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ताजमहल के 31 फैक्ट्स जो साबित करते हैं इतिहासकारों के षडयंत्र को
ताजमहल, शाहजहाँ द्वारा मुमताज़ महल के लिए निर्मित एक अद्वितीय मकबरा है, जो इस्लामिक वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। मृतकों की ममुद्राशियों में कुरान के पाठ उत्कीर्ण हैं, जो इसे धार्मिक महत्ता प्रदान करते हैं। परम्परागत ताज-कथा के अनुसार, मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी ने शाहजहाँ के आदेश पर इस निर्माण का उल्लेख किया है। लेकिन, ईस्ट इंडिया कम्पनी के दौरान प्रचलित धारणा में संदेह उठाया गया था। ताजमहल के रूप-रेखांकनकारों और निर्माण-अवधि पर भी प्रश्न खड़े हुए हैं।
ताजमहल वास्तव में एक राजप्रासाद था, जहां जयसिंह का मयूर-सिंहासन स्थित था। शाहजहाँ की कृपणता और उसके शासनकाल के संक्रामक रोगों और अकाल ने भी निर्माण-कार्य को प्रभावित किया। ताजमहल की संगमरमर-संरचना, अतिथि-मण्डप, सुखद-मण्डप, और राजपूताना शैली के सोने के स्तम्भ और चाँदी के द्वार इसे एक भव्य संरचना बनाते हैं। कलश और बसई जैसे संस्कृत शब्द ताजमहल के मूल मकबरा न होने के दावे को सशक्त करते हैं।
जयसिंहपुरा और खवासपुरा जैसे स्थानों पर रत्न-जटित संगमरमर और लाल पत्थर का उपयोग किया गया था। शाहजहाँ के शासनकाल में निर्मित मुल्ला अब्दुल हमीद का तिथिवृत्त ताजमहल के निर्माण का प्रमुख स्रोत है, लेकिन इसमें कई विसंगतियाँ भी हैं। ताजमहल का समूचा आचारण इसे एक अद्वितीय और ऐतिहासिक धरोहर बनाता है।
शाहजहाँ
मुमताज़ महल
मकबरा
मृतकों की ममुद्राशियाँ
इस्लामिक वास्तुकला
संदेह
कुरान के पाठ
परम्परागत ताज-कथा
मुल्ला अब्दुल हमीद लाहौरी
ईस्ट इंडिया कम्पनी
प्रचलित धारणा
तारीखे-ताजमहल
रूप-रेखांकनकार
निर्माण-अवधि
राजप्रासाद
जयसिंह
मयूर-सिंहासन
कृपण शाहजहाँ
कलश और बसई
संस्कृत शब्द
मुग़ल सम्राट
मूल मकबरा
संगमरमर-संरचना
अतिथि-मण्डप