दों से सोलह पुत्रों की उत्पत्ति की। एक मानसरोवर की रचना की जिसमें अमृत भरा। सोलह पुत्रों के नाम हैं :- (1) "कूर्म", (2)"ज्ञानी", (3) "विवेक", (4) "तेज", (5) "सहज", (6) "सन्तोष", (7) "सुरति" (8) "आनन्द", (9) "क्षमा", (10) "निष्काम", ( 11 ) 'जलरंगी' (12) "अचिन्त", ( 13 ) "प्रेम", (14) "दयाल", (15) "धैर्य" ( 16 ) "योग संतायन" अर्थात् "योगजीत"। कबीर साहेब ने अचिंत को कुछ सतलोक का भार सोपा बेटा श्रष्टि कर तो। अचिंत ने परम ब्रह्म के शब्द से अक्षर पुरुष को उत्पत्ति की और कहा अक्षर पुरुष तुम मेरी मदद करना अक्षर पुरुष मानसरोवर पर स्नान करने के लिए गया और बहा उसे आनंद आया और सो गया लंबे समय तक बाहर नहीं आया अचिंत की प्रार्थना करने पर अक्षर पुरुष को नीद से जगाने के लिए कबीर साहेब ने एक अंडा लिया कबीर साहेब ने उस अंडे में एक आत्मा प्रवेश की और पानी में छोड़ दिया पानी के अंदर अंडा जाने लगा गड़गड़ाहट की आवाज सुन अक्षर ब्रह्म की निंद्रा भंग हो गई और कच्ची निंद्रा होने के कारण उसने क्रोध से देखा अंडा फूट गया फिर अंडे से ज्योति निरंजन निकला अचिंत के दीप में वे रहने लगे तीनो क्षर पुरुष अक्षर पुरुष अचिंत क्षर पुरुष के मन में आया हमारे 15 भाई अलग अलग दीप में रह रहे है और हम तीनो एक दीप में क्षर पुरुष ने एक पैर पर खड़ा होकर तप शुरू कर दिया 70युग तप किया उस तप के बदले उसने कबीर साहेब से 21ब्रह्माण्ड ले लिए फिर उसका अकेले का मन नहीं लगा तो फिर से तप किया 70युग तक इसने कबीर साहेब से3गुड़ 5तत्व लें लिया फिर से तप शुरू कर दिया 64युग तक इसका अकेले का मन नहीं लगा। तो फिर इसने तप के बदले आत्मा मांगना चाहा तो कबीर साहेब ने स्पष्ट मना कर दिया और barhamnd दे सकता हूं पर आत्मा नही हा तेरे सात कोई अपनी इच्छा से जाना चाहती है तो जा सकती है कबीर साहेब के सामने कोन है बोलने बाला एक आत्मा ने हिम्मत की और बोली पिताजी में जाना चाहती हू फिर दूसरी आत्मा बोली में तीसरी ऐसे अरबों की संख्या में बोलीं हम जाना चाहते है कबीर साहेब बोलते है ज्योति निरंजन तू जा जिस आत्म ने स्वीकृति दी है उस सभी आत्माओं को में भेज दूंगा जिसने पहले कहा में जाना चाहती हू उसी आत्मा को एक लड़की बनाई उसके प्रजनन इंद्री नही लगाई कबीर साहेब तो लड़का भी बना सकते थे पर ज्योति निरंजन को ये भी देखना था की ये कितना गिर सकता है फिर उसी लड़की में सभी आत्मा प्रवेश कर दी और कहा क्षर पुरुष कहे उतनी आत्मा को तू प्रगट कर देना कबीर साहेब ने कहा जोगजीत से इस लड़की के सात चला जा दोनो पहुंच गए क्षर पुरुष के पास जोगजीत तो उस लड़की को छोड़कर आ गया अब क्षर पुरुष उस लड़की से गलत बर्ताब करने लगा लड़की ने मना किया जबरदस्ती करने लगा लड़की ने छोटा रूप बनाया उसके पेट में चली गई क्षर पुरुष के फिर कबीर साहेब को याद किया कबीर साहेब आए उस लड़की को उसके पेट के अंदर से निकाला और श्राप दिया एक लाख खाएगा सबा लाख पैदा करेगा आज से तेरा नाम काल होगा काल को सतलोक से भगा दिया 16शंक की दूरी पर आ आकर रुख गया कबीर साहेब अंतर्यामी परमेश्वर है उन्होंने पहले ही जान लिया था किसी भी जीव को ये मनुष्य शरीर नही देगा 84लाख योनियां बनाई है एक और बना देता इस की मजबूरी हो गईं है मनुष्य शरीर देने की अब इस काल ने us लड़की से जबरदस्ती शादी की और और उसने प्रजनन इंद्री लगा दी सिद्धि से तीन पुत्र पैदा हुए ब्रह्मा विष्णु महेश आज लोग उसे दुर्गा के नाम से जानते है इससे आगे की sharshti रचना KZfaq पर सर्च कर संत रामपाल जी महाराज श्रृष्टि रचना
@NavinbhaiDarji-xw6rr
@NavinbhaiDarji-xw6rr 4 ай бұрын
5 वेद गुप्त हय
@PhulKumari-pl3ch
@PhulKumari-pl3ch 5 ай бұрын
Saheb bandagi Guruji ji 🌹🤲🤲🤲
@ujjagarsingh6553
@ujjagarsingh6553 4 ай бұрын
❤😂🎉satguru maharaj charn singh ji to all satguru beas wale ji radha soami ji Saad sangat ji radha soami ji❤😂🎉
@dilkhushraj6313
@dilkhushraj6313 2 ай бұрын
Danevad devi apka
@NavinbhaiDarji-xw6rr
@NavinbhaiDarji-xw6rr Ай бұрын
यही हय वो कायना का पिता परमात्मा सत पुरुष कबीर
@dwarkaprasadsahu130
@dwarkaprasadsahu130 Ай бұрын
परमात्मा सत कबीर साहेब जी ने ये दुनिया को 6 दिन में बनाया और सातवे दिन सतलोक/अमरलोक में राजा के समान सशारिर नुरी रूप में जा बिराजा है जिसका प्रमाण कबीर ग्रंथ बाइबिल कुरान गुरु ग्रंथ साहेब में संत रामपाल जी महाराज ने स्पष्ट किया है 19:27 सत साहेब
@Dhanakumar-wv7pn
@Dhanakumar-wv7pn 2 ай бұрын
❤❤❤❤
@vishankaviindokha7450
@vishankaviindokha7450 3 ай бұрын
कबीर साधारण कवि और भक्त थे राजपूतों के घर में खूब ऐसे भक्त हुवे थे जिनकी गिनती उनके पास ह ही नहीं
@pranaykc9093
@pranaykc9093 4 ай бұрын
Sat saheb Ji 🙏🏻🙏🏻🌹🌹❤️❤️❤️
@diliprajak7281
@diliprajak7281 4 ай бұрын
साहेब बंदगी साहेब ❤
@nonu866
@nonu866 Ай бұрын
Aap dhanya hai.Satya Sahebji.
@anasidevi-kf6ve
@anasidevi-kf6ve 26 күн бұрын
😊😊
@OpOp-fz8wm
@OpOp-fz8wm 4 ай бұрын
Good
@laxmikantmota9879
@laxmikantmota9879 4 ай бұрын
જય ગુરુદેવ
@manojmandal9150
@manojmandal9150 3 ай бұрын
❤saheb bandagi Saheb jee
@KamarlalDas-vi8ms
@KamarlalDas-vi8ms 4 ай бұрын
Purn Bram srishti ke rachnebale Kabeer parmpita ki Jay ho
@user-rv9fk3on3e
@user-rv9fk3on3e Ай бұрын
अक्षर पुरुस एक पेड़ है निरजंन वाकी डार तीनो देवा शाखा है पात रूप संसार ///////कबीर परमात्मा मूल
@sky69250
@sky69250 4 ай бұрын
Sat Gurusaheb bandgi
@ramaybankira419
@ramaybankira419 3 ай бұрын
साहेब बंदगी सतनाम जी
@gaundsanjay
@gaundsanjay 4 ай бұрын
🙏साहेब बंदगी जी 🙏
@DharamrajTatawat
@DharamrajTatawat 3 ай бұрын
सत गुरु एक समय में एक ही होता है इस समय सत गुरु संत रामपाल जी महाराज जी है
@babulalbajan8866
@babulalbajan8866 3 ай бұрын
Ye sahi bata rahe
@dkgamingyt2937
@dkgamingyt2937 2 ай бұрын
Satnam saheb ji
@vivekkushwaha8736
@vivekkushwaha8736 4 ай бұрын
🙏🏻🌹💐🌹🙏🏻
@babarupadhyaypushkarna9468
@babarupadhyaypushkarna9468 2 ай бұрын
सुंदरियां का खजाना ❤🎉
@GaganDeep-iz6bz
@GaganDeep-iz6bz 4 ай бұрын
Bhut sunder.
@lakshmanchaurasiya1264
@lakshmanchaurasiya1264 4 ай бұрын
Satnam ki ist ichchha se jo adhar bramhand/bhumi aur jeevo ka srijan rachana ki gaee us ko sristi kahte hai❤
@VijayKumar-sp4ok
@VijayKumar-sp4ok Ай бұрын
जीवन देना है खोज और खुद की समस्या है पैदा ही मत करो यह तो मनुष्य के हाथ मे है
@PawanKumar-qo7cw
@PawanKumar-qo7cw 4 ай бұрын
80/. Sahi bataya h
@ArjunPaswan-yf6cc
@ArjunPaswan-yf6cc 2 ай бұрын
😢
@hiralal3517
@hiralal3517 3 ай бұрын
AAP brhmakumarisebakendr prjaye saribate smjh miljayegi Om Shanti good morning Baba
@nandlalpuspakar5293
@nandlalpuspakar5293 4 ай бұрын
🙏सतनाम साहेब बन्दगी साहिब जी🙏
@joharmoments.5071
@joharmoments.5071 4 ай бұрын
Sristi ke baare m,Buddha hi satya h,
@vasavadevavasaadeva3471
@vasavadevavasaadeva3471 4 ай бұрын
Poet
@RamnandanSah-vz2bu
@RamnandanSah-vz2bu 4 ай бұрын
साहेब बदगी तीन वार
@lalmaitkumari5633
@lalmaitkumari5633 Ай бұрын
Sat Saheb Ji 🌈🙏🙏🙏🌈
@chudamanigautam-uh9hq
@chudamanigautam-uh9hq 4 ай бұрын
अपनाकाना सही है। सब झुटका पाजा भासकार दिया जय हो 25:10 25:11
@user-zs8fw1pu7r
@user-zs8fw1pu7r 3 ай бұрын
❤🎉यह पृक्रति कैसे बनी कोई सही नहीं जानता।सब अनुमान है। 😮😅पृथ्वी में जीवन कैसे आया यह भी किसी को नहीं मालुम। विज्ञान भी अभी तक सटीक तथ्य नहीं मिले हैं।😢😮 पृथ्वी में पहले हवा , पानी वगैरह बने हों।जब उपयुक्त वातावरण बना होगा बाद में जीवन आया ।
@sarveshvardalal8160
@sarveshvardalal8160 Ай бұрын
Guru mere sabhi bare apni apni Thor sabad viveki so mathe ka mor.😊
@sadhuashokbhai7983
@sadhuashokbhai7983 3 ай бұрын
har,har,mahadev
@surendrasinghtanwer8688
@surendrasinghtanwer8688 4 ай бұрын
Sahib Bandgi Satnaam ji
@bdahirwar9352
@bdahirwar9352 4 ай бұрын
यह सृस्टि कथा भी वैसी है जैसी,अन्य धार्मिक मान्यतायों जैसे,अब्राहम,ईसा मसीह के परमेस्वर,मुहम्मद पैग़म्बर,के ,अल्लाह,खुदा,,पारसी धर्म के आहोरा,मजदा,हिन्दुओं,के ब्रह्मा,और कृष्ण, ।जबकी बुद्ध इन सबसे अलग विचार रखते हुए कहते है यह प्राकृतिक है मेने कुछ नहीं बनाया ,मेंभी आपकी तरह ,आम इन्शान हूँ,स्वर्ग् नरक काल्पनिक,है,आत्मा परमाता के चक्कर मे नहीं पड़े,उन्होंने अपने आप को मोक्छदाता नहीं माना, मार्गदाता कहा।
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
आपने कभी बाईबल को पढ़ा हो जो ईसाई और यहूदीओ का धर्म ग्रंथ है। उसमें जो स्रष्टी करता का परिचय मिलता है वह अन्य हिन्दू धर्म ग्रंथों से भिन्न है। कभी ब्रह्मा को कभी विष्णु को कभी महेश को स्रष्टी करता कहते हैं। कभी कहते हैं ब्रह्मा ने अपने को दो भाग किया एक नर दुसरा नारी फिर इनके मिलन से सबकुछ कि स्रष्टी हुआ। बहूत हि जटिल है हिन्दू वेद ग्रन्थों को समझना बहुत सी विरोधाभास भी है। कोई पागल मनूष्य परस्परविरोधी बात करते हैं वैसा लगता है। बाईबिल में लिखा है आदि में परमेश्वर ने आकाश और प्रथ्वी की स्रष्टी की। जैसे घर बनाने केलिए सबसे पहले नींव डाली जाती है। आकाश में ही वो सारे स्रोतसे स्थित है जिस से धरती में रहने वाले सारे जीव जन्तुओ को प्रकाश गर्मी पानी बरसात सूर्य चन्द्र तारागण सबकूछ। धरती में भी जीव जन्तुओ को जीवित रहने केलिए आहार, पानी, वायु आदि सारी जरुरी चीजे है। इन सारे वस्तुओ का निर्माण करने के बाद जीव जन्तुओ को बनाया। मनुष्य को भी बनाया। हर वस्तुओ को क्रमवार, systematic बनाया है। बाइबल के अनुसार योजना बंद तरीके से और इसके बाद भविष्य में इस वर्तमान आकाश और प्रथ्वी को नष्ट कर के नया आकाश और प्रथ्वी बना कर इस धरती में से कुछ चूने हुए मनुष्यो को अनन्त जीवन देने का योजना भी है। वह आने वाले एक हजार वर्षो के बाद होगा। उस धरती में जो भी मनुष्य होगा वह अनन्त काल तक जीवित रहेगा। यही बाईबल का स्रष्टी करता यहोवा का लक्ष्य है। इस में कहीं पर भी कोई confusion नहीं है। कोई भी शक कि गूंजाईश भी नहीं है। हिन्दू वेदों में कोई भी योजना नहीं उनके भगवानों में भी अनूकरणीय गूण नहीं है। नर और नारी, शारीरिक संबंध पैदा करने वाले स्रष्टी करता बाप बेटी के साथ संबंध। यह ईश्वरीय गूण नहीं है। स्रष्टी के विषय में सबसे विश्वसनीय इतिहास बाईबल हि है। सारे संसार केलिए है। हिन्दू वेद ग्रन्थ तो सिर्फ़ हिन्दू केलिए जो भारत में रहते हैं। अन्य राज्यों में जो मूर्ति पूजकों के राज्य है उनके ग्रंथ भी उन्हीं केलिए है। भले ही आजकल ईसाई लोगो के जैसा, हिन्दू लोग अन्य राज्यों में भी अपने धर्म के प्रचार कर रहे हैं। ऐसा करने केलिए उनके धर्म ग्रंथों में कहीं पर लिखा ही नहीं है। पर बाईबल में बाईबल के ईश्वरीय योजना जो मानवों केलिए है सब को बताने का आज्ञा दी है।और ईसाई लोग हर जगह जाकर प्रचार करते हैं। क्यों कि ईश्वरीय योजना हर मनूष्यो केलिए है। कोई प्रत्येक जाति और धर्म केलिए नहीं है।
@gopalgope4032
@gopalgope4032 4 ай бұрын
Geeta aur darshan shastra ke age bible kuran kahin tik nahi sakte han isme bhi kuch achhi achhe aur sachhe bat hai jo ved ke age kuch nahi!!
@punarutthan23
@punarutthan23 4 ай бұрын
​​@@gopalgope4032👉 pahle apne tasli kor lo ki, ved, gita me nirakar iswar he vi ki nahi , kya ap sidh kar sakte ho nirakar iswar kisi insaan se bate kiya huwa? Jaisa Bible me nirakar iswar insaan se bate karta he, apna yojna batata he, vabiswabani batata he, reference( Bible Numbers12:8).
@prakashahirwar1371
@prakashahirwar1371 3 ай бұрын
Satsaheb ji
@kailashchandrameena8559
@kailashchandrameena8559 Ай бұрын
कबीर बांणी में गर्भाधान से जीव के जन्म होने तक की यात्रा को सृष्टि की रचना से तुलना की गई है!!
@HeeraLal-pv8be
@HeeraLal-pv8be 4 ай бұрын
Saheb bandagi ji
@VeerSingh-vt5ss
@VeerSingh-vt5ss 4 ай бұрын
सारे धर्मगुरु, जगतगुरु, विश्वगुरु, स्वयंभूगुरु, स्वयंभू जगतगुरु अपने आप को सच्चा गुरु कहते हैं। क्या एक आम आदमी सच्चे-झूठे गुरु की पहचान कर सकता है। अगर आपको पता हो तो हमें भी बताएं कि कैसे पहचानें।
@sasikv4255
@sasikv4255 4 ай бұрын
यह सवाल बहुत अच्छा किया है। किसी को भी पहचान ने के लिए उस का कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं होना चाहिए। मैं किसी को और किसी के साथ तुलना नहीं करूंगा। मैं सिर्फ एक का (उसको मनुष्य कहे या ईश्वर) विषय में कहूंगा। उसको यीशु मसीह कहते हैं।जो 2000साल पहले धरती के बीचो बीच इस्राएल के एक गांव बेतलाहेम में पैदा हुआ। यदि आप को जानने का इश्चा है तो बाईबल नया नियम के लूका रचित सूं समाचार के दुसरा अध्याय को पढ़ सकते हैं। यीशु का जन्म से हजारों सालों पहले ही भविष्य वाणी थी कब कहां किस खानदान में किस गांव में पैदा होगा। ऐसा शायद ही किसी मनुष्य का जन्म का भविष्य वाणी हुआ हो। यीशु मसीह अपने जीवन काल में कूछ ऐसा अद्भुत कार्यों को किया जो कोई भी भगवान ने स्वयं भू गूरू,साधू सन्तों ने नहीं किया और न कर सकते हैं। एक मनुष्य जिसका नाम लाजर था जो मर गया वह यीशु के प्रिय था। उसके बीमारी के विषय में यीशु मसीह को खबर दी पर वह मिलने नहीं आया तीन दिन के बाद यीशु अपने चेलों को कहते हैं कि लाजर मर गया है चलो चलते हैं। जब वहां पहूंचते है लाजर को कब्र में रखे चार दिन हो चुके थे। वह क़ब्र के पास जाकर,बहूत भीड़ भी था, ऊंचे शब्द से कहा कि है लाजर बाहर आ तो लाजर जिन्दा होकर कब्र से बाहर निकल आया। एक और यूवक एक विधवा का एकलौता बेटा मर गया दफ़न करने ले जा रहे थे। विधवा रो रही थी। यीशु लाश को ढोने वाले लोगों को कहा नीचे रखें। उस यूवक का हाथ पकड़कर कहा उठो वह उठ गया।एक लड़की एक अफसर कि बेटी मर गई बीमार थी तो यीशु को बताया था वह जा रहा था तो रास्ते में कोई बोला वह मर गई है अब वहां जाने से मतलब नहीं है। यीशु गया उसका हाथ पकड़ कर उठो बोला उठ गई। एक बार यीशु नाव में बैठकर सो रहे थे। बीच समुद्र में था भयानक तूफान आया समुद्र के लहरें आसमान तक उठ रहे थे । चेले लोग डर गया यीशु को जगाया कहा कि गुरों हम मर जाएंगे तुम्हें कोई चिंता नहीं। उसने तूफान को डांटा। तूफान रुक गया समूद्र के लहरें थम गया। इन दोनों घटनाएं बताती है कि यीशु को जीवन पर अधिकार है। प्राक्रतिक शक्ति उसके कहना मानते हैं। यह मत बोलना कि सब गढ़ी गई कहानी है। बाईबल में कहानी एक भी नहीं है जो लोग साथ में थे अपने आंखों से देखी घटनाएं हैं। कोई भी बीमारी, जन्म से अंधे, लंगड़े, जिनके अंग पूर्ण रूप से विकसित नहीं था दुष्टात्माएं सब को यीशु ठीक किये। और यीशु स्वयम अपने क्रूश पर मारे जाने के विषय में कहा। और तीसरे दिन जी उठने के बारे में भी कहा था। वैसा ही हुआ। क्या दूनिय में कोई है ऐसा व्यक्ति जो अपने ही म्रूत्यु का और पूनरजीवित होने का घोषणा किया हो। कोई नहीं है एक भी नहीं है। यीशु ने जब स्वर्ग कि ओर जा रहे थे कहा मैं लौटकर आऊंगा । सारे संसार में जाकर प्रचार करो कि जो कोई यीशु मसीह पर विश्वास करते हैं उनको स्वर्ग में अनन्त जीवन मिलेगा जो विश्वास नहीं करते हैं वह लोग नरक में तड़प तड़प कर अनन्त काल रहेगा। यीशु के तूल्य कोई नहीं है। यीशु मसीह स्रष्टी करता है।और कोई नहीं है।
@sultanlimba4366
@sultanlimba4366 Ай бұрын
सच्चे गुरु को कोई नहीं पहचान पाते हैं। स्वयं परमात्मा ही कृपा करें तो ही सतगुरु से मिलाप हो सकता है। आजकल क्या पहले भी 9:24 लोग गुरु होने का दावा करते थे । सतगुरु हर कोई नहीं हो सकता। सच्चा गुरु एक समय में एक या दो ही होते हैं। महाराज सावन सिंह जी कहते थे कि एक पूर्ण सतगुरु को अगर एक या दो सच्चे शिष्य मिल जाए तो वे अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं। लेकिन फिर भी उनका कहना था कि एक जिज्ञासु को कभी हार नहीं माननी चाहिए। अगर सारा जीवन भी गुरु की तलाश में लग जाए तो भी कोई बात नहीं। क्योंकि जहां आशा तहां वासा।ऐसे खोजी को फिर मनुष्य जन्म मिलेगा और उसकी तलाश जारी रहेगी और एक दिन अवश्य प्रमात्मा की कृपा होगी। दुनिया में नकली गुरु भरे पड़े हैं एक बार गलत रास्ते लग गये तो मनुष्य जन्म बर्बाद गया। अतः नेक जीवन व्यतीत करते हुए सत्य की खोज में लगे रहें और अपने मन में गुरु प्राप्ति की आग यानी लगन पैदा करें। इससे बड़ा और कोई काम नहीं।
@NavinbhaiDarji-xw6rr
@NavinbhaiDarji-xw6rr 4 ай бұрын
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